हिमाचल प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर अधिक घातक, 2262 लोगों की मृत्यु हुई

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दूसरी लहर में मामलों में पॉजिटिविटी दर बढ़ कर दोगुनी से भी अधिक हो गई है। दूसरी लहर में कोविड-19 के कारण 2262 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई जबकि पहली लहर के दौरान 982 लोगों की मृत्यु हुई थी।

शिमला। हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 की पहली तथा दूसरी लहर के किए गए विश्लेषण के अनुसार दूसरी लहर पहली से अधिक घातक साबित हुई है। उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान प्रदेश में मार्च, 2020 में कोविड का पहला मामला दर्ज होने के बाद से 23 फरवरी, 2021 तक 58403 मामलों के मुकाबले दूसरी लहर में चार मई, 2021 तक 1,35,521 मामले दर्ज किए गए। पहली लहर में औसतन 171 मामले प्रतिदिन दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में लगभग 8 गुना अधिक औसतन 1342 मामले प्रतिदिन दर्ज किए गए।

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दूसरी लहर में मामलों में पॉजिटिविटी दर बढ़ कर दोगुनी से भी अधिक हो गई है। दूसरी लहर में कोविड-19 के कारण 2262 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई जबकि पहली लहर के दौरान 982 लोगों की मृत्यु हुई थी। प्रदेश में कोविड-19 से हुई कुल मृत्यु में से 69.7 प्रतिशत मृत्यु दूसरी लहर के दौरान हुई है। मरने वालों की औसतन आयु पहली लहर में 64.2 वर्ष थी, जबकि दूसरी लहर में यह औसतन आयु घट कर 61 वर्ष दर्ज की गई है। पहली लहर के दौरान 1.68 प्रतिशत मृत्यु दर दर्ज की गई, जबकि दूसरी लहर में यह दर 1.67 प्रतिशत रही। पहली लहर में मरने वालों में से लगभग 70 प्रतिशत लोग को-मॉर्बिडिटीज़ से पीड़ित थे, जबकि दूसरी लहर में मरने वालों में केवल 41.6 प्रतिशत लोग ही को-मॉर्बिडिटीज़ से पीड़ित थे। कोविड-19 की दूसरी लहर में 8.95 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु घर पर हुई, जबकि पहली लहर में 5.09 प्रतिशत मरीजों का निधन घर पर हुआ। प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड-19 की पहली तथा दूसरी लहर में हुई मृत्यु दर में कोई विशेष अंतर नहीं है, जिससे यह प्रदर्शित होता है कि प्रदेश सरकार ने समय पर सभी आवश्यक कदम उठाते हुए ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, स्टेरॉयड तथा अन्य दवाइयां उपलब्ध करवाकर और बिस्तर क्षमता में बढ़ोतरी कर तैयारी कर ली थी।

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प्रदेश में कोविड के मामलों तथा पॉजिटिविटी दर में गिरावट आई है। गत पांच दिनों में प्रदेश में पॉजिटिविटी दर लगभग 6 प्रतिशत दर्ज की गई है। लेकिन टीकाकरण के साथ-साथ कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाते हुए सही ढंग से मास्क पहनना, हाथ धोना तथा परस्पर दूरी बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने आज यहां कहा कि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को उनके घर-द्वार पर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से जीवनधारा योजना चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जीवनधारा मोबाइल हेल्थ तथा वैलनेस सेंटर के तहत 10 मेडिकल मोबाइल यूनिट ऐसे क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, जिनमें बी.पी., मधुमेह, विभिन्न कैंसर सहित अन्य बीमारियों से संबंधित विभिन्न जांच की जा रही है। मेडिकल मोबाइल यूनिट में सभी आवश्यक दवाइयां तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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मिशन निदेशक ने कहा कि जीवनधारा के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच सहित ओ.पी.डी. सुविधा भी प्रदान की जा रही है। जीवनधारा के तहत 21 मार्च, 2021 तक कुल 18064 मरीजों की जांच की गई तथा 9833 टेस्ट किए गए। उन्होंने कहा कि जीवनधारा मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। जीवनधारा के तहत प्रदेश में मई, 2021 के दूसरे सप्ताह से इन मोबाइल वैन को कोविड-19 के रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए तैनात किया गया है और 30 मई, 2021 तक 7 जिलों में कोविड की जांच के लिए 5267 रेपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। जीवनधारा मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है।

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