उत्तर प्रदेश की खबरें: ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा बोले, विद्युत आपूर्ति में स्मार्ट बने लखनऊ

Shrikant Sharma

ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए राजधानी लखनऊ के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार प्रदेशवासियों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इसी बीच आज बात होगी उत्तर प्रदेश की प्रमुख खबरों के बारे में, प्रदेश में जन जीवन पूरी तरह सामान्य होने के कारण स्कूल फिर से खुल गए।

फिर खुले स्कूल

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने आज प्राथमिक विद्यालय मकदूमपुर लखनऊ, का आकस्मिक निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सावधानी अभी भी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा शिक्षक एवं शिक्षिकाएं ध्यान रखे कि स्कूल में सभी बच्चे मास्क अवश्य पहने और कोविड-19 के नियमों का पूरा पालन अवश्य किया जाये इसका विशेष ध्यान रखा जाये। स्कूल में सेनेटाईजर, मास्क तथा हाथ धोने की व्यवस्था अवश्य की जायेगी। 

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डा. द्विवेदी ने प्राथमिक विद्यालय के कक्षा-01, 02, 04, 05 का निरीक्षण के दौरान बच्चों से कहा स्कूल में मेहनत से पढ़ाई करो एवं शिक्षकों द्वारा जो पढ़ाया जाये उसको ध्यान से पढ़ना है तथा किसी प्रकार की समस्या है, तो शिक्षकों से अवश्य बताएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद के लिए एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया गया, नामित अधिकारियों से सभी जनपदों के स्कूल संचालन की जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी। नोडल अधिकारी स्कूलों में जायेगे और वह स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकॉल व निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।

डा. द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में कोविड-19 की वैश्विक महामारी की स्थिति पूरी तरह नियन्त्रण में है और जनजीवन सामान्य है तथा प्रदेश में कोविड-19 के टीकाकरण अभियान तीव्र गति से चल रहा है और अब तक प्रदेश में 06 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। इन्हीं सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अब सभी कक्षाओं के स्कूल खोल दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर शिक्षक व शिक्षिकाओं का कोविड-19 का टीकाकरण हो गया है यदि कही कोई शिक्षक व शिक्षिकाएं टीकाकरण से छूट गये हैं तो उनका टीकाकरण शीघ्र कराये जाने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि स्कूल में बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाये तथा बच्चों को मेहनत से शिक्षा प्रदान की जाये। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि स्कूल में पठन-पाठन के साथ ही बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाये, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जायेगी।

डा. द्विवेदी ने प्राथमिक विद्यालय मकदूमपुर के निरीक्षण के दौरान पाया कि ऑपरेशन कायाकल्प योजना के अंतर्गत विद्यालय में निर्माण व सौन्दर्यीकरण आदि कार्य बेहतर ढंग से कराये गये हैं, जिसके लिए उन्होंने उपस्थित ग्राम प्रधान देवेश कुमार यादव की सराहना की।

इस अवसर पर निदेशक बेसिक शिक्षा डा. सवेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह, खण्ड शिक्षा अधिकारी इन्दिरा देवी, ग्राम प्रधान देवेश कुमार यादव, विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनीष खरे सहित अन्य शिक्षक, शिक्षिकाएं तथा स्कूल के बच्चे आदि उपस्थित थे। 

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प्रतियोगिता से मिलेंगे बेहतर खिलाड़ी

खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने अलीगंज स्थित निदेशालय पंचायतीराज भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम नवनियुक्त क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी तथा व्यायाम प्रशिक्षकों की विभागीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए सभी नवनियुक्तों को बधाई दी एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि एक सीखने वाला व्यक्ति पूरे जीवन कुछ न कुछ सीखता है और अपने अन्दर सुधार लाकर विभाग एवं प्रदेश का नाम रोशन करता है। प्रत्येक काम को वह एक चुनौती के रूप में लेता है तथा बेहतर से बेहतर करने का प्रयास करता है।

उपेन्द्र तिवारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विभागीय कार्यों को पूरी तत्परता एवं कर्मठता से करें। विभाग में अब अधिकारियों की कमी को लगभग पूर्ण कर लिया गया है। आप सब के प्रयास से विभाग बेहतर कार्य करे एवं शासन की मंशा के अनुरूप बेहतर खिलाड़ी पैदा करने, का लक्ष्य भी पूर्ण होना चाहिए। टोक्यो ओलम्पिक में पदक विजेताओं ने जिस प्रकार देश का मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ाया है, उससे प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पदक विजेताओं में उप्र के खिलाड़ियों का प्रतिभाग अधिक से अधिक हो इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा।

तिवारी ने नवनियुक्त अधिकारियों से ब्लाक स्तर पर प्रतियोगिताओं को आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिताओं से प्रतिस्पर्धा बढेगी एवं प्रतिस्पर्धाएं बढ़ने पर ग्रामीण अंचल से प्रतिभाएं सामने आएंगी। तिवारी ने कहा कि ऐसे स्टेडियम जहां पर खिलाड़ी खेलने आते हैं वहाँ पर एक-एक व्यायाम प्रशिक्षक की तैनाती सुनिश्चित हो। प्रत्येक ग्राम सभा से युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल का गठन पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ग्राम सभा बड़ी है तो पुरवों से भी एक-एक मंगल दल का गठन किया जा सकता है। इसमें किसी भी स्तर पर अनियमितता या लापरवाही पायी गयी तो संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

