अमरिंदर के साथ काम नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे दें सिद्धू

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[email protected] । May 20 2019 7:47PM

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्र के मुख्यमंत्री का समर्थन करने के बाद सोमवार को वन मंत्री धरमसोट ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सिद्धू का हालिया बयान पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है और इससे पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है।

चंडीगढ़। पंजाब सरकार में मंत्री साधु सिंह धरमसोट ने सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू को कहा कि यदि वह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते तो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दें। धरमसोट का यह बयान अमरिंदर सिंह के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें सिंह ने सिद्धू पर चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच तनाव बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री के समर्थन में एक-एक कर कई मंत्री सामने आने लगे हैं। अमरिंदर सिंह ने राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मामलों के मंत्री सिद्धू को अपने खिलाफ टिप्पणी को लेकर निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि सिद्धू संभवत: महत्वाकांक्षी हैं और मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्र के मुख्यमंत्री का समर्थन करने के बाद सोमवार को वन मंत्री धरमसोट ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सिद्धू का हालिया बयान पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है और इससे पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है। धरमसोट ने कहा, ‘‘सिद्धू ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब पूरी कांग्रेस एकजुट होकर पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें जीतने की कोशिश कर रही थी। पार्टी हाईकमान को इन टिप्पणियों का संज्ञान लेना चाहिये। यदि सिद्धू को लगता है कि वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं कर सकते हैं तब उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिये।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है अब भी उनकी महत्वाकांक्षा काफी अधिक बनी हुई है और वह कहीं भी जाते हैं तो असंतुष्ट रहते हैं। जब वह भाजपा में थे, संतुष्ट नहीं थे। आज उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है, कल संभव है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी से भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिले। मतलब है कि वह कहीं भी जाते हैं, उनके पास दिक्कतें होती हैं।’’ धरमसोट ने कहा कि कांग्रेस ने सिद्धू को उनकी क्षमता से अधिक दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति गंभीर पेशा है, हम सभी इसमें लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने तथा गरीब एवं कमजोर वर्ग का जीवनस्तर ऊपर उठाने के लिये हैं। पद और कुर्सी के लिये भागदौड़ लक्ष्य नहीं होना चाहिये। निजी तौर पर मुझे लगता है कि सिद्धू को पार्टी ने उनकी क्षमता से अधिक दिया है।’’

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