ईरान पर अमेरिकी बमबारी खुली आक्रामकता है, जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने की कड़ी निंदा

Maulana Mahmood
ANI
अभिनय आकाश । Jun 24 2025 3:42PM

मौलाना मदनी ने जोर देकर कहा कि जब तक पश्चिम एशियाई देश एकजुट होकर अपनी धरती से अमेरिकी ठिकानों को नहीं हटाते, तब तक इस क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित नहीं हो सकती।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने ईरान पर हाल ही में अमेरिका द्वारा की गई बमबारी की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि इजरायल अब पश्चिम एशिया में खून-खराबे और आतंकवाद का केंद्र बन गया है, जिसे अमेरिका से पूरा संरक्षण मिल रहा है। महमूद असद मदनी ने कहा कि अमेरिका ने अपनी आक्रामक नीतियों के माध्यम से लगातार दुनिया को नुकसान पहुंचाया है और पश्चिम एशिया में उसकी उपस्थिति एक उपचारात्मक शक्ति से जहर के स्रोत में बदल गई है। 

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मौलाना मदनी ने जोर देकर कहा कि जब तक पश्चिम एशियाई देश एकजुट होकर अपनी धरती से अमेरिकी ठिकानों को नहीं हटाते, तब तक इस क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित नहीं हो सकती। उन्होंने चेतावनी दी कि अन्यथा पूरा क्षेत्र इन शैतानी साजिशों का शिकार होता रहेगा, जैसा कि इराक, अफगानिस्तान और लीबिया के साथ हुआ और अब ईरान के खिलाफ भी यही घिनौना खेल दोहराया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी शक्तिशाली देश को अपने विवेक से दुनिया में कहीं भी सैन्य बल का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है। इस तरह की हरकतें न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि वैश्विक अविश्वास, घृणा और अस्थिरता को भी बढ़ावा देती हैं। 

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मानवता को सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत सिद्धांतों का पालन करना चाहिए, और कोई भी कदम जो निर्दोष लोगों को निशाना बनाता है, मानवाधिकारों को रौंदता है, और वैश्विक शांति को खतरे में डालता है, उसे अस्वीकार्य माना जाना चाहिए। इसका मुकाबला केवल कूटनीतिक बयानों से नहीं, बल्कि दृढ़ कार्रवाई से किया जाना चाहिए।

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