उपेन्द्र तिवारी ने युवा कल्याण अधिकारियों एवं ब्लाक आर्गेनाइजरों को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से सम्पर्क कर खिलाड़ियों को ब्लॉक स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में शामिल होने हेतु प्रयास करें एवं उनका सहयोग प्राप्त करें। चयनित खिलाड़ियों की अगली प्रतियोगिता जिले स्तर पर हो, उसके पश्चात प्रदेश स्तर पर, इससे हमें कुशल एवं उत्कृष्ट खिलाड़ी मिलेंगे जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश एवं प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। 

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खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि एसडीएम से सम्पर्क कर ग्राम सभा में खाली सरकारी जमीन की जानकारी ले एवं उसे आउटडोर एवं इनडोर खेल मैदान के रूप में विकसित करने का कार्य करें। किसी भी स्तर पर आने वाली परेशानियों हेतु विभाग के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करें, उसका निराकरण कराया जायेगा। उन्होंने ब्लॉक आर्गेनाइजरों से कहा कि ग्राम सभाओं में प्रधान एवं सेक्रेटरी से सम्पर्क कर ग्रामसभा की खाली जमीन पर ओपन जिम विकसित करें, जिसका लाभ ग्रामसभा के युवा उठा सकें। ओपन जिम सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। तिवारी ने कहा कि जनोपयोगी कार्यों जैसे वृक्षारोपण, साफ-सफाई इत्यादि में अपना सहयोग प्रदान करें, इससे हमारा वातावरण स्वच्छ होगा एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी कम होंगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डिम्पल वर्मा, उपनिदेशक शिल्पी पाण्डेय, उपनिदेशक मेघना सोनकर, उपनिदेशक सी.पी. सिंह सहित अन्य विभागयी अधिकारी उपस्थित थे।

अन्त्येष्टि स्थलों के निर्माण के 32 करोड़ की धनराशि अवमुक्त

अन्त्येष्टि स्थलों पर बुनियादी सुविधायें विकसित करने के लिए नगरीय निकायों द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नगरीय निकायों में आवश्यकतानुसार विद्युत शवदाह गृह, प्रदूषण मुक्त लकड़ी आधारित शवदाह संयत्र (ऊर्जा माडल) एवं परम्परागत शवदाह गृह का निर्माण कराया जा रहा है।

नगर विकास विभाग से उपलब्ध जानकारी के अनुसार कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश के बड़े नगरीय निकायों यथा नगर निगमों, में विद्युत शवदाह गृह के निर्माण एवं संचालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत 01 वर्ष में प्रदेश के नगरीय निकायों में अन्त्येष्टि स्थलों के निर्माण के 159 कार्य हेतु कुल लगभग 32 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की गयी है। नगर विकास विभाग प्रदेश के सभी नगर निगमों एवं बड़ी नगर पालिकाओं में हरित शवदाह गृहों एवं विद्युत शवदाह गृहों की स्थापना के लिए कृत संकल्पित है।

प्रदेश के सभी नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों को अन्त्येष्टि स्थलों पर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं। प्रत्येक अन्त्येष्टि स्थल पर स्थानीय निकाय द्वारा नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं, जिनके द्वारा अन्त्येष्टि स्थलों की मानीटरिंग करते हुए आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जा रही है। कोविड-19 के संक्रमण से होने वाली मृत्यु के अन्तिम संस्कार निःशुल्क किये जा रहे हैं। निःशुल्क अन्तिम संस्कार हेतु अधिकतम रू. 5000 की सीमा निर्धारित की गयी है। 

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सभी तटबन्ध सुरक्षित

राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में 2.7 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 7.6 मिमी के सापेक्ष 36 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 580.7 मिमी औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 628.9 मिमी के सापेक्ष 92 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि घाघरा एलग्रीनब्रिज बाराबंकी व तुर्तीपार बलिया, राप्ती बांसी सिद्धार्थनगर एवं बर्डघाट गोरखपुर में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 66 टीमें तैनाती की गयी है, 5165 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 972 मेडिकल टीमें लगायी गयी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा 35187 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 95315 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 405904 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 1131 बाढ़ शरणालय तथा 1321 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 1158 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 13607 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 669853 है।

महिला समूहों ने 28 करोड़ की आय की अर्जित

गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए प्रदेश के 36 गन्ना बहुल जिलों में अब तक 1,988 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिसमें 43,609 महिला उद्यमी पंजीकृत हैं। 

