उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा निरस्त

dinesh sharma

इस निर्णय से 29,94,312 बच्चे आच्छादित होंगे। कक्षा 10 के बच्चों का कक्षा 11 में प्रोन्नति के विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद को बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

 उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार द्वारा आज भी कई बड़े निर्णय लिए गए। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश की दिनभर की आज की बड़ी खबर।

 

उत्तर प्रदेश के 56 लाख छात्रों के हित में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय -उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा द्वारा आज मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण से फैली हुई महामारी के कारण उत्पन्न हुई असाधारण परिस्थितियां में, व्यापक छात्र हित तथा जनहित में, प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021 में निर्धारित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से 29,94,312 बच्चे आच्छादित होंगे। कक्षा 10 के बच्चों का कक्षा 11 में प्रोन्नति के विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद को बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश निरंतर छात्र हित में कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने गत वर्ष 2020 के जुलाई माह में ही करोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान के दृष्टिगत, पाठ्यक्रम में 30 कमी कर दी थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा पिछले वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन पठन-पाठन के साथ-साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई- विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल  तथा यूट्यूब पर माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञान गंगा चैनल के माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही 29 लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाए गए तथा पठन-पाठन की नियमित अनुश्रवण व्यवस्था बनाई गई है।

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 उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि कक्षा 12 की परीक्षा के महत्व तथा छात्रों के भविष्य पर इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकों की भूमिका के दृष्टिगत, सभी सावधानियों को बरतते हुए तथा कोविड-19 महामारी से बचाव के सभी नियमों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनुकूल परिस्थितियों के रहते हुए वर्ष 2021 की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट की परीक्षा को जुलाई के द्वितीय सप्ताह में कराना प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित है। इसकी विस्तृत समय सारणी शीघ्र ही साझा की जाएगा। पूर्व के भांति इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में परीक्षा संपादित की जाएगी। छात्रों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्नपत्र की अवधि को मात्र डेढ़ घंटे रखा जाएगा तथा छात्रों को प्रश्नपत्र में दिए गए 10 प्रश्नों में किन्ही 03 प्रश्नों का उत्तर देने की स्वतंत्रता होगी। बच्चों के मध्य सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस वर्ष केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा हेतु इस वर्ष 26,10,316 छात्रों का पंजीकरण हुआ है।

उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 6, 7 ,8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय का शासनादेश पूर्व में जारी कर दिया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश न हो तो प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों की कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों को अगली कक्षा में सामान्य प्रोन्नति दी जाए। कक्षा 9 एवं 11 के छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए। यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्षा अभी तक संपादित नहीं हो पाई है तो वह छात्र के वर्ष भर किए गए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति देंगे। यदि कोई आंतरिक मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जाए। यदि बोर्ड विशेष का कोई इस संबंध में आदेश होगा तो वह लागू होगा अन्यथा कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 की उक्त वर्णित व्यवस्था, प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों पर लागू होगी। आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक को इसके नियमित अनुश्रवण एवं अनुपालन का दायित्व सौंपा गया है। यदि किसी विद्यालय द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो अभिभावक द्वारा जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नियामक समिति के समक्ष शिकायत की जा सकेगी। डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार, प्रदेशवासियों को एक आदर्श एवं उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था देने के लिए कटिबद्ध एवं निरंतर प्रयासरत है।

आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आईटीआई के माध्यम से पूरा किया जा सकता है

युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के कार्य को एक जिम्मेदारी के साथ निर्वाहन किया जाय। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आईटीआई के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। आईटीआई में पढ़ने वालों के मन में एक स्वाभिमान की भावना लाने का प्रयास किया जाय। युवाओं को यह बताया जाय कि आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त किया जा सकता है।  उक्त बाते प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने 09 मंडलों की समीक्षा के दौरान कही। अग्रवाल ने कहा कि आईटीआई में युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर कैसे आत्मनिर्भर बन सकते है अथवा रोजगार प्राप्त कर सकते है, इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। आईटीआई चलो अभियान के तहत युवाओं को जोड़ा जाय तथा इस कार्य मे नवनियुक्त प्रधानों का भी सहयोग लिया जाय। कोविड संकमण के दृष्टिगत युवाओं को आनलाईन प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। आनलाईन प्रशिक्षण को युवाओं के लिए रूचिकर बनाने पर जोर दिया जाय, इसके लिए आनलाईन प्रशिक्षण में युवाओँ को महापुरूषों से सम्बन्धित रोचक जानकारी देने के साथ-साथ प्रेरणादायक कहानिंया सुनायी जाय।

