संसद का शीतकालीन सत्र 18 से शुरू, चिकित्सकों डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पेश होगा ये बिल

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[email protected] । Nov 15 2019 5:20PM

स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा कर्मी और नैदानिक ​​प्रतिष्ठान (संपत्ति का नुकसान और हिंसा पर प्रतिबंध) विधेयक, 2019 को लेकर अंतर-मंत्रालयी विमर्श में शामिल अन्य सभी मंत्रालयों से कहा है कि वे जल्द से जल्द अपनी टिप्पणी भेजें ताकि मसौदा कानून को अंतिम रूप दिया जा सके और अगले सप्ताह मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया।

नयी दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय संसद के शीतकालीन सत्र में उस विधेयक को पेश किए जाने पर जोर देगा जिसमें ड्यूटी के दौरान चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा कर्मी और नैदानिक ​​प्रतिष्ठान (संपत्ति का नुकसान और हिंसा पर प्रतिबंध) विधेयक, 2019 को लेकर अंतर-मंत्रालयी विमर्श में शामिल अन्य सभी मंत्रालयों से कहा है कि वे जल्द से जल्द अपनी टिप्पणी भेजें ताकि मसौदा कानून को अंतिम रूप दिया जा सके और अगले सप्ताह मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया।

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मसौदा कानून में चिकित्सकों और अन्य स्वस्थ्य पेशेवरों को चोट पहुंचाने के अपराध में तीन से दस साल तक के कारावास का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा 10 लाख रुपये तक जुर्माने का भी प्रस्ताव किया गया है।इसके साथ ही हिंसा या स्वास्थ्य इकाइयों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को छह महीने से पांच साल तक की कैद और 50,000 रुपये से पांच लाख रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा किहम आगामी शीतकालीन सत्र में उस विधेयक को पेश करेंगे जिसमें चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ हिंसा और नैदानिक ​​प्रतिष्ठानों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दंडका प्रावधान किया गया है।संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होने वाला है। मेडिकल बिरादरी की लंबे समय से चली आ रही मांग के बीच मसौदा कानून सितंबर में प्रतिक्रिया के लिए लोगों के सामने रखा गया था।

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