नहीं देखी होगी ऐसी दीवानगी, नीतीश कुमार की जीत पर अपनी उंगलियां काट लेता है ये फैन

Nitish Kumar
अंकित सिंह । Nov 25 2020 8:58PM

नीतीश कुमार ने अब तक अपने लंबे राजनीतिक सफर में ऐसे कई प्रशंसक देखे होंगे जो उनके जीत और हार से खुश और निराश होते होंगे पर ऐसा प्रशंसक उन्हें कम ही देखने को मिला होगा जो अपनी उंगली काट दे।

इंसान चाहे फिल्म इंडस्ट्री में हो या फिर राजनीति में, हर जगह उसके प्रशंसक हो ही जाते हैं। इन प्रशंसकों में कुछ ऐसे भी होते हैं जो सबसे अलग है। ऐसा ही एक प्रशंसक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है। नीतीश कुमार ने अब तक अपने लंबे राजनीतिक सफर में ऐसे कई प्रशंसक देखे होंगे जो उनके जीत और हार से खुश और निराश होते होंगे पर ऐसा प्रशंसक उन्हें कम ही देखने को मिला होगा जो अपनी उंगली काट दे। जी हां, ऐसा ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक प्रशंसक जहानाबाद का है। दरअसल, जहानाबाद के रहने वाले अनिल शर्मा उर्फ अली बाबा ने नीतीश कुमार के लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी चौथी उंगली की बलि दे दी।

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अनिल शर्मा ने 2005 में अपनी पहली उंगली काटी थी जब मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने शपथ लिया था। उसके बाद दूसरी उंगली उसने 2010 में काटी। तीसरी 2015 में और अब जाकर अपनी चौथी उंगली भी उसने काट ली है। उसकी इस हरकत के बाद कुछ लोग उसे मानसिक तौर पर बीमार बता रहे है तो कुछ उसे सनकी भी कह रहे है। लेकिन सवाल भी यही है कि आखिर वह है क्या? अनिल शर्मा अपनी उंगली काटने के बाद उसे गौरैया बाबा के मंदिर में चढ़ा देते है। ऐसा सिर्फ और सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि उनके पसंदीदा नेता हैं नीतीश कुमार। अनिल शर्मा जहानाबाद के घोसी थाना इलाके में आने वाले वैना गांव के हैं। वे फिलहाल 45 साल वर्ष के हैं।

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गांव के लोग बताते हैं कि अनिल शर्मा ने गौरैया बाबा से यह मन्नत मांग रखी है कि जब-जब नीतीश कुमार के सर सीएम का सेहरा बंधेगा तब-तब वह अपनी उंगली काट कर उन्हें समर्पित करेंगे। क्योंकि इसी वजह से इस बार भी उन्होंने अपनी चौथी उंगली गौरैया बाबा पर चढ़ा दें। हालांकि डॉक्टरों की मानें तो उंगली काटना या उसकी बलि देना एक तरह की मानसिक बीमारी है। उसे self-injury कहते है। ऐसे मामले में इंसान जानबूझकर अपने शरीर को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि इसे आत्महत्या की कोशिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में इंसान को भावनात्मक दर्द, हताशा या फिर गुस्से या खुशी को दर्शाने का मौका मिलता है।

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