अग्रवाल ने आज जूम के माध्यम से लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, विन्धयाचल, देवीपाटन, गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी तथा बस्ती मण्डलों मे दिये जा रहें कौशल प्रशिक्षण की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोविड संक्रमण से मरने वालों लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से बचने के लिए यह जरूरी है कि कोविड प्रोटोकाल का पालन सभी लोग करें। मंत्री जी ने प्रत्येक मण्डल के सम्बन्धित अधिकारी तथा प्राइवेट आईटी संचालक से वार्ता की गयी। उन्होंने वार्ता कर मण्डल में विभाग के द्वारा किये जा रहें कार्यो तथा प्रशिक्षण की जानकारी लेने के साथ-साथ सुझाव भी सुने। अग्रवाल ने बताया कि कौशल विभाग के द्वारा स्वास्थ्य से सम्बन्धित 06 सेक्टरों का प्रशिक्षण दिये जाने का कार्यक्रम 1 जून 2021 से प्रारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए जनपदों को लक्ष्य दिया गया है जिसके अनुरूप युवाओं का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। युवाओं को कौशल विकास विभाग के द्वारा प्रशिक्षण देने के बाद सीएचसी एवं पीएचसी में भी कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओँ की सेवा लोगों के उपचार आदि में ली जायेंगी। इसी तरह आक्सीजन प्लांट में कार्य करने के लिए भी प्रत्येक जनपद से 20-20 लोगों को प्रशिक्षण देने का कार्य किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि आईटीआई में युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में रोजगार देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपदों में स्थापित औद्योगिक संस्थानों के प्रबन्धकों से वार्ता कर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोगों को रोजगार मे लगाने का कार्य किया जाय।  

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अग्रवाल ने बताया कि युवाओं को आनलाईन प्रशिक्षण विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षण के वीडियों विभिन्न सोशल मीडिया एप्प पर अपलोड किये जा रहें है, जिससे युवा किसी भी समय उन वीडियो को देख सकता है। उन्होंने कहा कि आईटीआई से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र देने के कार्य को शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराया जाय ताकि समय से प्रशिक्षण प्राप्त युवा को प्रमाण पत्र मिल सके। उन्होंने मण्डलीय अधिकारियों से कहा कि युवाओ को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार में लगाने एक जिम्मेदारी का काम है, इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानादारी से निभाया जाय। संस्थान खुलने का गाइडलाईन्स आती है तो युवाओं को प्रेटिकल कराने की तैयारी कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए करायी जाय, जिससे युवा पूरी तरह प्रशिक्षित होकर रोजगार प्राप्त कर सकें। अग्रवाल ने आज 09 मंडलो की समीक्षा की गयी तथा कल उन्होंने 09 आगरा, अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट धाम, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, झांसी तथा कानपुर मण्डलों की समीक्षा की थी। इस प्रकार उन्होंने प्रदेश के सभी मंडलों की समीक्षा कर दिये जा रहे प्रशिक्षण की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा निर्देश अधिकारियों को दिये। सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्री आलोक कुमार ने कहा कि आनलाईन प्रशिक्षण के कार्य को पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया जाय। सम्बन्धित संयुक्त निदेशक तथा प्रिंसिपल भी आनलाईन प्रशिक्षण चल रहा है, कितने बच्चे ने आनलाईन प्रशिक्षण प्राप्त किया इस सब बातों की मानीटरिंग करते रहें। प्रशिक्षण की गुणवत्ता मे निरन्तर सुधार लाकर बच्चों को प्रशिक्षित किया जाय। उन्होंने कहा कि आन जाब ट्रेनिंग का पूरी तरह उपयोग किया जाय, इसके लिए औद्योगिक संस्थानों के प्रबन्धकों से वार्ता की जाय।

जनपद झांसी के बबीना ब्लॉक के 15 ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की परियोजना हेतु 14 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृति  

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में जनपद झांसी के बबीना ब्लॉक के 15 ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की पुनरीक्षित परियोजना हेतु प्राविधानित धनराशि 8000.00 लाख रुपये में से 1000.00 लाख रूपये तथा जमीन खरीदने के लिए प्राविधानित सम्पूर्ण धनराशि 400.00 लाख रूपये अर्थात कुल 1400 लाख रूपये औपचारिक रूप से वहन किये जाने हेतु प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस सम्बन्ध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद द्वारा 24 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के साथ कार्य प्रारम्भ कराया जाय। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि मात्राओं को निर्माण के समय सुनिश्चित किये जाने का पूर्ण उत्तरदायित्व कार्यदायी संस्था/विभाग का होगा। इसके साथ ही निर्माण कार्य समय से पूरा कराना होगा। धनराशि को व्यय करते समय वित्तीय नियमों का अनुपालन जरूरी होगा।

शासनादेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि धनराशि का उपयोग स्वीकृति परियोजनाओं पर ही किया जायेगा। ऐसा न किये जाने पर यदि किसी प्रकार की अनियमिता होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी। विभाग द्वारा समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंश सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाय। परियोजना में भूमि अध्याप्ति का प्राविधान किया गया है। अतः विभाग द्वारा भूमि अध्याप्ति सुसंगत वित्तीय नियमों के अधीन किये जाने के भी निर्देश दिये गये है।

जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने गोमती बैराज एवं बन्धों पर चल रहे कार्यों का किया निरीक्षण

उत्तर प्रदेश के जल षक्ति डॉ. महेन्द्र सिंह ने बाढ़ पूर्व तैयारियों के क्रम में आज गोमती नदी बैराज एवं आसपास के क्षेत्रों तथा बंधों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गोमती नदी के स्वच्छ व निर्मल बनाये रखने तथा जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने संबंधी सभी आवश्यक कदम उठाये जाएं। श्री वी0के0 निरंजन, प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई विभाग एवं जल संसाधन विभाग द्वारा लखनऊ षहर को षारदा कैनाल के अटरिया स्कैप एवं महदोईया स्कैप से पानी पहुॅचने के रूट का विस्तृत विवरण दिया। साथ ही साथ उनके द्वारा लखनऊ में गोमती नदी के तटबन्धों के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया।

डॉ. महेन्द्र सिंह ने बैराज पर चल रहे कार्यो का निरीक्षण किया और निर्देषित किया कि गेटों की ऑयलिंग, ग्रीसिंग एवं चल रहे पेन्टिग कार्य को तत्काल सम्पन्न कराये। उन्होंने अपने समक्ष बैराज के गेट नम्बर-1 को संचालित कराया तथा निर्देषित किया कि बैराज के समस्त गेट चलित अवस्था में रहे। यह भी निर्देषित किया गया कि बैराज की समस्त लाईटें ठीक होनी चाहिए आज ही उनको जलाकर उनकी चेकिंग करें और जो भी लाईटें खराब हों उन्हें तत्काल ठीक कराया जाये। जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों को निर्देषित किया कि बैराज पर जलकुम्भी एकत्रित न होने पाये तथा आवष्यकतानुसार गऊघाट पर वाटर लेवल मेण्टेन करते हुये जलकुम्भी एवं गोमती नदी की गाद निकालने हेतु बैराज से फ्लशिंग की कार्यवाही की जाये। बैराज के चारों तरफ सिंचाई विभाग के जो भी पार्क है उनकी सफाई सुनिष्चित करें। उन्होंने बैराज से लगे वाटिका का निरीक्षण किया और यह निर्देषित किया कि इसको स्वच्छ और सुन्दर बनाये। पार्क में जो भी पेड़ सूख गये हैं, उनकी जगह नये पेड़ तत्काल लगाये जाये। यह कार्य 07 दिन के भीतर कराया जाना सुनिष्चित करें।

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डॉ. महेन्द्र सिंह ने बैराज से कैटल कालोनी तक दांये एवं बांये बन्धें का निरीक्षण किया। कैटल कालोनी स्थित 140 मीटर गैप को पूर्ण करने हेतु लखनऊ विकास प्राधिकरण के साथ तीन दिन में समन्वय स्थापित कर तत्काल बजट प्राप्त करने की कार्यवाही करें तथा यथाषीघ्र बन्धा पूर्ण किया जाना सुनिष्चित करें। जलशक्ति मंत्री ने राधाग्राम बैरल का निरीक्षण करते हुए निर्देषित किया कि कार्य को गुणवत्ता के साथ तथा वर्शा से पूर्व सम्पन्न कराना सुनिष्चित करें तथा इस कार्य में कोई भी कोताही न बरती जाये। उन्होंने यह भी निर्देषित किया कि बाढ़ पूर्व तैयारियों के अन्तर्गत सभी बैरलों की सफाई, आॅयलिंग ग्रीसिंग, मरम्मत, पेन्टिग के कार्य तत्काल पूर्ण किये जाये। गउघाट पर पानी का लेवल मेण्टेन रखा जाये और बैराज से फ्लशिंग की कार्यवाही में कोई कोताही न बरती जाये।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री जे0पी0एस0 राठौर ने बताया कि गोमती नदी की साफ-सफाई निरन्तर हो रही है, इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गोमती की साफ-सफाई एवं स्वच्छ बनाने के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन, जल निगम तथा नगर विकास के तत्वावधान में कार्ययोजना बनायी गयी है। उन्होंने बताया कि गोमती के किनारे जलकुम्भी को अतिशीघ्र निकाल दिया जाएगा। गोमती को स्वच्छ बनाकर प्रदूषणमुक्त कराया जायेगा।

किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने एवं उर्वरक का शत् प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने हेतु समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने एवं उर्वरक का शत् प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्वाइंट ऑफ सेल (पी0ओ0एस0) मशीन के माध्यम से उर्वरक की बिक्री के उपरांत सभी किसानों को कैश मेमो या पर्ची उपलब्ध करायी जाय। साथ ही यह भी निर्देश दिये हैं कि डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरकों की बिक्री बोरी पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर न की जाय। ऐसा करने वाले उर्वरक विक्रेताओं पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये हैं। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, डॉ.  देवेश चतुर्वेदी ने देते हुये बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था प्रणाली को सुदृढ़ बनाये जाने हेतु कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर साप्ताहिक मानीटरिंग सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा है कि अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओें के जनपदों में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। भारत-नेपाल सीमावर्ती जनपदों में 05 कि0मी0 क्षेत्रान्तर्गत निजी क्षेत्र का कोई उर्वरक विक्रय केन्द्र क्रियाशील नहीं रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खरीफ-2021 हेतु यूरिया उर्वरक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है।

डॉ.  चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण हेतु कृषि एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर सघन रूप से छापे की कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि फुटकर के साथ-साथ थोक विक्रेताओं एवं बफर स्टाकिस्टों के स्टाक का भी सघन निरीक्षण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा है कि यह अवश्य देखा जाए कि कहीं थोक विक्रेता स्थानीय स्तर पर अपने पास उर्वरक का अनावश्यक भण्डारण कर कृत्रिम अभाव की स्थिति उत्पन्न न करें। यदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो स्टाक को बाजार में किसानों मंे बिक्री के लिये अवमुक्त किया जाए और सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही भी की जाए।

अपर मुख्य सचिव, कृषि ने बताया कि किसानों को पहचान पत्र के आधार पर उनकी जोत एवं फसल हेतु संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं ताकि महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग एवं कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों में दुरूपयोग को नियंत्रित किया जा सके। श्री चतुर्वेदी ने कहा है कि जहां पर कालाबाजारी, जमाखोरी या निर्धारित विक्रय मूल्य से अधिक दरों पर बिक्री की शिकायत प्राप्त हो या जिन-जिन क्षेत्रों में उर्वरकों की मांग अधिक है, वहां किसानों की अधिक संख्या में आने की आशंका के दृष्टिगत क्षेत्रीय अधिकारियों की निगरानी में उर्वरक का वितरण कराया जाए।

शेष 02 दिवसों में प्रति किसान 50 कुन्तल से अधिक गेंहूँ की खरीद की जा सकेगी

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिक से अधिक किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ प्रदान किये जाने के उद्देश्य से क्रय केन्द्रों पर सप्ताह में 04 दिन (सोमवार से बृहस्पतिवार) एक कृषक से अधिकतम 50 कुन्तल गेंहूँ की खरीद किये जाने की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त सप्ताह के शेष 02 दिवसों (शुक्रवार व शनिवार) में प्रति किसान 50 कुन्तल से अधिक गेंहूँ की खरीद की जा सकेगी। यह जानकारी खाद्य आयुक्त, श्री मनीष चैहान ने आज यहां देते हुये बताया कि यह व्यवस्था दिनांक 31.05.2021 से प्रभावी होगी। चैहान ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत 01 अपै्रल, 2021 से गेहूँ खरीद की जा रही है। प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग तथा अन्य क्रय एजेन्सियों के 5678 क्रय केन्द्र संचालित हैं। अब तक 771504 किसानों से कुल 37.63 लाख मी0टन गेहूँ, मूल्य रू0 7431.27 करोड़ की खरीद की गई है, जबकि गतवर्ष पूरी क्रय अवधि में कुल 35.76 लाख मी0टन खरीद की गयी थी, इस प्रकार गतवर्ष से 1.87 लाख मी0टन अधिक खरीद हुई है। उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा 9.62 लाख मी0टन, पी0सी0एफ0 द्वारा 17.53 लाख मी0टन, पी0सी0यू0 द्वारा 4.55 लाख मी0टन, एस0एफ0सी0 द्वारा 0.825 लाख मी0टन, यू0पी0एस0एस0 द्वारा 3.16 लाख मी0टन, मण्डी परिषद द्वारा 0.961 लाख मी0टन एवं भा0खा0नि0 द्वारा 0.981 लाख मी0टन, कुल 37.63 लाख मी0टन की खरीद की गयी है।

