Prabhasakshi NewsRoom: भूकंप के चौथे झटके के बाद Turkiye, Syria में मृतकों का आंकड़ा 5000 के करीब

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तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने विनाशकारी भूकंप से बड़ी संख्या में लोगों की मौत को देखते हुए सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। भूकंप से तुर्किये की कई ऐतिहासिक इमारतों को भी गंभीर नुकसान पहुँचा है।

तुर्किये में भूकंप के झटकों का आना लगातार जारी है। सोमवार के विनाशकारी भूकंप के झटकों के बाद मंगलवार को भी सेंट्रल तुर्किये में भूकंप के झटके महसूस किये गये। इसी के साथ ही तुर्किये और सीरिया में भूकंप से मरने वलों की संख्या 5000 के करीब पहुँच गयी है। हम आपको बता दें कि सन् 2000 के बाद किसी भूकंप में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गये हैं। दोनों देशों में जिस कदर तबाही हुई है उसको देखते हुए माना जा रहा है कि मृतकों का यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। इस बीच, दोनों ही देशों में राहत और बचाव कार्य जारी है। राहत और बचाव कार्यों में भारत समेत कई देश भी मदद कर रहे हैं। दोनों देशों में बचाव दल हजारों इमारतों के मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं।

भारत सरकार ने तुर्किये में NDRF की 2 टीमें भेजी हैं। इस बचाव अभियान टीम में 47 लोग हैं जिनके साथ 3 वरिष्ठ अधिकारी भी हैं। टीम में पैरामेडिकल स्टाफ और मेडिकल उपकरण भी हैं। हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तुर्किये में भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए जैसे ही घोषणा की थी उसके कुछ घंटे बाद ही भारतीय वायु सेना के विमान के जरिए भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुरंत तुर्किये रवाना कर दी थी।

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प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्किये गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुर्किये भेजा जाएगा। इसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के विशेष खोज एचं बचाव दल शामिल हैं, जिसमें पुरुष एवं महिला कर्मी, श्वान दस्ता, चिकित्सकीय आपूर्ति, उन्नत ‘ड्रिलिंग’ उपकरण और सहायता प्रयासों के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण उपकरण शामिल हैं। इस बीच, भारत में तुर्किये के राजदूत फ़िरात सुनेल ने भारत सरकार की सहायता की पेशकश के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि ‘‘जरूरत के समय काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है।''

हम आपको यह भी बता दें कि तुर्किये और सीरिया में भूकंप की भविष्यवाणी तीन दिन पहले ही कर दी गयी थी लेकिन तब इसे मजाक समझा गया था और किसी ने ध्यान नहीं दिया लेकिन अब भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करने वाले सोलर सिस्टम जियोमेट्री सर्वे के अध्येता फ्रैंक हूगरबीट्स की ट्विटर पर की गयी भविष्यवाणी वायरल हो रही है। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि आज नहीं तो कल दक्षिण-मध्य तुर्किए, जॉर्डन, सीरिया और लेबनान के आसपास के क्षेत्र में 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा। उनके इस ट्वीट पर कुछ लोगों ने उन्हें झूठा वैज्ञानिक करार दिया था लेकिन अब उनके फॉलोवरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खास बात यह है कि सोमवार को भूकंप आने के बाद फ्रैंक हूगरबीट्स ने अपनी शोध संस्था के एक ट्वीट को रीट्वीट कर एक और भूकंप की आशंका जताई जोकि तीन घंटे बाद फिर सच साबित हो गयी।

इस बीच, तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने विनाशकारी भूकंप से बड़ी संख्या में लोगों की मौत को देखते हुए सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। भूकंप से तुर्किये की कई ऐतिहासिक इमारतों को भी गंभीर नुकसान पहुँचा है। इस समय तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों ने शॉपिंग मॉल, स्टेडियमों, मस्जिदों और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर जाने की होड़ में तुर्किये में कई जगह यातायात जाम की स्थिति भी देखी जा रही है जिससे राहत कार्यों में लगे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों से सड़कों पर भीड़ नहीं करने की अपील की है। लोगों से इलाके की मस्जिदों में शरण लेने के लिए कहा जा रहा है क्योंकि सर्दी के मौसम में बाहर तमाम तरह की दुश्वारियों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने तुर्किये के राष्ट्रपति से बात कर दुख की इस घड़ी में संवेदना जताई है और मदद की पेशकश की है।

उधर, सीरिया में भी हालात बेहद खराब नजर आ रहे हैं। पहले ही गृह युद्ध जैसे हालात से जूझ रहे देश में भूकंप से जबरदस्त तबाही हुई है और कई ऐतिहासिक इमारतें जमींदोज हो गयी हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सीरिया के पुरातत्व व संग्रहालय महानिदेशक ने बताया है कि भूकंप की वजह से ईसाई धर्मयोद्धाओं द्वारा निर्मित मरकब या निगरानी दुर्ग की दीवारें, मीनार और कुछ अन्य दीवारें ध्वस्त हो गईं हैं। प्राचीन काल में यहां से भूमध्य सागर पर नजर रखी जाती थी। वहीं सीरिया में भूकंप से एक नई मुश्किल यह खड़ी हो गयी है कि उत्तर-पश्चिमी सीरिया की जेल में कैदियों ने बगावत कर दी है और कई खूंखार कैदी जेल से भाग गये हैं। बताया जा रहा है कि जो कैदी भागे हैं उनमें अधिकतर आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े थे। सीरिया में अस्पतालों की हालत भी दयनीय है जिससे घायलों को ठीक उपचार नहीं मिल पा रहा है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र मिशन से जुड़ी एजेंसियां दोनों देशों में राहत और बचाव के लिए पहुँच गयी हैं लेकिन प्राकृतिक आपदा का जो भयावह स्वरूप है उसको देखते हुए इसमें लंबा समय लग सकता है।

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