दुष्कर्म पीड़िता मांगलिक है या नहीं, HC के कुंडली जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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ANI
अभिनय आकाश । Jun 3 2023 4:24PM

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप पीड़िता की कुंडली मिलान और कुंडली के अध्ययन का आदेश दिया था। अब हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के 23 मई के आदेश पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग को एक महिला की 'कुंडली' की जांच करने का निर्देश दिया गया था ताकि यह पता चल सके कि वह 'मांगलिक' है या नहीं। दरअसल, बीते दिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया, जिसने खासी सुर्खियां बटोरी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप पीड़िता की कुंडली मिलान और कुंडली के अध्ययन का आदेश दिया था। अब हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के 23 मई के आदेश पर रोक लगा दी है। 

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बता दें कि हाईकोर्ट लखनऊ विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष (ज्योतिष विभाग) को यह निर्धारित करने का निर्देश दिया गया था कि कथित बलात्कार पीड़िता मंगली/मांगलिक है या नहीं। आदेश में कहा गया था कि कुंडली की जांच कर ये पता लगाया जाए कि रेप पीड़िता मांगलिक है या नहीं। उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते शादी के झूठे वादे के जरिए कथित बलात्कार के एक मामले में जमानत अर्जी पर आदेश पारित किया था। शनिवार को हुई विशेष सुनवाई में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस पंकज मित्तल की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि ज्योतिष का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट के आदेश को "परेशान करने वाला" करार दिया।

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क्या है पूरा मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता ने दावा किया कि युवती मंगली है, लिहाजा उसकी शादी बिना मंगली शख्स के साथ नहीं हो सकती। पीड़िता मंगली है या नहीं, ये पता करने के लिए हाई कोर्ट के जज जस्टिस बृजराज सिंह ने ये फैसला दिया था। कोर्ट ने आदेश देते हुए ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया था कि वह कुंडलियों का अध्ययन और मिलान कर तीन हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत को दें और ये पता करें कि पीड़िता मांगलिक है या नहीं।

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