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इस संबंध में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब अधिकतर ग्रामीण परिवेश से जुड़े लोग शहर आकर आजीविका के लिए कार्य नहीं कर पा रहे हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में ग्रामीण महिला उद्यमियों को तो गन्ना विकास विभाग के सिंगल बड चिप कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार की प्राप्ति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इस कार्यक्रम के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों के परिवार के सदस्यों को भी रोजगार की प्राप्ति हो रही है। अब तक महिला स्वयं सहायता समूहों के परिवार के सदस्यों को स्थानीय स्तर पर 1,98,155 कार्य दिवस का रोजगार प्राप्त हुआ है।

इन समूहों से जुड़ी महिलाओं को सिंगल बड चिप के सीडलिंग तैयार करने के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। महिला समूहों द्वारा अब तक 10.98 करोड़ सीडलिंग की बिक्री करते हुए महिला समूहों द्वारा लगभग 28 करोड़ रूपये की आय अर्जित की गई। गन्ने की नर्सरी से प्रति महिला उद्यमी एक सत्र में औसतन 59,000 रूपये की आय प्राप्ति होगी। अब तक प्रदेश की महिलाओं को लगभग 09 लाख मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध हुआ है।

सरकार पर हर माह लगभग 188 करोड़ रूपये का व्यय भार

योगी सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए सभी राशन कार्डधारकों को 03 माह (जून, जुलाई व अगस्त) की अवधि तक निःशुल्क राशन का वितरण किया गया है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को द्वितीय चक्र के वितरण में 20 अगस्त, 2021 से 31 अगस्त, 2021 तक खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया गया है। अगस्त माह के वितरण में कुल 777813.749 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है।

यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने बताया कि इस माह के वितरण में अब तक अन्त्योदय कार्डधारकों को 135976.62 मीट्रिक टन तथा पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को 641837.12 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है। इस योजना से हर माह लगभग 188 करोड़ रूपये का व्यय भार राज्य सरकार पर पड़ रहा है। 

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4.5 वर्षों में बाढ़ सुरक्षा की 688 परियोजनाएं पूर्ण

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत साढ़े चार वर्षों में बाढ़ सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए नयी परम्परा स्थापित की गयी है, इससे बाढ़ सुरक्षा की पूरे होने वाली योजनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2017-18 में जहां 74 परियोजनाएं पूरी की गयी थी, वहीं वर्ष 2018-19 में 111, वर्ष 2019-20 में 151 परियोजनाएं तथा चालू वित्तीय वर्ष में 196 परियोजनाएं पूरी करायी गयी हैं। इस प्रकार बाढ़ से बचाव की 688 परियोजनाएं पूरी हुई हैं। इससे प्रदेश में हर वर्ष होने वाली जनधन हानि में उल्लेखनीय कमी आई है।

सिंचाई विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में 230 परियोजनाएं पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष तेजी से कार्य कराते हुए 139 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। शेष पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है।

मध्य गंगा नहर परियोजना

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में मध्य गंगा नहर परियोजना-द्वितीय चरण की पुनरीक्षित परियोजना के लिए व्यवस्थित की गयी 400 करोड़ रूपये की धनराशि में से 01 अरब 50 करोड़ रूपये परियोजना के कार्यों पर व्यय करने के लिए प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 27 अगस्त 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि परियोजना को निर्धारित समय में पूरा कराया जाय, जिससे कास्ट ओवररन एवं टाइम ओवररन की स्थिति उत्पन्न न हो। इसके अलावा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समय-समय पर वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। 

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सेवा विवरण का सत्यापन

आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उप्र शासन के नियनत्रणाधीन अभिकरणों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के मानव संपदा पोर्टल पर फीड किये गये सेवा विवरण का शतप्रतिशत सत्यापन किये जाने तथा अवशेष सेवा विवरण फीड कराये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग दीपक कुमार ने संबन्धितों को दिये है। प्रमुख सचिव ने कहा कि विभाग के अन्तर्गत कार्यरत कार्मिकों के सेवा संबन्धी विवरण का सत्यापन जिस गति से किया जाना चाहिए उस गति से नही किया जा रहा है।

उन्होने संबन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अन्तर्गत मानव सम्पदा पोर्टल पर फीड किये गये कुल 8122 कार्मिकों के सापेक्ष 50 प्रतिशत कार्मिकों के सेवा संबन्धी विवरण का सत्यापन 15 सितम्बर 2021 तक तथा अवशेष 50 प्रतिशत सेवा संबन्धी विवरण का सत्यापन 15 अक्टूबर 2021 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कर लिया जाये तथा प्रगति की सूचना भी उपलब्ध करायी जाये।

अधिकारियों के साथ 2 सितंबर को बैठक

प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उप्र शासन दीपक कुमार की अध्यक्षता में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विभिन्न अभिकरणों के विभागाध्यक्षों तथा सूडा के अधिकारियों के साथ 2 सितम्बर 2021 को पूर्वान्ह 11 बजे से बैठक आयोजित की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के क्रियान्वयन, कोविड-19/नान कोविड व्याधियों से मृत विभागीय कार्मिकों के आश्रितों को देयकों के भुगतान तथा अनुकम्पा के आधार पर नियुक्त किये जाने से सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा, जनहित गारण्टी पोर्टल पर लम्बित प्रकरणों की समीक्षा तथा एक मुश्त समाधान योजना के प्रगति की समीक्षा की जायेगी।

