सरकार के आश्वासन से नाखुश पहलवान WFI अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी करने को तैयार

Wrestlers unhappy
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ANI

तीन बार राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता और भाजपा नेता बबीता फोगाट बृहस्पतिवार को सरकार की ‘संदेशवाहक’ बनी और धरने पर बैठे पहलवानों को उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया जो भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग कर रहे हैं।

देश के शीर्ष पहलवानों ने गुरूवार को अपना विरोध तेज करने की बात करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया है, कोई ‘संतोषजनक जवाब नहीं’ और अगर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को तुरंत प्रभाव से भंग नहीं किया गया तो वे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज करायेंगे। पहलवानों ने जंतर मंतर पर लगातार दूसरे दिन धरना जारी रखा और उनके साथ और भी पहलवान शामिल हुए जिन्होंने इसे ‘भारतीय कुश्ती को नया जीवन देने’ की लड़ाई करार दिया।

ये डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिन पर यौन उत्पीड़न और धमकाने के आरोप लगाये गए हैं। तीन बार राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता और भाजपा नेता बबीता फोगाट बृहस्पतिवार को सरकार की ‘संदेशवाहक’ बनी और धरने पर बैठे पहलवानों को उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया जो भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग कर रहे हैं। पहलवानों ने अपने बुरे अनुभव भी साझा किये।

तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया ने और अधिक समर्थन की गुहार लगायी जबकि युवा अंशु मलिक ने बताया कि पिछले साल डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की बुल्गारिया में विश्व जूनियर चैम्पियनशिप के दौरान खिलाड़ियों के होटल में मौजूदगी ने महिला पहलवानों को किस तरह असहज कर दिया था। गौरतलब है कि 21 वर्षीय अंशु ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था क्योंकि वह चोटिल थीं।

पहलवानों की टीम को फिर सरकार से बैठक के लिये बुलाया गया जिसमें तीन बार की राष्ट्रमंडल चैम्पियन विनेश फोगाट और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया तथा साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कांदियान शामिल थे। इन सभी ने अपने मुद्दों पर खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान और संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल से भी चर्चा की।

एक घंटे तक चली बैठक में पहलवानों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने को कहा गया और आश्वासन दिया गया कि उनकी शिकायतों का हल निकाला जायेगा। हालांकि पहलवान ठोस और तत्काल कार्रवाई चाहते थे और उन्होंने अपना विरोध तब तक जारी रखने का फैसला किया जब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को पद से हटा नहीं दिया जाता और राष्ट्रीय महासंघ को देश में उसके सभी राज्य कुश्ती संघ के साथ भंग नहीं कर दिया जाता।

बाद में मीडिया से बात करते हुए विनेश ने बैठक में बातचीत का खुलासा नहीं किया लेकिन कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ’’ दो बार की विश्व चैम्पियनशिप विजेता विनेश ने कहा, ‘‘कल हममें से 1-2 पहलवान ही पीड़ित थीं लेकिन अब पांच-छह पहलवान ऐसी हैं जिनका उत्पीड़न (यौन शोषण) किया गया था। हम अभी उनका नाम नहीं ले सकते, वे भी किसी की बेटी-बहन हैं। लेकिन अगर हमें उनकी पहचान के लिये बाध्य किया जाता है तो यह एक ‘काला दिवस’ होगा। ’’

विनेश ने कहा, ‘‘हम सिर्फ उनका (डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष) का इस्तीफा नहीं चाहते। हम उन्हें जेल भेजेंगे। हम कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते थे क्योंकि हमें उम्मीद थी कि समाधान निकल आयेगा लेकिन अगर उचित हल नहीं मुहैया कराया जाता है तो हम अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेंगे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक पदक विजेता हैं इसलिये हम पर संदेह मत कीजिये, हम सच बता रहे हैं, विश्वास कीजिये। ’’

पता चला है कि डब्ल्यूएफआई ने रविवार को अयोध्या में इस मुद्दे पर चर्चा के लिये आम परिषद की आपात बैठक बुलायी है। डब्ल्यूएफआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हां, एक बैठक बुलायी गयी है और इसमें भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की जायेगी। मैं नहीं बता सकता कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष इस्तीफा देंगे या नहीं। इस पर चर्चा करनी होगी। ’’ यह डब्लयूएफआई अध्यक्ष के तौर पर बृजभूषण का तीसरा कार्यकाल है और जल्द ही समाप्त हो रहा है तथा वह फिर से चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य हैं।

उन्हें फरवरी 2019 में तीसरा बार डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुना गया था। राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार एक व्यक्ति अध्यक्ष पद पर तीन कार्यकाल या बिना किसी ब्रेक के 12 साल तक काबिज रह सकता है जिसके पूरा होने के बाद वह वापसी नहीं कर सकता। बजरंग ने कहा, ‘‘पूरी कुश्ती बिरादरी यहां है। हमारे पास सबूत हैं, हम झूठ नहीं बोल रहे। हम कुश्ती को बनाये रखना चाहते हैं, एक नयी जिंदगी शुरू करना चाहते हैं। ’’

अठाईस वर्षीय विनेश ने दावा किया कि उन्हें केरल और महाराष्ट्र की महिला पहलवानों फोन कर यह मुद्दा उठाने के लिये प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘कम से कम पांच से छह लड़कियां कल प्राथमिकी दर्ज करायेंगी और भारत जैसे देश में अगर यह होता है जहां दुर्गा और लक्ष्मी को पूजा जाता है तो यह ‘काला दिवस’ होगा। फिर मैं कहूंगी कि कोई भी महिला इस देश में सुरक्षित नहीं है और किसी के यहां भी बेटी पैदा नहीं हो। ’’

सरकारी प्रतिनिधियों से हुई बैठक की जानकारी के बारे में पूछने पर विनेश ने कहा, ‘‘उन्होंने कोई भी समयसीमा नहीं है, बस आश्वासन दिया है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब सब दांव पर लगा है। हमें पुलिस सुरक्षा भी नहीं है और यहां बैठे हैं। लेकिन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष कहां हैं, उनका कार्यालय बंद हैं। वो आंखें कहां हैं जो हमें डराया करती थीं। ’’

जब उन्हें याद दिलाया गया कि लंदन ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त और एशियाई चैम्पियनशिप की पदक विजेता दिव्या काकरान ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का समर्थन किया है तो विनेश ने कहा, ‘‘योगेश्वर निश्चित रूप से डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की गोद में बैठा है और काकरान ने खुद ही उनके खिलाफ बात की थी जिसके हमारे पास सबूत हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के समर्थन में सारे वीडियो वहीं बनाये गये हैं जहां उनका ‘आतंक का अड्डा’ है, लोगों को यहां आकर जंतर मंतर पर वीडियो बनाने चाहिए। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं सरकार डब्ल्यूएफआई पर अपने नियंत्रण में ले ले। हम मौजूदा अध्यक्ष के अंतर्गत किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे। ’’ वहीं पहलवानों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंची माकपा नेता बृंदा कारत को पहलवानों ने यह कहकर वहां से जाने के लिये कह दिया कि वे इस प्रदर्शन को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते। बजरंग ने कहा ,‘‘ हम आपसे निवेदन करते हैं मैडम कि इसे राजनीतिक नहीं बनाये।’’ वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि पहलवान अपनी शिकायत लेकर उसके पास आ सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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