टीएस सिंहदेव ने तोड़ी चुप्पी, छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन पर दिया यह जवाब

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बाद में बातचीत के दौरान सिंहदेव ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन, यह होगा या नहीं, इससे संबंधित निर्णय पार्टी आलाकमान के पास है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि आलाकमान के साथ हुई बैठक में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा हुई थी या नहीं।

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से संबंधित निर्णय पार्टी आलाकमान के पास है। सिंहदेव ने शनिवार को नई दिल्ली से लौटने के बाद रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान यह कहा। सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनकी राय भी सुनी। पूरा मामला आलाकमान के पास है और अंतिम फैसला उन्हीं को करना है। यह स्वाभाविक है कि कुछ चीजें रहती हैं जिनमें कुछ समय लगता है। जो भी फैसला होगा वह हम सभी को स्वीकार्य होगा।’’ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में कई विधायकों और मंत्रियों के दिल्ली दौरे के संबंध में पूछे जाने पर सिंहदेव ने कहा कि अगर वह (विधायक) अपनी मंशा से दिल्ली गए थे, इसमें कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि यह सच है कि पुनिया जी ने कहा था कि विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया गया है। इसके बावजूद अगर वे अपने आप वहां चले गए तब इसमें कुछ भी नहीं है। क्योंकि यह एक स्वतंत्र देश है।’’ बाद में बातचीत के दौरान सिंहदेव ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन, यह होगा या नहीं, इससे संबंधित निर्णय पार्टी आलाकमान के पास है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि आलाकमान के साथ हुई बैठक में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा हुई थी या नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्रीय नेतृत्व ढाई साल में मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के वादे का सम्मान करने जा रहा है तब उन्होंने कहा कि पार्टी ने कभी यह घोषित नहीं किया है कि यह वादा किया गया है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार के ढाई वर्ष पूरे करने के बाद मुख्यमंत्री के पद के लिए ढाई—ढाई वर्ष के फार्मूले की चर्चा है। इस चर्चा के बीच बीते मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बुलावे पर भूपेश बघेल दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान राहुल गांधी ने बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। नई दिल्ली में मंगलवार को बघेल और सिंहदेव की राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने संवाददाताओं से कहा था कि बैठक में विकास के मुद्दों पर चर्चा की गई। नेतृत्व परिवर्तन पर बातचीत नहीं हुई है। 

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बुधवार को दिल्ली से रायपुर पहुंचने के बाद बघेल ने कहा था कि जो लोग ढाई साल की बात कर रहे हैं, वह राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे। लेकिन इसके दूसरे ही दिन बृहस्पतिवार को बघेल को एक बार फिर दिल्ली से बुलावा आ गया। इस बीच उनके समर्थक विधायक और मंत्री भी दिल्ली पहुंच गए। इस दौरान विधायक छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया और पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिले थे।शुक्रवार को दोपहर बाद राहुल गांधी के साथ बघेल की नई दिल्ली में बैठक हुई। दो घंटे तक चली बैठक के बाद बघेल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने गांधी को छत्तीसगढ़ आने न्योता दिया है। शनिवार को जब कांग्रेस विधायकों के साथ मुख्यमंत्री बघेल रायपुर विमानतल पहुंचे तब बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया और उनके समर्थन में नारे लगाए। छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे हैं। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।

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