गुलाबी गेंद से खेलकर उत्साहित हैं युवी और रैना
अनुभवी बल्लेबाज युवराज सिंह और सुरेश रैना ने भारत में पहली बार प्रथम श्रेणी मैच में गुलाबी गेंद के प्रयोग को सफल करार दिया और कहा कि इस गेंद से लगातार खेलने पर खिलाड़ी इसके आदी होते जाएंगे।
ग्रेटर नोएडा। अनुभवी बल्लेबाज युवराज सिंह और सुरेश रैना ने भारत में पहली बार प्रथम श्रेणी मैच में गुलाबी गेंद के प्रयोग को सफल करार दिया और कहा कि इस गेंद से लगातार खेलने पर खिलाड़ी इसके आदी होते जाएंगे। दलीप ट्राफी मैच में इंडिया रेड की इंडिया ग्रीन पर बड़ी जीत के बाद विजेता टीम के कप्तान युवराज ने कहा कि गुलाबी गेंद पुरानी नहीं पड़ती और इससे खेलना काफी रोमांचक है। युवराज ने कहा, ‘‘गुलाबी गेंद थोड़ा मूव कर रही थी। एसजी गेंद की तुलना में थोड़ा अधिक। यह काफी रोमांचक है कि गुलाबी गेंद पुरानी नहीं पड़ती है। यह बल्ले पर अच्छी तरह से आ रही है।’’ दूसरी तरफ इंडिया ग्रीन के कप्तान रैना भी इस नये प्रयोग से उत्साहित दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘गुलाबी गेंद का अनुभव अच्छा रहा। मैंने युवी पा से इस पर चर्चा की थी। हम इस गेंद से जितना अधिक खेलेंगे उतने ही इसे आदी होते जाएंगे।’’ मैच के बारे में युवराज ने कहा कि पहली पारी में 161 रन का स्कोर अच्छा था क्योंकि तब गेंद काफी मूव कर रही थी। इंडिया रेड ने इसके बाद नाथू सिंह की शानदार गेंदबाजी से इंडिया ग्रीन को 151 रन पर आउट कर दिया था। दूसरी पारी में अभिनव मुकुंद और सुदीप चटर्जी ने शतक जड़े। युवराज ने कहा, ‘‘नाथू ने बेहतरीन गेंदबाजी करके हमें वापसी दिलायी। बाद में अभिनव और चटर्जी ने बड़ी साझेदारी निभाकर मैच हमारे नियंत्रण में कर दिया था। मेरा मानना है कि गेंद जिस तरह से मूव कर रही थी उसे देखते हुए पहली पारी में 161 रन का स्कोर अच्छा था। हम उन्हें 200 से कम स्कोर पर रोकने में सफल रहे।''
मुकुंद को 77 और 169 रन की पारियां खेलने के कारण मैन आफ द मैच चुना गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने घर में दूधिया रोशनी में खेलने का अच्छा अभ्यास किया था। विकेट में नमी थी और इसलिए शायद पहले दिन इतने अधिक विकेट गिरे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब क्रिकेट नहीं खेली जा रही थी तो मैंने कड़ी मेहनत की। मैंने अधिक मजबूत बन गया हूं। मैंने अपनी बल्लेबाजी पर भी काम किया। मैं यह फार्म जारी रखना चाहता हूं। उम्मीद है कि इस सत्र में मेरा भाग्य बदलेगा।''
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