सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय को बताया सबसे बड़ा गद्दार, कहा- उपचुनावों में भाजपा जीतेगी अधिकांश सीटें
कमलनाथ द्वारा भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को ‘‘आइटम’’ कहे जाने पर सिंधिया ने उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे लोगों को मूल्यों और मयार्दाओं का पालन करना चाहिए और समाज में उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
भाजपा में शामिल होने के बाद राज्यसभा के निर्वाचित हुए सिंधिया ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी राज्य में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में, लगभग 30 प्रतिशत, एक साथ पार्टी छोड़ गए हों। यह राज्य के नेतृत्व, जिसकी कमान कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के हाथों में है, के प्रति विश्वास व आस्था के अभाव को दर्शाता है।’’ उपचुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें ‘‘गद्दार’’ कहे जाने को लेकर पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा कि वह राजनीति में ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से अमूमन परहेज करते है क्योंकि उनका मानना है कि राजनीति में एक सीमा होनी चाहिए और उसका अनुपालन होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे वास्तव में ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं तो मध्य प्रदेश में सबसे बड़े गद्दार कमलनाथ और दिग्विजय सिंह हैं। वे मध्य प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के गद्दार हैं क्योंकि कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया गया। निजी फायदे की गतिविधियों में वे संलिप्त रहें और उन्होंने लोगों की सेवा करने की बजाय सत्ता और कुर्सी को ज्यादा तरजीह दी।’’ कमलनाथ द्वारा भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को ‘‘आइटम’’ कहे जाने पर सिंधिया ने उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे लोगों को मूल्यों और मयार्दाओं का पालन करना चाहिए और समाज में उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।मैंने सदैव कहा है की सुख के समय मे, मैं आपके बीच रहूँ या न रहूँ, लेकिन खुदा न करे क्षेत्र में कोई विपत्ति आये तब सिंधिया परिवार का मुखिया होने के नाते आपके बीच सदैव खड़ा रहा हूँ। इस क्षेत्र से मेरा एक विशेष लगाव है; आपकी हर पीड़ा को सुनना मेरा कर्तव्य ही नही मेरा धर्म भी है। pic.twitter.com/CpdVqZ485X
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 26, 2020
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यह पूछे जाने पर कि क्या वह महाभारत के अर्जुन की तरह दुविधा में नहीं हैं क्योंकि जिनके साथ उन्होंने काम किया और लड़ाइयां लड़ी आज वह उन्हीं के खिलाफ बोल रहे है, इसके जवाब में सिंधिया ने कहा कि वह मध्य प्रदेश की जनता के हित में यह लड़ाई लड़ रहे हैं। सिंधिया ने कहा कि उनके पिता माधवराव सिंधिया, दादी विजयाराजे सिंधिया और खुद उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए राजनीति की राह पकड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए राजनीतिक दल जन कल्याण के उस लक्ष्य तक पहुंचने का एक माध्यम है। इसलिए मेरे लिए राजनीति महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण जन सेवा का लक्ष्य है।’’ उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जो भी जरूरत होगी, वह करेंगे। ‘‘चाहे जिनके साथ 20 से ज्यादा साल तक काम किया, उनसे लड़ना अपरिहार्य है तो वह भी सही।’’ सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ की सरकार जिस तरीके से काम कर रही थी, उसे बदलने की उन्होंने कोशिशें की। ‘‘मैंने हरसंभव प्रयास किया, जब स्थितियां नहीं बदली तो मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था।’’ उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस मध्य प्रदेश की सत्ता में आई तो लोगों की बहुत सारी आकांक्षाएं थी और उन्हें पूरी करने की जिम्मेदारी कमलनाथ के कंधों पर थी लेकिन उन्होंने 15 महीने एक ‘‘भ्रष्ट सरकार’’ चलाई।
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