विकास मुक्केबाजी में ओलंपिक के प्री क्वार्टर फाइनल में
एशियाई खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्णन (75 किलो) ने ओलंपिक में भारत के मुक्केबाजी अभियान का शानदार आगाज करते हुए अमेरिका के चार्ल्स कोनवेल को हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
रियो दि जिनेरियो। एशियाई खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्णन (75 किलो) ने ओलंपिक में भारत के मुक्केबाजी अभियान का शानदार आगाज करते हुए अमेरिका के चार्ल्स कोनवेल को हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। विकास ने ओलंपिक में अपने पदार्पण मुकाबले में 3–0 से जीत दर्ज की। 18 बरस के कोनवेल शुरूआती दौर से ही दबाव में दिखे जबकि विकास ने पहले तीन मिनट में बेहतरीन पंच लगाये। दूसरे दौर में विकास ने कोनवेल के डिफेंस को पूरी तरह तोड़ दिया। जजों ने काफी सलाह मशविरे के बाद विकास को इस दौर में विजयी चुना लेकिन तीसरे दौर में विकास ने अपने प्रतिद्वंद्वी को हावी नहीं होने दिया। एक समय मुकाबला बराबरी पर था लेकिन विकास ने पहले दो दौर के अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर जीत दर्ज की। जीत के बाद उसने कहा कि वह पहले दो दौर में ही कोनवेल को हराना चाहता था ताकि लंदन ओलंपिक की तरह की घटना ना दोहराई जाये। लंदन में वह प्री क्वार्टर फाइनल में अमेरिका के एरोल स्पेंस से जीता था लेकिन बाद में फैसला बदल दियाग गया। उसने कहा, ''जब मैने ड्रा देखा और पता चला कि मुकाबला फिर अमेरिकी मुक्केबाज से है तो लंदन ओलंपिक मेरे जेहन में आ गया। मैं नहीं चाहता था कि चार साल पुरानी घटना दोहराई जाये।''
विकास ने कहा, ''मैं क्लीन पंच लगाना चाहता था ताकि शक की कोई गुंजाइश न रहे।’’ विकास ने कोनवेल के मौजूदा कोच विली मोसेस से ट्रेनिंग ली है। उसने कहा, ''यह मुक्केबाज मेरे लिये बिल्कुल नया था। मैं उससे कभी विश्व कप या विश्व चैम्पियनशिप में नहीं मिला। मेरा मकसद पहले दौर में उसका आकलन करना और दो या चार करारे पंच लगाना था ताकि जजों का ध्यान खींच सकूं।’’ उसने कहा, ''वह युवा खिलाड़ी है और ताकत पर ज्यादा जोर दे रहा था जबकि मेरा जोर अनुभव पर था। मुझे पता था कि वह युवा और ऊर्जावान है लिहाजा मैने अंतर बनाये रखा।’’ राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने उम्मीद जताई कि तीनों मुक्केबाज अच्छा प्रदर्शन करेंगे। मनोज कुमार (64 किलो) अपने अभियान की शुरूआत आज और शिवा थापा (56 किलो) गुरूवार को करेंगे।
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