History Revisited: कैसे 10 साल की उम्र में अरबपति बनने वाला ओसामा 21 साल की उम्र में आतंकवादी बन गया?

Osama bin laden
अभिनय आकाश । Feb 18 2021 5:46PM

लादेन के कंधे पर नजर आने वाली एके-47 उसने रूसी सेना से छीनी थी। साल 1989 में एक रूसी जनरल से लादेन ने यह रायफल छीनी थी और उसके बाद से उसे कभी खुद से अलग नहीं किया। ओसामा की छह बीवियों से तकरीबन 20 बच्चें थे।

11 सितंबर 2001 की वो स्याह तारीख को भला कौन भूल सकता है। जिस दिन सुपर पॉवर मुल्क कहे जाने वाले अमेरिका की बुनियाद हिला कर रख दी थी। उस दिन आतंकवादियों ने अमेरिका का गुरूर कहे जाने वाली इमारत का वजूद ही खत्म कर दिया था। उस दिन अमेरिका को पहली बार ये एहसास हुआ कि आतंकवाद का खात्मा किए बिना वो अपने घर में ही सुरक्षित नहीं है। लेकिन इन इमारतों से कहीं ज्यादा कीमती थी वो जिंदगियां जो इस नरसंहार की भेंट चढ़ीं। 

कैसे 10 साल की उम्र में अरबपति बनने वाला ओसामा 21 साल की उम्र में आतंकवादी बन गया? 

ये बात दुनिया में कम ही लोगों को पता है कि लादेन एक आंख से अंधा था। स्कूल में उसकी दाहिनी आंख में चोट लग गई थी। तभी से उस आंख से लादेन को दिखना बंद हो गया था। लादेन महज 10 साल की उम्र में ही अरबपति बन गया था। 1967 में लादेन के पिता की मौत हो गई थी। उसके बाद उसके 54 भाई बहनों में संपत्ति का बंटवारा हुआ। बताया जाता है कि लादेन की हरकतें भले ही किसी जाहिल की तरह हो लेकिन वो काफी पढ़ा लिखा था। लादेन ने किंग अब्दुल अजीज यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली थी। लादेन ने दुनिया में आतंक का सबसे खौफनाक चेहरा बनने से पहले सऊदी अरब में कई सड़कों का निर्माण करवाया। लादेन ने कई साल तक अपने पिता की कंपनी में काम किया। उसके पिता की कंपनी सऊदी अरब की बड़ी कंपनी थी और 80 फीसदी सड़क उसके पिता की कंपनी ने बनाई थी। दुनियाभर में लाखों घर उजाड़ने वाले लादेन ने खुद लव मैरेज की थी। जब लादेन 17 साल का था तब ही उसके रिश्ते में बहन लगने वाली 15 साल की नजवा से लव मैरेज किया था। सूडान मूल की कोला-बू ने लादेन पर बलात्कार का आरोप लगाया। कोला-बू ने बताया कि उसके अनुसार1996 में लादेन ने नार्थ अफ्रीका से उसका अपहरण किया और मोरक्को के मराकेश के ला मेशन अरब होटल में चार महीने तक रखा। लादेन ने वहां उसके साथ रेप किया। कोला-बू लादेन से अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागती रही बाद में अमेरिकी सरकार ने उसे सुरक्षा दी।

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लादेन के कंधे पर नजर आने वाली एके-47 उसने रूसी सेना से छीनी थी। साल 1989 में एक रूसी जनरल से लादेन ने यह रायफल छीनी थी और उसके बाद से उसे कभी खुद से अलग नहीं किया। ओसामा की छह बीवियों से तकरीबन 20 बच्चें थे। लेकिन आतंकी लादेन के बच्चों को कभी पिता का प्यार नहीं मिला। लादेन के एक बेटे उमर बिन लादेन ने अपनी एक किताब 'ग्रोइंग अप विथ लादेन' में लिखा है कि गलती करने पर लादेन सजा देने के लिए अपने बच्चों को बिना पानी रेगिस्तान में छोड़ देता था। 

जब अमेरिकियों ने देखा था मौत का मंजर 

11 सितंबर, 2001 की तारीख हर रोज से अलग होने वाली थी और ये सुबह हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवाने वाली थी। दहशत पैदा करने के लिए आतंकी संगठन अलकायदा ने चार अमेरिकी विमानों का अपहरण कर दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर से टकराए, तीसरा विमान वॉशिंगटन डीसी के बाहर पेंटागन और चौथा विमान पेंसलिवेनिया के खेतों में गिरा। इस हमले ने पूरी दुनिया के सामने आतंकवाद से निपटने की चुनौती दी। आतंकी हमले में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। अकेले डब्ल्यूटीसी में नष्ट हुई कलाकृतियों की कीमत 10 करोड़ डॉलर थी। यहां से 18 लाख टन मलबा हटाने में करीब नौ महीने का वक्त लगा। 9/11 हादसे में करीब तीन हजार लोगों ने जान गंवाई। इनमें चार सौ पुलिसकर्मी और अग्निशमन दस्ते के सुरक्षाकर्मी थे। हमले में मारे गए 372 गैर-अमेरिकी लोग थे। जिनमें विमान अपहरणकर्ताओं के अलावा 77 देशों के नागरिक भी शामिल थे।

