TMC ने राजद्रोह कानून पर SC के निर्णय का किया स्वागत, कहा- “दमनकारी कानून” को निरस्त कर देना चाहिए

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न्यायालय ने बुधवार को दिए अपने आदेश में राजद्रोह कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने, जांच और अन्य कार्यवाहियों पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक सरकार का कोई “उचित मंच” इस औपनिवेशिक काल के कानून पर फिर से गौर नहीं कर लेता।

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा राजद्रोह कानून के तहत सभी कार्यवाहियों पर रोक लगाने का स्वागत किया और कहा कि इस “दमनकारी कानून” को निरस्त कर देना चाहिए। न्यायालय ने बुधवार को दिए अपने आदेश में राजद्रोह कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने, जांच और अन्य कार्यवाहियों पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक सरकार का कोई “उचित मंच” इस औपनिवेशिक काल के कानून पर फिर से गौर नहीं कर लेता। तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर राय ने ट्वीट किया, “उच्चतम न्यायालय ने पुनः एक ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। न्यायालय ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत सभी लंबित मामलों, अपील और कार्यवाही पर रोक लगाई जाती है और जब तक पुनः परीक्षण नहीं कर लिया जाता तब तक इस प्रावधान का प्रयोग नहीं किया जाएगा। स्वागत योग्य निर्णय।” 

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बाद में राय ने संवाददाताओं से कहा, “ब्रिटिश काल के इस दमनकारी कानून को निरस्त कर देना चाहिए।” तृणमूल की नेता और सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि “लोकतंत्र के लिए यह महान दिन है।” उन्होंने ट्वीट किया, “राजद्रोह कानून पर रोक लगाई गई। उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद।” उन्होंने लिखा, “विजय हुई। उच्चतम न्यायालय ने 124ए पर रोक लगाई। नए मामले दर्ज नहीं किये जा सकेंगे। वर्तमान मामलों में जमानत और रिहाई के लिए आवेदन किया जा सकेगा। मेरे वकील वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण को उनके एक पन्ने की दलील के लिए धन्यवाद जिसने आज कमाल कर दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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