दिग्विजय के बयान पर विहिप का पलटवार, कहा- इस्लाम ये नहीं सिखाता कि किसी महिला को धोखे में रखकर शादी की जाए

विहिप के आलोक कुमार ने कहा कि इस्लाम भी यह नहीं सिखाता है कि किसी लड़की को धोखे में रखकर उसके साथ शादी की जाए।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ‘सभी भारतीयों का डीएनए समान है’ वाले बयान का हवाला देते हुए धर्म परिवर्तन कानून पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही है तो भाजपा शासित राज्यों में धर्म परिवर्तन और अंतर धार्मिक विवाह के खिलाफ कानून लाने की क्या जरूरत थी।
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दिग्विजय सिंह के इस बयान पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने पलटवार किया है। विहिप के आलोक कुमार ने कहा कि इस्लाम भी यह नहीं सिखाता है कि किसी लड़की को धोखे में रखकर उसके साथ शादी की जाए। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में विहिप के आलोक कुमार ने इस तरह की गलतफहमियों से नहीं चलेगा, लव ज़िहाद पर आपत्ति ये है कि उसमें धोखे से शादी की जाती है। लड़का ये छुपाता है कि वो मुसलमान है। इस्लाम भी ये नहीं सिखाता कि किसी महिला को धोखे में रखकर शादी की जाए। ये अपराध है इसपर आपत्ति हमेशा बनी रहेगी।
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गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर किए गए सवाल पर दिग्विजय सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि यदि हिन्दू-मुसलमान का डीएनए एक ही है तो धर्म परिवर्तन कानून और लव-जिहाद कानून की क्या जरूरत थी? फिर मोहन भागवत जी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का डीएनए एक ही है।
अगर हिन्दू और मुस्लमान का DNA एक है तो धर्म परिवर्तन क़ानून की क्या आवश्यकता है, लव ज़िहाद क़ानून की क्या आवश्यकता है? फिर मोहन भागवत और ओवैसी का DNA एक ही है: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, सीहोर(मध्य प्रदेश) में (7-07-2021) pic.twitter.com/navs6lvFHH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2021
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