6 लाख से अधिक भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण

विभिन्न विकास प्राधिकरणों द्वारा माह जुलाई 2021 तक विभिन्न आय वर्गों के कुल नियोजित 637228 भवनों के सापेक्ष 601233 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है, 17849 भवन निर्माणाधीन है तथा शेष भवनों के निर्माण का कार्य प्रक्रियाधीन है। कुल पूर्ण एवं निर्माणाधीन 619082 भवनों के सापेक्ष 577012 भवनों का आवंटन किया जा चुका है तथा शेष के आवंटन की प्रक्रिया संचालित है।

इस संबन्ध में जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने बताया कि दुर्बल आय वर्ग के भवनों के अन्तर्गत कुल नियोजित 356959 भवनों के सापेक्ष 333461 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है, 9175 भवन निर्माणाधीन है तथा शेष भवनों के निर्माण का कार्य प्रक्रियाधीन है। कुल पूर्ण एवं निर्माणाधीन 342636 भवनों के सापेक्ष 333633 भवनों का आवंटन किया जा चुका है तथा शेष के आवंटन की प्रक्रिया संचालित है। 

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इसी प्रकार अल्प आय वर्ग के कुल नियोजित 140023 भवनों के सापेक्ष 138851 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है तथा शेष भवन निर्माणाधीन है, जिसमें 128161 भवनों का आवंटन किया जा चुका है तथा शेष के आवंटन की प्रक्रिया संचालित है। मध्यम आय वर्ग के अन्तर्गत कुल नियोजित 99592 भवनों के सापेक्ष 94517 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है तथा 5620 भवन निर्माणाधीन है। कुल पूर्ण एवं निर्माणाधीन 100137 भवनों के सापेक्ष 83170 भवनों का आवंटन किया जा चुका है तथा शेष के आवंटन की प्रक्रिया संचालित है। उच्च आय वर्ग के अन्तर्गत कुल नियोजित 40654 भवनों के सापेक्ष 34404 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है, 836 भवन निर्माणाधीन है तथा शेष भवनों के निर्माण का कार्य प्रक्रियाधीन है। कुल पूर्ण एवं निर्माणाधीन 35240 भवनों के सापेक्ष 32048 भवनों का आवंटन किया जा चुका है तथा शेष के आवंटन की प्रक्रिया संचालित है।

दुग्ध समितियों में 7,331 डीपीएमसीयू की हो रही स्थापना

दुग्ध विकास विभाग दुग्ध समितियों से जुडे दुग्ध उत्पादकों को उनके दूध की सही नाप-तौल तथा गुणवत्ता की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही दुग्ध उत्पादकों को दूध का सही मूल्य दिलाने के उददेश्य से 7,331 कार्यशील दुग्ध समितियों में डीपीएमसीयू (डेटा प्रोसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट) की स्थापना की जा रही है। दुग्ध विकास विभाग द्वारा कार्य के अनुश्रवण हेतु वेब आधारित आनलाइन मानीटरिंग साफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है जिसके माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को सीधे उनके खातें में दुग्ध मूल्य भुगतान की व्यवस्था की गयी है।

दुग्ध विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में 6576 डीपीएमसीयू की स्थापना की जा चुकी है। दूध का प्राकृतिक स्वभाव बना रहने के दृष्टिगत 216 बल्क मिल्क कूलर (बीएमसी) की स्थापना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस हेतु वांछित वित्तीय उपाशय की व्यवस्था रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलेपमेंट फण्ड (आरआईडीएफ)/अवस्थापना विकास कोष (आईडीएफ) के अन्तर्गत की गयी है। बल्क मिल्क कूलर की स्थापना से दूध की कोल्डचेन मेन्टेन होगी तथा गुणवत्ता भी बनी रहेगी। 

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ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप पावर प्लांट

सौर ऊर्जा नीति-2017 के अन्तर्गत ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप पावर प्लाण्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रु. 15 हजार प्रति किलोवाट अधिकतम रु. 30 हजार प्रति उपभोक्ता अनुदान देने की घोषणा की गयी थी जो भारत सरकार द्वारा देय अनुदान के अतिरिक्त था। इस योजना का लाभ उठाते हुए प्रदेश में 7731 विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा नेट मीटर आधारित ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्लाण्ट की स्थापना करायी गयी।

निदेशक, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (नेडा) भवानी सिंह खंगरौत ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में इन उपभोक्ताओं द्वारा 283.37 लाख यूनिट विद्युत की बचत की गयी, जिससे उन्हें रु. 1771 लाख धनराशि की बचत हुई। इसके अतिरिक्त जिन उपभोक्ताओं द्वारा एक वित्तीय वर्ष में विद्युत बचत के साथ-साथ ग्रिड में विद्युत ऊर्जा का निर्यात (एक्सपोर्ट) किया गया, उन्हें उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि के माध्यम से राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अन्तर्गत 02 रूपये प्रति यूनिट की दर से उपभोक्ताओं को भुगतान किया गया।