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खाद्य आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष गेंहूँ की बिक्री हेतु खाद्य विभाग के पोर्टल पर 1481773 किसानों द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया है जबकि गतवर्ष गेंहूँ खरीद हेतु कुल 794484 किसानों द्वारा अपना पंजीकरण कराया था। इस वर्ष किसानों द्वारा रिकार्ड पंजीकरण कराया गया है और अब तक 771504 पंजीकृत किसानों से गेंहूँ की खरीद कर न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ प्रदान कराया गया है। क्रय केन्द्रों पर किसानों के बैठने के लिए छाया व पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की गयी है तथा कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बचाव हेतु साबुन, पानी व सैनेटाइजर इत्यादि की व्यवस्था की गयी है। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराते हुये कृषक हित में खरीद की जा रही है। इस वर्ष गेहॅू का समर्थन मूल्य 1975 रू0 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया है। खरीद 15 जून, 2021 तक जारी रहेगी।

आबकारी आयुक्त स्तर से भी जारी किये गये दिशा-निर्देश

विगत दिनों कतिपय घटनाओं में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों द्वारा देशी शराब की शीशियों में भरकर अवैध मदिरा की बिक्री अवैध रूप से की जा रही है। इससे जहॉं एक ओर राजस्व प्राप्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, वही जनहानि की सम्भावना बनी रहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा निर्देशित किया गया है कि अवैध शराब के संगठित कारोबार में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एवं एन.एस.ए. में कठोर कार्यवाही करते हुए ऐसे व्यक्तियों की सम्पत्ति कुर्क की जाय। उक्त के अनुक्रम में अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं संजय आर. भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव आबकारी द्वारा प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त/उप पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस कमिश्नर/जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को एस.डी.एम. सी.ओ एवं आबकारी अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर आबकारी दुकानों का निरीक्षण तथा अवैध शराब के निर्माण एवं बिक्री के विरूद्ध 15 दिवस का विशेष प्रवर्तन अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

अभियान के अन्तर्गत जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के माध्यम से गठित आबकारी, पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त टीम आबकारी दुकानों का गहन निरीक्षण करेगी एवं उसके स्टाक के सत्या्पन के साथ-साथ स्टाक के बार कोड एवं क्यू.आर.कोड की सूक्ष्मता से जॉंच करेगी। आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री के आदेशानुसार गठित टीम अवैध शराब के निर्माण एवं बिक्री के संदिग्ध स्थानों पर दबिश कार्यवाही करते हुए इस कार्य में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगी। अवैध मदिरा के कारोबार में संलिप्त अपराधियों के विरूद्ध आबकारी अधिनियम के साथ-साथ आई0पी0सी0 की धाराओं में भी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। उक्त अवधि में अल्कोहल के परिवहन में प्रयुक्त किये जा रहे टैंकरों से अल्कोहल को चोरी छिपे बेचे जाने की सम्भावना को देखते हुए टैंकरों की चेकिंग सुनिश्चित की जायेगी तथा राष्ट्रीयध्राज्य राजमार्गों पर स्थित संदिग्ध ढ़ाबों एवं होटलों की भी जॉंच की जायेगी। जनपद के असेवित क्षेत्रों में जहॉं मदिरा की दुकानें संचालित नहीं है उन स्थानों पर अवैध मदिरा के कारोबार की सम्भावना को देखते हुए विशेष सतर्क निगरानी रखी जायेगी। इस दौरान अवैध मदिरा से होने वाली जनहानि के सम्बन्ध में विज्ञापन एवं पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जायेगा।

आबकारी आयुक्त द्वारा उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही संयुक्त आबकारी आयुक्तों एवं उप आबकारी आयुक्तों को प्रवर्तन अभियान की मानिटरिंग करने तथा प्रवर्तन कार्यवाही में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रवर्तन अभियान के दौरान किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को कोई अवकाश देय नहीं होगा।

महामारी के दौर में ई-कॉमर्स ने एक बहुत ही अहम भूमिका निभाई है- श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह

ई-कॉमर्स पर सी. आई. आईं. द्वारा आयोजित कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए एमएसएमई मंत्री’ सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा की इस महामारी के दौर में ई-कॉमर्स ने एक बहुत ही एहम भूमिका निभाई है जो की अन्यथा सप्लाई चेन के दृष्टिकोण से एक बड़ी चुनौती बन सकती थी। उन्होंने ये भी बताया की मौजूदा हालत तथा बाजार के सामान्य होने के बाद ई-कॉमर्स क्षेत्र को एक सस्टेनेबल मॉडल स्थापित करना होगा, जो कि समय की मांग के अनुरूप हो। उन्होंने अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कम्पनियो को धन्यवाद देते हुए कहा की इन संस्थान द्वारा प्रयागराज में स्थापित की जा रही ऑक्सीजन प्लांट सराहनीय है। उन्होंने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश की एमएसएमई को डिजिटल प्लेटफार्म पर व्यापर तथा अपने उत्पादों की ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग करने के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करना चाहिए। इसी दिशा में राज्य सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ ओडीओपी उत्पादों के क्रय-विक्रय को तीव्र करने के लिए अग्रसर है।

