दिल्ली के स्कूली शिक्षा पर केंद्रीय मंत्री ने उठाए सवाल, सिसोदिया ने ऐसे किया पलटवार

sisodia and annapurna
अंकित सिंह । Jun 4 2022 1:39PM

अपने ट्वीट में अन्नपूर्णा देवी ने लिखा कि दिल्ली सरकार की समस्या यह है कि इन्होंने काम कम किया, प्रचार ज्यादा, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में। आत्ममुग्धता लाईलाज बीमारी है, जिससे "आप" ग्रसित हैं। धूल "आप" के चेहरे पे है और "आप" आईने को दोष दिए जा रहे हैं। NAS ने जो दिखा, वही दिखाया।

एक ओर जहां दिल्ली सरकार लगातार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा करती हैं। वहीं केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिल्ली के शिक्षा व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिए हैं। नेशनल अचीवमेंट सर्वे रिपोर्ट 2021 को लेकर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिल्ली सरकार पर कई प्रश्न खड़े किए। वहीं दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का भी पलटवार आ गया। अपने ट्वीट में अन्नपूर्णा देवी ने लिखा कि दिल्ली सरकार की समस्या यह है कि इन्होंने काम कम किया, प्रचार ज्यादा, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में। आत्ममुग्धता लाईलाज बीमारी है, जिससे "आप" ग्रसित हैं। धूल "आप" के चेहरे पे है और "आप" आईने को दोष दिए जा रहे हैं। NAS ने जो दिखा, वही दिखाया। आपका पैबंद दिख गया, तो "आप" खफा हुए जा रहे हैं।

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अन्नपूर्णा देवी ने आगे लिखा कि दरअसल, नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की रिपोर्ट में दिल्ली का प्रदर्शन कई विषयों में, कई कक्षाओं में राष्ट्रीय औसत की तुलना में बेहद खराब रहा। कुछ मामलों में तो ये बॉटम लाइन पर संघर्ष कर रहे हैं। करोड़ों के विज्ञापन पोतकर चमकाए गए चेहरे पर दाग दिख गया, तो अब ये NAS को दोष दे रहे हैं। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर पलटवार किया। हालांकि उन्होंने इसमें किसी का नाम नहीं लिया। अपने ट्वीट में सिसोदिया ने लिखा कि गुजरात के सरकारी स्कूलों को लेकर आज वडोदरा में जनसंवाद किया। इस दौरान साथियों ने 27 साल में बीजेपी के सरकारी स्कूल बनाम 7 साल में दिल्ली के स्कूल के फ़ोटो-प्रदर्शनी का भी आयोजन किया। आप खुद देखिए क्या हाल है गुजरात के सरकारी स्कूलों का। 

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सिसोदिया ने लिखा कि आज जनसंवाद में लोगों ने खुलकर बोला कि 27 साल में गुजरात में सरकारी स्कूलों को बीजेपी ने बर्बाद कर दिया। सरकारी स्कूल बंद करके प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा दिया। यहाँ तक कि जिन नेताओं को सरकारी स्कूल ठीक करवाने थे उन्होंने खुद अपने प्राइवेट स्कूल खोल लिए। देश भर के शिक्षामंत्री शिक्षा सम्मेलन में गुजरात आए तो पूरा एक दिन राज्य सरकार ने अपनी उपलब्धियों को दिखाने के लिए रखा. लेकिन दुःख की बात है कि शिक्षामंत्रियों को एक भी स्कूल राज्य सरकार नहीं दिखा पाई।

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