निदेशक, नेडा ने बताया कि सोलर रूफटॉप पावर प्लाण्ट लगवाने वाले उपभोक्ताओं में मार्च, 2019 में 160 उपभोक्ताओं को 11 लाख 78 हजार 798 रूपये, मार्च, 2020 में 913 उपभोक्ताओं को 61 लाख 88 हजार 264 रूपये तथा मार्च, 2021 में 65 उपभोक्ताओं को 01 लाख 75 हजार रूपये का भुगतान किया गया।

ऊर्जा मंत्री ने की प्रयागराज मंडल की समीक्षा

ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए प्रयागराज मंडल के अधीन जनपदों फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। लगातार ट्रांसफार्मरों के फुंकने एवं देरी से मिलने की शिकायत पर ऊर्जा मंत्री ने अफसरों पर नाराजगी जताई। उन्होंने वितरण क्षेत्र में सुधारों के लिए सभी जनप्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर शुरू की गई रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के लिए प्रस्ताव भी मांगे हैं। उन्होंने कहा कि नई योजना के तहत नए 33/11 केवी उपकेंद्रों का निर्माण, ओवरलोड 33/11 केवी उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि, एलटी लाइनों पर एबी केबलिंग, 33 केवी व 11 केवी के फीडरों का विभक्तिकरण, जर्जर तारों को बदलने का कार्य, नए 11 केवी फीडरों का निर्माण, ओवर लोड ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि, ओवरलोडिंग समाप्त करने के लिए नए ट्रांसफॉर्मर लगाने का कार्य समेत अन्य आवश्यक कार्य शुरू किए जाने हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति संबंधी बहुत सी समस्याओं का स्थायी निराकरण हो जाएगा। उन्होंने प्रबंध निदेशक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को इस संबंध में सभी जनप्रतिनिधियों से शीघ्र ही प्रस्ताव लेकर कारपोरेशन को भेजने के निर्देश भी दिये।

ऊर्जा मंत्री ने जनप्रतिनिधियो द्वारा खराब ट्रांसफॉर्मरों के समय से न बदले जाने, उनकी क्षमता वृद्धि के प्रस्तावों पर कार्रवाई न किये जाने व रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति न होने की शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए एमडी पूर्वांचल को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी फीडरों पर संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति का रोस्टर चस्पा कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपूर्ति सम्बन्धी समस्याओं पर किसी भी प्रकार का तर्क स्वीकार्य नहीं होगा। अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें। जनता व जनप्रतिनिधियों से नियमित संवाद रहे, जिससे समस्याओं का निस्तारण करने में आसानी हो। एक ही स्थान पर ट्रांसफार्मर के बार-बार जलने व मरम्मत के बाद भी फुंक जाने की शिकायतों पर जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। 

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उन्होंने प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी व प्रतापगढ़ में कई स्थानों पर बिना कनेक्शन बिल भेजे जाने की शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को तीन सदस्यीय जांच समिति बनाकर जांच करवाने और सभी बिल निरस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने लापरवाही पर जवाबदेही सुनिश्चित करने को भी कहा है।

शर्मा ने कहा कि सभी अधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायतों को सुनें। 1912 की शिकायतों और टेलीफोन पर आने वाली शिकायतों को भी तेजी से निस्तारित किया जाय। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के सुझावों व समस्याओं का एक सप्ताह में निस्तारण करने के निर्देश भी दिए। वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ के सांसद, मंत्री व विधायकों के साथ विभागीय अधिकारी शामिल रहें। ऊर्जा मंत्री ने जनप्रतिनिधियों के सुझावों व समस्याओं का एक सप्ताह में निस्तारण करने के निर्देश भी दिए।

विद्युत आपूर्ति में स्मार्ट बने लखनऊ

ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए राजधानी लखनऊ के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में लखनऊ को स्मार्ट बनाने के लिए जमीनी प्रयास करने के निर्देश दिए। बैठक में जन प्रतिनिधियों द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण क्षेत्र की अनियोजित बसी हुई कालोनियों व मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में प्राधिकरण द्वारा कनेक्शन पर रोक के आदेश के चलते उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से वितरण क्षेत्र में सुधारों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर शुरू की गई रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के लिए प्रस्ताव भी मांगे हैं।

समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों ने एलडीए के अधीन आने वाली बसी हुई अनियोजित कालोनियों में प्राधिकरण द्वारा कनेक्शन पर रोक के विषय को उठाया, जिसपर उन्होंने एमडी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को संबंधित विभागों की आपत्तियों को समय सीमा के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिए। साथ ही यूपीपीसीएल चेयरमैन को भी इस समस्या का निस्तारण सुनिश्चित कराने को कहा।

गो-आश्रय केन्द्रों में अबतक 607819 गोवंश संरक्षित किए गए

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश का निरन्तर संरक्षण, सवंर्धन व विकास किया जा रहा है। पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में गोशालाओं का पंजीकरण आनलाईन किया जा रहा है। प्रदेश के 18 मण्डलों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अस्थायी/स्थाई गोआश्रय स्थल, कान्हा उपवन, कांजी हाउस व वृहद् गोसंरक्षण केन्द्रों में कुल 607819 गोवंश के पशुओं को संरक्षित किया गया है। 

