कमलनाथ का स्टार प्रचारक दर्जा रद्द किए जाने के खिलाफ SC जाएंगे: विवेक तन्खा

वरिष्ठ राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के एक साथ इस्तीफा देकर भाजपा के पाले में चले जाने से कमलनाथ सरकार का 20 मार्च को पतन हो गया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा 23 मार्च को सत्ता में लौट आई थी।
उन्होंने कहा, अगर किसी नेता के चुनावी भाषण से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है, तो निर्वाचन आयोग उसके द्वारा चुनाव प्रचार किए जाने पर कुछ समय के लिए रोक लगा सकता है। लेकिन किसी भी नेता को उसकी राजनीतिक पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करना या इससे बाहर करना इस आयोग का काम ही नहीं है। तन्खा ने पूछा, किसी भी सियासी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची निर्वाचन आयोग कैसे तय कर सकता है? इससे पहले, निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा कि कमलनाथ द्वारा आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें जारी सलाह की पूरी तरह अवहेलना किए जाने पर मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उप चुनावों के लिए उनका स्टार प्रचारक का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है।MP assembly bypolls: EC revokes star campaigner status of Congress leader and ex-CM Kamal Nath for repeated violations of model code
— Press Trust of India (@PTI_News) October 30, 2020
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गौरतलब है कि वरिष्ठ राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के एक साथ इस्तीफा देकर भाजपा के पाले में चले जाने से कमलनाथ सरकार का 20 मार्च को पतन हो गया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा 23 मार्च को सत्ता में लौट आई थी। सियासी तख्तापलट के सात महीने बाद राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवम्बर को उप चुनावों के लिए मतदान होना है। दलित समुदाय की भाजपा नेता इमरती देवी पर कथित अभद्र टिप्पणी के बाद से 73 वर्षीय कांग्रेस नेता कमलनाथ राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं के निशाने पर चल रहे हैं।
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