ऐसे दिया गया ऑापरेशन को अंजाम 

पाकिस्तान के एबटाबाद में उस वक्त रात के 11 बज चुके थे। लादेन का पूरा परिवार सोने जा चुका था। वैसे तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ज्यादा समय का अंतराल नहीं है और उस वक्त जलालाबाद में रात के साढ़े दस बज रहे थे। 23 सदस्यों वाली अमेरिकी नौसेना की सील टीम दो ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर्स में चढ़ने की तैयारी कर रही थी। इस टीम में एक पाकिस्तानी मूल के दो भाषिए जिसे सैनिक भाषा में टर्प कहा जाता है, के साथ कैरो नाम का एक कुत्ता भी था। जिसने सील सैनिकों की तरह ही बुलेटप्रूफ जैकेट पहन रखी थी। 11 बजे के करीब ब्लैकहॉक हेलिकॉप्टर्स ने जलालाबाद सैनिक हवाई अड्डे से पूर्व में पाकिस्तानी सीमा की ओर उड़ान भरी। पाकिस्तान सीमा पार करने के बाद ये हेलिकॉप्टर पेशावर की तरफ मुड़ गए। ब्लैकहॉक हेलिकॉप्टर्स के टेक ऑफ करने के 45 मिनट बाद उसी रनवे से चार चिनूक हेलिकॉप्टर्स ने उड़ान भरी। चार हेलिकॉप्टर्स भेजने का फैसला अंतिम क्षणों में लिया गया क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति का इस बात को लेकर आश्वस्त होना चाहते थे कि चीजें सोच के अनुरूप नहीं हुई तो अमेरिकी सैनिक लड़ते हुए पाकिस्तान से वापस अफगानिस्तान पहुंच सकते हैं। वहीं, लादेन की घर के ऊपरी शयनकक्ष के कमरे में बहुत कम खिड़कियां इसलिए बनवाई गई थीं कि कमरे में क्या हो रहा है इसकी खबर किसी को न लगे। जिस वजह से बाहर का नजारा भी उसे नजर न आया। बीबीसी ने लेखक पीटर बर्गेन के हवाले से रिपोर्ट की उसके मुताबिक, लादेन के शयनकक्ष के शेल्फ में एके-47 और माकारोव मशील पिस्टल रखी थी। लेकिन लादेन ने शोर सुनकर सीधा लोहे का दरवाजा खोला। सील की नजर उस पर गई। सील ने लादेन के आगे खुद को करने वाली उसकी पत्नी अमल के पांव में गोली मारी। लादेन पर डबल टैप शॉट लगाए जो उसके सीने और बाई आंख में लगे। एक्शन सीन से आ रही ऑडियो फीड में एडमिरल मैक्रेवन ने सील टीम को जेरोनिमो कहते हुआ सुना। ये मिशन की सफलता का कोड था। मैक्रेवन ने टीम लीडर से पूछा- इज ही एकिया? मतलब दुश्मन मारा गया? जवाब आया- रोजर, जेरोनिमो एकिया। जब ये कोड ओबामा ने सुना तो वह चीख पड़े- वी गॉट हिम वी गॉट हिम। अमेरिकी ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने अपने दो एफ-16 विमानों से हेलिकॉप्टर्स का पीछा किया। लेकिन अमेरिका को इस बात का अंदाजा था कि वे कुछ खास नहीं कर पाएंगे क्योंकि पाकिस्तानी पायलटों को रात में उड़ने का ज्यादा अनुभव नहीं था। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार ओसामा के सिर पर 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम था। इस अभियान में उसका एक बेटा और एक महिला भी मारी गई थी। 

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दो गज जमीन भी नहीं हुई नसीब 

ये तो सभी जानते हैं कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद उसकी लाश को गुमनाम समुंदर के बीच दफन कर दिया। मगर ओसामा की लाश कैसे दफनाई गई? किस तरह के बैग में लाश रखी गई थी? क्यों उसके लाश वाली बैग में लोहे के वजनी जंजीर डाली गई? कैसे उसके लिए दुआएं मांगी गई? अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री और खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व निदेशक लियोन पेनेटा ने अपनी किताब में ओसामा बिन लादेन के आखिरी सफर का खुलासा किया था। अमेरिका पाकिस्तान में ओसामा की लाश नहीं छोड़ना चाहता था। ओसामा की लाश साथ ले जाना पहले से तय था। इसके साथ ही उसे कहां दफनाना है, ये भी पहले से तय था। लियोन पेनेटा के अनुसार पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा को मारने के बाद उसकी लाश काले रंग के एक बैग में डाली गई। उसके बाद उस बैग को ऑपरेशन में इस्तेमाल हेलीकॉप्टर में रखकर अफगानिस्तान में अमेरिकी एयरबेस तक ले जाया गया। अमेरिकी एयरबेस से ओसामा की लाश को समुद्र में इंतजार कर रहे विमान वाहक पोत से ले जाया गया। पेनेटा ने अपनी किताब वर्थी फाइटर: ए मेमॉयर ऑफ लीडरशिप इन वार एंड पीस में लिखा है कि ओसामा की लाश को बकायदा मुस्लिम रीति रिवाज से दफनाया गया था। दफनाने से पहले ओसामा को सफेद कफन से ढका गया था और अरबी में दुआंएं पढ़ी गईं। उसके बाद उसकी लाश एक काले और बड़े बक्से में रखी गई। लोहे के बक्से का वजन वैसे ही ज्यादा था लेकिन इसके बावजूद 300 पाउंड यानि 136 किलो वजन के लोहे की जंजीर रखी गई। उसके बाद उस बक्से को समुंदर में फेंक दिया गया। जंजरी रखने के पीछे वजह थी कि बक्सा समुंदर की तह में ही रहे और कभी ऊपर न आ सके। 

अमेरिका नहीं चाहता था कि ओसाना की कहीं कब्र बने क्योंकि अमेरिका को डर था कि ओसाना को जहां भी दफनाया जाएगा वो जगह जिहादियों के लिए शहादत की निशानी बन जाएगी। ओसामा की कब्र ना बनाने देने के पीछे अमेरिका की सोच यह थी कि किसी भी हालत में ओसामा को जिंदा न रहने दिया जाए।

- अभिनय आकाश

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