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पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 94626 गोवंश के पशुओं को इच्छुक पशुपालकों को सुपुर्दगी में देकर उन्हें लाभान्वित किया गया है। जिससे 51772 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। जिला पंचायतों, नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं एवं नगर निगमों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति लागू की गई है। इस नीति के अनुपालन में समस्त जिलों में निराश्रित व बेसहारा गोवंश को गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित कर उनकी सुरक्षा हेतु शेड का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही सुरक्षा, चारे की व्यवस्था, प्रकाश, पशु चिकित्सा व हरा चारा आदि उपलब्ध कराने का कार्य कराया जा रहा है।

बुन्देलखण्ड विकास निधि योजना

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में बुन्देलखण्ड विकास निधि योजना के अन्तर्गत जनपद-बांदा/हमीरपुर की 11 परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु रू 09 करोड़ 86 लाख 55 हजार की धनराशि अवमुक्त की गयी है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है।

इन 11 परियोजनाओं में 08 बांदा की तथा 03 हमीरपुर के कार्य सम्मिलित हैं। जारी शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि धनराशि केवल निर्धारित परियोजनाओं पर मानक और विशिष्टयों के अनुरूप ही व्यय की जाए तथा कार्यों को ससमय पूर्ण किया जाय।

केशव प्रसाद मौर्य ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा कराया जाए तथा शासनादेश में दिये गये निर्देशों को अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

लेसा क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर हुई नाइट पैट्रोलिंग

अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण मण्डल-षष्ठम द्वारा महानगर के भीकमपुर विद्युत उपकेन्द्र का रात्रि निरीक्षण कर उपकेन्द्र के परिवर्तकों एवं फीडर के लोड को चेक किया तथा अधिशासी अभियन्ता को निर्देशित किया की क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति को सामान्य रखा जाये।

अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण मण्डल-प्रथम द्वारा हुसैनगंज खण्ड, के अंतर्गत 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र विधान सभा मार्ग की नाइट पैट्रोलिंग कर सभी 11 केवी आउटगोइंग फीडर को चेक किया तथा विद्युत ट्रिपिंग शून्य रखने के निर्देश दिये। सभी 11 केवी फीडरो पर भार सामान्य पाया गया।

अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-रहीम नगर द्वारा सेक्टर-6, जानकीपुरम विस्तार का रात्रि निरीक्षण कर उपकेन्द्र के यार्ड तथा कन्ट्रोल रूम को चेक किया गया तथा परिवर्तकों के लोड का मापन भी किया गया, जोकि सामान्य था। इसके अतिरिक्त उपकेन्द्र की परिवाद पुस्तिका में कोई शिकायत भी लंम्बित नही पायी गयी।

अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण मण्डल-तृतीय के निर्देशन में अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड, ऐशबाग द्वारा 33/11 केवी वैद्य स्टील विद्युत उपकेन्द्र का रात्रि निरीक्षण कर उपकेन्द्र के परिवर्तक तथा फीडर का लोड मापन किया गया। सभी आउट गोइंग फीडर सामान्य पाये गये 

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अवैध शराब के विरुद्ध छापेमारी जारी

संजय आर भूसरेड्डी, अपर मुख्यर सचिव, आबकारी के आदेश के क्रम में दिनांक 26 अगस्त 2021 से 06 सितम्बर 2021 तक चलाये जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान में प्रदेश में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी की रोकथाम के लिये लगातार दबिश एवं चेकिंग की कार्यवाही की जा रही है।

अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अभियान के दौरान दिनांक 31-08-2021 तक 06 दिवसों में प्रदेश में 1644 मुकदमे दर्ज किये गये, जिसमें 52,035 लीटर अवैध शराब बरामद की गयी तथा शराब बनाने हेतु तैयार किये गये 1,51,651 किग्रा लहन को मौके पर नष्ट किया गया। अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त 544 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम एवं सुसंगत धाराओं के अन्तिर्गत मुकदमा पंजीकृत किये गये तथा 24 वाहन जब्त किये गये।

सेंथिल पांडियन सी, आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा अवगत कराया गया कि अवैध मदिरा की रोकथाम हेतु आबकारी विभाग, पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा प्रदेश स्तर पर विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है तथा अवैध शराब के निर्माण एवं विक्री के अड्डों पर लगातार छापेमारी की कार्यवाही कराई जा रही है । इसके अतिरिक्त नियमित तौर पर शराब की लाइसेंसी दुकानों के आकस्मिक निरीक्षण के साथ-साथ राजमार्गों पर स्थित संदिग्ध होटलों और ढाबों पर चेकिंग की कार्यवाही भी की जा रही है।