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संजीव मित्तल, आयुक्त, अवस्थापना तथा औद्योगिक विकास, उत्तर प्रदेश ने कहा की इस महामारी के दौर में ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार में वृद्धि हुई है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डिजिटल इंडिया पहल तथा आधुनिक बैंकिंग प्रणाली ने व्यापार में डिजिटल ग्रोथ को बढ़ावा दिया है। उन्होंने बताया की अकेले उत्तर प्रदेश में तकरीबन १६ करोड़ मोबाइल उपभोगता मौजूद है जो की ई-कॉमर्स के लिए उत्तर प्रदेश में एक बड़े मार्किट के द्वार खोलता है। क्योंकि सरकार ने वेयरहाउसिंग को उद्योग का दर्जा देने के साथ साथ प्रदेश में लुभावनी लाॅजिस्टिक तथा वेयरहाउस नीति स्थापित की है, जिसके कारण प्रदेश वेयरहाउसिंग हब बनने को पूर्ण रूप से तैयार है। उन्होंने ये भी कहा की डाटा प्राइवेसी तथा उपभोगता सुरक्षा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, साथ-साथ ये भी ध्यान रखना होगा की अत्यंत डिजिटलीकरण से पारम्परिक किराना व्यापारियों को किसी प्रकार से व्यापारिक क्षति न पहुंचे।

सी पी गुप्ता, अध्यक्ष, सी आई आई उत्तर प्रदेश’ ने यह बताया की वर्ष 2026 तक ई-कॉमर्स बिजनेस २०० बिलियन डॉलर का होने की सम्भावना है। अतः न सिर्फ बड़े बल्कि छोटे उद्योगों के लिए भी अपना ग्राहक आधार बढ़ने के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। ’श्री हसन याकूब, अध्यक्ष, सी आई आई यूपी ई-कॉमर्स पैनल’ ने बताया की उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़े विक्रेता के रूप में उभर रहा है तथा अधोरचनात्मक विकास, कौशल विकास, तथा अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ साथ कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। श्री हसन ने राज्य सरकार से इ-कॉमर्स कंपनियों को, उनके त्वरित सेवा तथा व्यापक पहुंच होने के कारण, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार का हिस्सा बनाने का अनुरोध किया। विनम्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष्य, सी आई आई उत्तर प्रदेश, तथा निदेशक, टेक्निकल एसोसिएट्स’, ने बताया उत्तर प्रदेश की डैड इकाइयां डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में एक अहम भूमिका निभाती है। सी आई आई ई-कॉमर्स कांफ्रेंस के माध्यम से इस क्षेत्र से जुड़े कई विषयों पर चर्चा परिचर्चा हुई, जिसमें ई-कॉमर्स के माध्यम से सभी उत्पादनो की डिलीवरी की मांग तथा ई-कॉमर्स कंपनियों को कर में छूट के माध्यम से प्रोत्साहन देना शामिल है।

यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों की वीडियों कान्फ्रेंसिग के माध्यम से समीक्षा बैठक की

आज दिनांक 29.05.2021 को मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की समीक्षा बैठक की गयी। इस बैठक में निर्माण कम्पनियों से संबंधित अधिकारियों के अलावा यूपीडा के अन्य अभियन्ता सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। परियोजना का अब तक लगभग 60 प्रतिशत भौतिक कार्य सम्पन्न हो चुका है, परियोजना में पड़ने वाली यमुना और बेतवा नदी पर पुलों का तीव्र गति से निर्माण चल रहा है। इसके साथ ही अवस्थी द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि आर0ओ0बी0 तथा आर0ई0 पैनल निर्माण के काम में तेजी के साथ स्ट्रक्चर्स से संबंधित काम में शीघ्रता लाई जाए, उन्होंने टोल प्लाजा निर्माण के काम में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। श्री अवस्थी ने मिट्टी के शेष बचे हुए कार्य को तेजी के साथ करने और परियोजना के अन्तर्गत पड़ने वाले यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्यो को भी शीघ्रता से किए जाने हेतु निर्देशित किया, इसके साथ ही टेक्निकल आडीटर, अथारिटी इंजीनियर एवं पी0आई0यू0 को गुणवत्ता की जांच लगातार करने के निर्देश दिए, ताकि परियोजना का कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ कराया जा सके।

बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल लम्बाई 296 किमी0 है तथा वर्तमान में इस परियोजना की कुल भौतिक प्रगति लगभग 60 प्रतिशत पूर्ण कर ली गई है। श्री अवस्थी ने यह भी बताया कि बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है और सभी फ्लाई ओवर पर तीव्रता से कार्य कराया जा रहा है। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे के प्रभारी मुख्य अभियन्ता श्री मनोज कुमार गुप्ता द्वारा यह बताया गया कि एक्सप्रेसवे के निर्माण में विभिन्न ई0पी0सी0 कान्टैªक्टर्स द्वारा सर्विस रोड एवं अन्य कार्य भी प्रगति पर है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे में अब तक क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग का कार्य 99.13 प्रतिशत और मिट्टी का कार्य 90 प्रतिशत से अधिक पूर्ण कर लिया गया है। कुल 818 में से 581 स्ट्रक्चर्स यानि आधे से अधिक का कार्य भी पूरा किया जा चुका है। एक्सप्रेसवे पर 04 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 06 टोल प्लाजा, 07 रैम्प प्लाजा, 268 लघु सेतु, 18 फ्लाई ओवर तथा 214 अण्डरपास का निर्माण कराया जायेगा। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे 04 लेन चैड़ा (6 लेन में विस्तारणीय) तथा संरचनाएं 06 लेन चैड़ाई की बनायी जायेंगी। एक्सप्रेसवे के एक ओर 3.75 मी0 चैड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जायेगी जिससे परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेसवे पर सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके।

अनिल राजभर ने जनपद वाराणसी में रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने केंद्र सरकार के 7 वर्ष पूरे होने पर जनपद वाराणसी विधानसभा क्षेत्र नरपतपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर रक्तदान कराने आने वालो का उत्साह वर्धन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं केंद्र सरकार कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में हरसंभव प्रयास कर रही है। जिसका नतीजा है कि अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में संक्रमण कम हो रहा है। उन्होंने लोगो से अपील करते हुए कहा कि कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें तथा अपना कोविड टीकाकरण अवश्य लगवाये।

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज बलिया जनपद के विभिन्न गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज बलिया जनपद के विभिन्न गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि गेहूँ क्रय में तेजी लाई जाये और इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि गेहूँ खुले में न पड़ा रहे। इसके लिए समय से गेहूँ उठाने एवं उनके सुरक्षित भण्डारण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शाही ने आज जनपद बलिया में साधन सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा संचालित नवानगर क्रय केन्द्र एवं खाद्य विभाग द्वारा संचालित एकईल क्रय केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकाल का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करते हुये गेहूँ खरीद की जाए। साथ ही क्रय केन्द्रों पर सेनेटाइजर, साबुन-पानी आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाए।

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इसके उपरांत कृषि मंत्री ने जनपद में गेहूँ खरीद की स्थिति का जायजा लेने हेतु विकास खंड रसड़ा परिसर में अपर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और गेहूं खरीद से सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक भी ली। उन्होंने गेहूँ खरीद की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुये बलिया मण्डी समिति के सचिव का एक माह का वेतन रोकने के निर्देश दिये। शाही ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि जनपद के समस्त क्रय केन्द्रों पर गेहूं उठान के कार्य में तेजी लाई जाये और क्रय केंद्रों पर अनाज का भंडारण ठीक प्रकार से करें। एक गोदाम भर जाने की स्थिति में दूसरे गोदाम को चिन्हित कर वहां भंडारण की व्यवथा सुनिश्चित की जाए। किसानों के भुगतान में किसी प्रकार की लापरवाही न हो और शीघ्रातिशीघ्र उनका भुगतान सुनिश्चित किया जाए। किसान भाईयों को गेहूँ खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या न उत्पन्न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

पुनर्वास विश्वविद्यालय: बी0टेक विभाग के 11 विद्यार्थियों का हुआ रेडियन्ट अप्लायंसेज एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स् प्राइवेट लिमिटेड में प्लेसमेण्ट

डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव अमित कुमार सिंह ने बताया कि डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी0टेक, इलेक्ट्रिकल इन्जीनियरिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक्स् एण्ड कॉम्यूनिकेशन्स् इन्जीनियरिंग) विभाग के 11 विद्यार्थियों का रेडियन्ट अप्लायंसेज एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स् प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद में प्लेसमेण्ट हुआ है। विश्वविद्यालय के बी0टेक, इलेक्ट्रिकल इन्जीनियरिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक्स् एण्ड कॉम्यूनिकेशन्स् इन्जीनियरिंग विभाग के जिन 11 विद्यार्थियों का रेडियन्ट अप्लायंसेज एण्ड इलेक्ट्रॉनिक्स् प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद में प्लेसमेण्ट हुआ है उनमें इलेक्ट्रिकल इन्जीनियरिंग के जय प्रताप सिंह गौतम, ज्योति कश्यप, सोनू कुमार गुप्ता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स् एण्ड कॉम्यूनिकेशन्स् इन्जीनियरिंग के अमित पाठक, अन्शिमा अनूप, मो0 परवेज खान, राहुल सिंह, रजत कुमार, सिमरन भारती, सोनू कुमार एवं योगेश कुमार शामिल हैं। इन 11 विद्यार्थियों का 01.68 लाख रूपये के सालाना पैकेज में प्लेसमेण्ट हुआ है।

