सरताज अजीज हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में करेंगे शिरकत

पाकिस्तान ने भारत को बताया है कि विदेशी मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज अमृतसर में तीन और चार दिसंबर को आयोजित होने वाले ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

पाकिस्तान ने भारत को बताया है कि विदेशी मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज अमृतसर में तीन और चार दिसंबर को आयोजित होने वाले ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आज कहा, ‘‘पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक पुष्टि मिली है कि अजीज अफगानिस्तान पर आयोजित हार्ट ऑफ एशिया में शिरकत करेंगे।’’ इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी संबोधित करेंगे और इस सम्मेलन में 40 से ज्यादा देश हिस्सा लेंगे।

बीते साल दिसंबर में समग्र द्विपक्षीय वार्ता की घोषणा के बाद यह पाकिस्तान की ओर से पहला उच्च-स्तरीय दौरा होगा। इस साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर पाकिस्तान के आतंकी समूहों की ओर से बोले गए आतंकी हमले समेत विभिन्न आतंकी हमलों के कारण यह वार्ता कभी हो ही नहीं पाई। इन हमलों और इनके बाद हुई घटनाओं के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। अपनी यात्रा के बारे में घोषणा करते हुए अजीज ने इस बात पर जोर दिया कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच ‘तनाव को खत्म’ करने का एक ‘अच्छा अवसर’ हो सकता है, इस बात की पूरी संभावना है कि द्विपक्षीय बैठक हो सकती है। हालांकि इस संदर्भ में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। भारतीय अधिकारी इस बात पर चुप्पी साधे हुए हैं कि सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक होगी या नहीं? लेकिन ऐसा समझा जाता है कि पाकिस्तान का मानना है कि भारत को ऐसे प्रस्ताव पर पहल करनी चाहिए।

सुषमा स्वराज के अस्वस्थ होने के कारण यह बात भी अभी स्पष्ट नहीं है कि वह इस सम्मेलन में शिरकत करने जाएंगी या नहीं। उनके न जाने की स्थिति में उनका कोई कनिष्ठ मंत्री या कोई अन्य केबिनेट मंत्री सम्मेलन में शिरकत कर सकता है। पिछले साल दिसंबर में हार्ट ऑफ एशिया की बैठक की मेजबानी पाकिस्तान ने की थी और सुषमा ने उसमें शिरकत की थी। इस सम्मेलन के बाद उन्होंने अजीज के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी और समग्र द्विपक्षीय वार्ता की बहाली की घोषणा की थी।

भारत ने हाल ही में दक्षेस सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था। यह सम्मेलन इस्लामाबाद में आयोजित होना था। भारत ने पाकिस्तान की ओर से लगातार फैलाए जा रहे सीमा-पार के आतंकवाद का हवाला देते हुए कहा था कि वह ‘मौजूदा परिस्थितियों में’ दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने में असमर्थ है। अजीज के हवाले से कहा गया था कि ‘‘पाकिस्तान में आयोजित होने वाले दक्षेस सम्मेलन से हाथ खींचकर भारत ने सम्मेलन को नाकाम कर दिया, पाकिस्तान इससे भिन्न, भारत में आयोजित होने वाले हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शिरकत करेगा। यह तनाव खत्म करने का अच्छा अवसर है।’’

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