आबकारी आयुक्त द्वारा बताया गया कि अभियान के दौरान पिछले दिन जनपद बहराइच में 150 लीटर कच्ची शराब बरामद किया गया, 800 किग्रा लहन मौके पर नष्ट करते हुए 05 अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। जनपद पीलीभीत के कलीनगर में प्रवर्तन दल बरेली तथा आबकारी स्टाफ व माधोटांडा पुलिस के साथ दविश देकर 40 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद की गई, 1000 किग्रा लहन तथा शराब बनाने के उपकरण की बरामदगी करते हुए मौके पर नष्ट किया गया। इस कार्यवाही में 06 अभियुक्तों के विरुद्ध सम्बकन्धित थाने में अभियोग पंजीकृत किया गया। जनपद रामपुर में बरखेड़ी नदी के किनारे दविश दी गई जहॉं 40 लीटर अवैध कच्ची शराब, शराब बनाने के लिए तैयार लहन और उपकरण बरामद किया गया। जनपद रायबरेली में छापेमारी के दौरान 65 लीटर अवैध कच्चीर शराब बरामद किया गया तथा 225 किग्रा0 लहन मौके पर नष्ट किया गया। इसी प्रकार जनपद प्रतापगढ़ में लालगंज कोतवाली में जगन्नाथपुर व रामपुर बावली ग्राम में दविश दी गयी जिसमें 85 लीटर अवैध कच्ची शराब जब्त किया गया तथा 400 किग्रा लहन को मौके पर नष्ट किया गया और दो अभियोग पंजीकृत किये गये। संत कबीर नगर जनपद में संदिग्ध ग्रामों व ईट भट्ठे पर दविश देकर 40 लीटर कच्ची शराब बरामद की गयी तथा 02 अभियुक्तों के विरूद्ध अभियोग सुसंगत धाराओं में पंजीकृत करते हुए मौके पर बरामद 500 किग्रा लहन तथा अन्यओ उपकरण नष्ट किये गये।

इण्डस्ट्रियल कारिडोर का होगा विकास

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के किनारे 10 किलोमीटर की परिधि में इण्डस्ट्रियल कारिडोर का विकास किया जायेगा। इण्डस्ट्रियल कारिडोर के विकास हेतु यूपीडा को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। उन्होंने यूपीडा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए यूपीसीडा से तीन विशेषज्ञ नियुक्त करने के निर्देश दिए। साथ ही भूमि अधिग्रहण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिये।

महाना आज विधान भवन स्थित सभाकक्ष में पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक विकास एवं निवेश हेतु इण्डस्ट्रियल कारिडोर विकसित किये जाने के संबंध में बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित इण्डस्ट्रियल कारिडोर में उद्यमियों की सुविधा के लिए सड़क, बिजली, पानी सहित उच्चश्रेणी की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। भूमि अधिग्रहण के कार्य में तेजी लाने के लिए कन्सलटेंट की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि एक्सप्रेस-वे के किनारे इण्डस्ट्रियल कारिडोर हेतु 10 किलोमीटर के अंदर ऐसे क्षेत्र को प्राथमिता दी जाय, जिसकी मेन रोड से कनेक्टीविटी हो और आस-पास बिजली घर भी मौजूद हो। 

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महाना ने कहा कि दोनो एक्सप्रेस-वे के जद में आने वाले 23 जिलों के जिलाधिकारियों को इण्डस्ट्रियल कारिडोर हेतु भूमि अधिगृहण हेतु निर्देश दिए गये थे, जिसमें से 15 जिलों में भूमि अधिग्रहण कार्य हो चुका है, शेष में प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा यूपीसीडा द्वारा भी 9 जिलों में 77 एक भूमि इण्डस्ट्रियल कारिडोर के लिए उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के निकट होने के कारण बाराबंकी जनपद में निवेश की प्रबल संभावनाएं हैं। पेप्सिको जैसी कंपनियों ने लखनऊ के आस-पास उद्यम लगाने की इच्छा प्रकट की है। इसी प्रकार जनपद आजमगढ़ में कई लाजिस्टिक कंपनियां निवेश की इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के किनारे इण्डस्ट्रियल कारिडोर के विकास से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र का विकास होगा और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर भी सृजित होंगे।

बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश अवस्थी सहित विभिन्न औद्योगिक प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में ई-ऑफिस का विधिवत उद्घाटन आज किया गया। यह जानकारी एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमन ने दी। उन्होंने बताया कि संस्थान में यह सुविधा उप्र इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन द्वारा उप्र सरकार की डिजिटल पहल के अंग के रूप में प्रदान की गई है। ई-ऑफिस द्वारा संस्थान की कार्य प्रणाली को और भी प्रभावी व उत्कृष्ट बनाया जा सकेगा।

निदेशक ने बताया कि संस्थान में 482 उपयोगकर्ता नामांकित किये गये हैं जो इस प्रणाली पर कार्य करेंगे। इसके लिए उन्हें संस्थान के बायोस्टैटिक्स व हेल्थ इन्फार्मेशन विभाग द्वारा समुचित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि अब से कोई भी पत्र, प्रपत्र, कार्यालय आदेश इत्यादि कागजी या भौतिक रूप से जारी नहीं की जायेगी। ये सभी प्रपत्र ई-ऑफिस पर ही भेजे/प्रसारित किये जायेंगे। इससे फाइलों के संचरण हेतु मानव संसाधन को नहीं लगाना पड़ेगा।

