क्या है PGAD, जिसकी वजह से कहीं भी-कभी भी लोगों का महसूस होने लगता है ऑर्गज्म?

What is PGAD
CANVA PRO
एकता । Sep 25 2025 3:15PM

सहज चरमोत्कर्ष विकार (PGAD) एक दुर्लभ स्थिति है जहाँ व्यक्ति को बिना किसी बाहरी उत्तेजना के बार-बार ऑर्गेज्म का अनुभव होता है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करता है। इसका कारण नर्व डैमेज या पुराना स्ट्रेस हो सकता है, जिससे यह सामाजिक रिश्तों और आत्मविश्वास के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इसके प्रबंधन में दवाइयों, थेरेपी, और माइंडफुलनेस सहित एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाता है, जो बेहतर जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण है।

सोचो, आप मीटिंग में प्रेजेंटेशन दे रहे हैं या दोस्तों के साथ किसी कैफे में बैठे हैं और अचानक आपको तेज सिरदर्द या मांसपेशियों में खिंचाव जैसा कुछ महसूस होने लगे। कितना अजीब लगेगा ना? कुछ लोगों के साथ ऐसा हर दिन होता है, बस फर्क ये है कि उन्हें सिर में तेज दर्द नहीं होता बल्कि बिना किसी रोमांटिक या सेक्सुअल वजह के थोड़ी-थोड़ी देर में ऑर्गेज्म के झटके लगते हैं।

ये एक तरीके का डिसऑर्डर है, जिसे डॉक्टर्स सहज चरमोत्कर्ष विकार (Persistent Genital Arousal Disorder – PGAD) या सहज कामोन्माद विकार कहते हैं। ये रेयर प्रॉब्लम आमतौर पर लोगों के शरीर और दिमाग, दोनों को प्रभावित करती है।

ये डिसऑर्डर क्या है?

इस डिसऑर्डर में किसी भी टाइम, कहीं भी, घर पर, मेट्रो में, मीटिंग में, बिना किसी यौन उत्तेजना के बार-बार ऑर्गेज्म जैसी फीलिंग आती है। डॉक्टर्स बताते है कि इसके लिए कोई ट्रिगर जरूरी नहीं होता।

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ये डिसऑर्डर क्यों होता है?

डॉक्टर्स के अनुसार, इस डिसऑर्डर का कोई एक सटीक कारण नहीं है। ये कई समस्याओं, जैसे- नसों की दिक्कत, स्ट्रेस, की वजह से हो सकता है।

नसों की दिक्कत: रीढ़ (spine) या पेल्विक नसों में प्रॉब्लम, नर्व डैमेज वगैरह।

दिमागी स्ट्रेस: बहुत ज्यादा तनाव, पुराना ट्रॉमा या दबा हुआ इमोशनल पेन।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लगातार स्ट्रेस नर्व सिस्टम को ओवरसेंसिटिव बना देता है, जिससे ये एपिसोड्स और बढ़ सकते हैं।

इसे मैनेज कैसे करें?

फिलहाल इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सही ट्रीटमेंट से काफी राहत मिल सकती है। इसके लिए नर्व की ओवर एक्टिविटी कम करने वाली दवाइयां, पेल्विक फ्लोर फिजियोथेरेपी, थेरेपी और काउंसलिंग के साथ माइंडफुलनेस जैसी रिलैक्सेशन तकनीकें मददगार होती हैं। साथ ही, कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (CBT) नकारात्मक विचारों और डर को संभालने में असरदार है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर और साइकोलॉजिस्ट की कॉम्बिनेशन ट्रीटमेंट सबसे बेहतर परिणाम देती है।

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इससे लाइफ पर क्या असर पड़ता है?

अचानक होने वाले इन एपिसोड्स से कॉन्फिडेंस पर बड़ा असर पड़ सकता है। लोग लगातार इस डर में रहते हैं कि यह कब और कहां हो जाएगा, जिससे उनकी सोशल लाइफ और रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कपल्स थेरेपी रिश्तों में भरोसा और संवाद दोबारा मजबूत करने में मदद कर सकती है।

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