विश्वविद्यालय में बी0टेक विभाग के विद्यार्थियों हेतु आयोजित वर्चुअल प्लेसमेण्ट ड्राइव में इन सभी विद्यार्थियों का प्लेसमेण्ट हुआ है।

जिलाधिकारी आक्सीजन प्लांट तक के लिए भी जिला खनिज फाउंडेशन न्यास निधि से 30 परसेंट व्यय सकते हैं धनराशि - डॉ. रोशन जैकब

सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश डॉ रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश में  जिला खनिज फाउंडेशन  न्यास निधि में वर्तमान में 438 करोड़ 81 लाख रुपए की धनराशि उपलब्ध है। कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से निपटने के लिए इस धनराशि में से 30ः धनराशि (लगभग रु०131 करोड़ 18 लाख ) कोरोना संक्रमण के नियंत्रण हेतु आवश्यक व्यवस्थाओं में व्यय किए जा सकते हैं। डॉ. जैकब ने बताया कि डी एम एफ फण्ड में केवल सोनभद्र में ही 191 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध है, जिसमें से रू०57 करोड़ व्यय किए जा सकते हैं ।इसी तरह से  बुन्देलखण्ड के जिलों में लगभग 100 करोड़ से ऊपर की धनराशि डी एम एफ मद में उपलब्ध है जिसमें से 30 परसेंट धनराशि व्यय की जा सकती है। हालांकि पूर्व  मे सहारनपुर, मीरजापुर, अमरोहा, बहराइच, लखीमपुर, आजमगढ़, इटावा व देवरिया  जिले मे रु० 46 लाख की धनराशि व्यय भी की गयी है।

इस संबंध में डॉ.  रोशन जैकब ने समस्त जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह कोविड-19 के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जनपद की परिस्थिति और तात्कालिक आवश्यकता के अनुरूप जिला खनिज फाउंडेशन न्यास निधि  की अधिकतम 30 धनराशि जनपद में चिकित्सा उपकरण एवं अवस्थापना की आवश्यकता का आकलन कर स्वास्थ विभाग के गाइडलाइन के अनुसार चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति में व्यय करना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला अधिकारियों को जारी दिशा निर्देशों में कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों व कोविड-19 के आगामी संभावित संक्रमण की स्थिति में उपचार की तैयारी  स्वरूप डी० एम० एफ० मद मे जमा धनराशि के अधिकतम 30 प्रतिशत धनराशि ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के साथ-साथ अस्पतालों की ऑक्सीजन पाइप लाइन से संबंधित मरम्मत  आदि के कार्यो तथा अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों पर व्यय   करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों में लाई जाय तेजी -केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के संबंधित अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण मार्गों के कार्यों में और अधिक तेजी लाई जाए तथा जहां भी निर्माण कार्य हो रहे हैं, वहां पर कोविड-19 प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से पालन सुनिश्चित किया जाए। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएमजीएसवाई के तहत वर्ष 2017- 18 से 2019-20 तक 486 मार्गों का चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया गया, इनकी लंबाई 365.37 किलोमीटर है और इन कार्यो पर रु० 1842.70 करोड़ की धनराशि की गई । वर्ष 2020 -21 में लोक निर्माण विभाग के अधीन 84 मार्ग, जिसमें 11 सेतु  भी सम्मिलित हैं ,जिनकी लंबाई 772.35 किलोमीटर है ,के चैड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का कार्य 450 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है , जिसमें वित्तीय वर्ष के अंत तक 46 मार्ग ,जिनकी  लंबाई 395.41 किलोमीटर है, को पूर्ण करा लिया गया है ,इस कार्य पर 242.94 करोड रुपए की धनराशि व्यय की गयी है  और शेष कार्य प्रगति पर हैं।

लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीरियाडिक रिनीवल वर्ष 2020-21 के अंतर्गत  लोक निर्माण विभाग के 32 जनपदों के 420 मार्ग, जिनकी लंबाई 1100.434 किलोमीटर है,के कार्य रू०103.63 करोड़ की लागत से कराए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी कार्यो को निर्धारित समय सीमा के अंदर अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए तथा मानको और गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाए।

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