इस अवसर पर विशेष सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रानिक, प्रबंध निदेशक उप्र इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन ऋषिरेन्द्र कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो गौरव अग्रवाल सहित संस्थान के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर युवा हो रहे आत्मनिर्भर

आज विश्व में वही देश प्रगति कर रहा है, जिस देश में तकनीकी शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। आज के वैज्ञानिक एवं तकनीकी युग में दैनिक उपयोग में कई घरेलू व निर्माण के उपकरण प्रयोग किये जाते है। उन उपकरणों के उत्पादन, मरम्मत आदि की आवश्यकता होती है। जिस देश के युवा तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करते है, ऐसी तकनीकी व कुशल श्रम शक्ति से देश की तरक्की होती है। चीन, जापान, कोरिया, सिंगापुर, पश्चिमीदेश इसके उदाहरण है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में तकनीकी शिक्षा पर विशेष बल देते हुए ‘‘मेक इन इण्डिया‘‘ योजना की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य है कि देश के नागरिकों को रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं का निर्माण भारत में हो इससे देश प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा और देश का आर्थिक विकास होगा। तकनीकी व्यावसायिक प्रशिक्षण शिक्षा प्राप्त युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेगें। अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने, औद्योगीकरण और उद्यमिता को बढ़ाने से वस्तुओं का आयात कम होगा, और देश का धन बचेगा साथ ही देश में निर्मित वस्तुओं के निर्यात से देश की समृद्धि बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए प्रदेश के विभिन्न जिलों में युवाओं युवतियों के लिए प्रशिक्षण/शिक्षा प्राप्त करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध करा रहे है। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में आईटीआई नहीं थी, वहॉ 79 नवीन आईटीआई निर्मित कराकर युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा दिलाई जा रही है। आज प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित है, जिससे 70 व्यावसायिक टेªडस में प्रतिवर्ष लगभग सवा लाख छात्र-छात्रायें प्रवेश लेकर शिक्षा/प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। राजकीय संस्थानों के अतिरिक्त प्रदेश में 2749 निजी आईटीआई संस्थान भी है जिसमें 51 से अधिक टेªड्स में प्रतिवर्ष पौने चार लाख युवा प्रशिक्षित होते है। प्रदेश सरकार महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु 12 विशिष्ट राजकीय संस्थानों की स्थापना की है। इसके अतिरिक्त 47 महिला शाखायें भी स्थापित की गई है, जहॉ महिलाये प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो रही है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 43 राजकीय आईटीआई संस्थानों की स्थापना करते हुए अल्पसंख्यक व क्षेत्रीय अन्य महिलाओं को प्रवेश देते हुए तकनीकी/व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध करा रही है। 

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प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश में संचालित आईटीआई संस्थानों में कक्षा-8 पास अभ्यर्थियों को एक वर्षीय वेल्डर, स्वीइंग टेक्नोलॉजी, दो वर्षीय वायरमैन, पेन्टर का प्रशिक्षण दिया जाता है। कक्षा 10 उत्तीर्ण छात्र/छात्रायें कम्प्यूटर आपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, फिजियोथेरेपी टेक्नीशियन, फायर टेक्नोलॉजी एण्ड इण्डस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट फूड प्रोडक्शन जनरल, टेªवल एण्ड टूर असिस्टेंट आदि व्यवसायों का एक वर्षीय प्रशिक्षण दिया जाता है। उसी तरह फिटर, टर्नर, मशीनिष्ट, इलेक्ट्रीशियन, टेक्नीशियन पावर इलेक्ट्रानिक सिस्टम, इलेक्ट्रोप्लेयर, ड्राफ्टमैन मैकेनिकल, सिविल, टेक्नीशियन मेडिकल, इलेक्ट्रानिक्स, रेडियोलॉजी टेक्नीशियन आदि विभिन्न ट्रेडस में दो वर्षीय प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रदेश के संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में संचालित विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर लाखों युवक, युवतियॉ रोजगार से लग रहे है।

प्रदेश में आईटीआई से प्रशिक्षण प्राप्त करने में डयूअल सिस्टम प्रशिक्षण योजनान्तर्गत तथा ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग योजना के अन्तर्गत उद्योगों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी प्रशिक्षणार्थियों को उपलब्ध है। इसमें अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण से कौशल और व्यावसायिकता को बेहतर बनाने के अवसर भी उपलब्ध है। आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार मुद्रा लोन योजनान्तर्गत बिना गारण्टी के ऋण उपलब्ध कराते हुए उनकी सहायता कर रही हैं इन प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवक-युवतियों को सरकारी विभागों, अर्द्ध सरकारी विभागों, निगमों, नगर निकायो, निजी प्रतिष्ठानों में रोजगार मेलों व सेवायोजन विभाग के माध्यम से नौकरियां भी दिलाई जा रही है। प्रदेश सरकार व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही है।

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