Lockdown के तीसरे दिन जनता को मिलीं बड़ी राहतें, पर चिंता बरकरार

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि उसने आरबीआई की ओर से रेपो दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। नई ब्याज दर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगी।
कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप बढ़ता ही चला जा रहा है। भारत में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 724 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच लॉकडाउन का आज तीसरा दिन है। तीसरे दिन केंद्र और राज्य सरकारें जनता के लिए राहतों का पिटारा भी लेकर आईं। आइये डालते हैं पूरे दिन की बड़ी घटनाओं पर एक नजर।
आरबीआई और एसबीआई ने जीता दिल
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि उसने आरबीआई की ओर से रेपो दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। नई ब्याज दर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगी। इसके अलावा अगर आप पर एसबीआई का कोई लोन चल रहा है तो आपके लिए भी राहत की खबर है। दरअसल, अगले तीन महीने तक आपको लोन की ईएमआई नहीं देनी पड़ेगी। ये जानकारी खुद एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने दी है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि कर्जदारों की तीन मासिक किस्तों को टाल दिया गया है। इसके लिए ग्राहक को बैंक में अप्लाई करने की जरूरत नहीं है। वहीं एसबीआई के क्रेडिट कार्ड के भुगतान पर फिलहाल कोई राहत नहीं दी गयी है। एसबीआई के चेयरमैन ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि 3 महीने तक मासिक किस्त नहीं देने की स्थिति में ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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JEE की परीक्षाएँ टलीं
इस बीच, एक बड़ी खबर यह है कि कोरोना वायरस के चलते देशभर में होने वाली नीट और JEE की परीक्षाएं टाल दी गई हैं। एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि माता-पिता और छात्रों को किसी भी असुविधा से बचने के लिए विभिन्न परीक्षा केंद्रों की यात्रा करनी पड़ती है, मैंने मई के अंतिम सप्ताह तक NEET (UG) 2020 और JEE (मेन) परीक्षा स्थगित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2020 जो 3 मई को आयोजित होने वाली थी, अब इसे मई के अंतिम सप्ताह में स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा या जेईई मेन भी पिछले सप्ताह मई में आयोजित किया जाएगा।
सबसे बड़ी चिंता की बात
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच एक चिंतित करने वाली खबर यह है कि पिछले दो महीनों में विदेश से आए लोगों की कोरोना वायरस की जांच में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को पत्र भेजकर कहा है कि पिछले दो महीने में 15 लाख यात्री विदेश से भारत आए, लेकिन इन सभी की कोरोना वायरस की जांच नहीं हुई है। कोरोना वायरस की जांच हुए लोगों की रिपोर्ट और कुल यात्रियों की संख्या में बड़ा अंतर दिख रहा है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया है कि पिछले दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों और कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में बड़ा अंतर प्रतीत हो रहा है। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गौबा ने कहा है कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में अंतर या कमी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की सरकार की कोशिशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है क्योंकि अन्य देशों से लौटने वाले लोगों में से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं।
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अफवाहों का दौर
अब जब संकट का समय होता है या मुश्किल का दौर होता है तो अफवाहें भी तेजी से फैलती हैं। अब किसी ने अफवाह फैला दी है कि बैंक शाखाएं बंद कर दी गयी हैं जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि ग्राहक सेवा शाखाएं लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं और नकदी की कोई कमी नहीं है। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे ग्राहक सेवाएं मुहैया कराने वाली बैंक शाखाओं के बंद होने की अफवाहों पर विश्वास न करें। शाखाओं और एटीएम में पर्याप्त नकदी है। हालांकि, ग्राहकों से बड़ी संख्या में बैंक शाखाओं में आने से बचने का अनुरोध किया गया है।
पेंशन का तोहफा
इस बीच, केंद्र सरकार लगभग तीन करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और विधवाओं को अप्रैल के पहले सप्ताह में तीन महीने की अग्रिम पेंशन देगी। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।
प्रवासी मजदूरों की चिंता
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है और उनसे उन प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को देखने को कहा है जो पैदल ही अपने गंतव्यों की ओर निकल पड़े हैं। इसके बाद से विभिन्न राज्य सरकारों ने बयान जारी कर कहा है कि प्रवासी मजदूरों के ठहरने और उनके खाने-पीने के इंतजाम किये जा रहे हैं या फिर जो मजदूर जाना ही चाहते हैं उनके आगे के सफर का इंतजाम करवाया जा रहा है। यह मजदूर सार्वजनिक परिवहन के साधनों के अभाव में पैदल ही अपना बोरिया बिस्तर लेकर निकल पड़े थे।
भवनों की पेशकश
इस बीच, कई विद्यालय संगठनों ने आइसोलेशन सेंटर के लिए अपने स्कूल भवनों की पेशकश की है। सेना पहले ही ऐसी पेशकश कर चुकी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन के अनुरोध को तो मान भी लिया गया है। लेकिन राजनीतिक दलों की बात करें तो बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने पटना स्थित उसके प्रदेश मुख्यालय में नवनिर्मित शेड को "क्वॉरन्टाइन सेंटर" के रूप में इस्तेमाल करने का राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया है। और ऐसा करने वाली वह पहली पार्टी बन गयी है।
दुनिया का हाल
उधर वर्ल्ड टूर पर निकले कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया के 183 देशों में दिसंबर से अब तक इस महामारी के संक्रमण के 5,39,360 मामले दर्ज किये गये हैं। कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा कहर यूरोप और अमेरिका में बरसाया है। इस वायरस ने जहां विभिन्न देशों के राजनेताओं को अपनी गिरफ्त में लिया है वहीं इसकी पहुँच ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स के बाद अब देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन तक हो गयी है। जॉनसन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के ‘हल्के लक्षण’ महसूस होने के बाद उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस घातक वायरस से संक्रमित होने की घोषणा करने वाले वह विश्व के पहले शासनाध्यक्ष हैं। यही नहीं जॉनसन की घोषणा के कुछ ही मिनट बाद उनके स्वास्थ्य मंत्री मैट हैन्कॉक ने ट्वीट किया कि वह भी संक्रमित हुए हैं। तो अब ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ-साथ वहां के स्वास्थ्य मंत्री भी इससे संक्रमित हो गये हैं।
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केरल का अनोखा फैसला
दूसरी तरफ केरल जोकि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है, वहां सरकार ने फैसला किया है कि कोरोना वायरस के चलते घरों में अलग रखे गए लोगों के मकानों के बाहर स्टीकर चिपकाए जाएंगे। राज्य के मंत्री के सुन्दरन ने कहा कि इस तरह घरों को चिन्हित करने से स्वास्थ्य कर्मियों को अलग रखे गए लोगों की निगरानी करने में मदद मिलेगी। इन स्टीकरों पर घर में रह रहे लोगों के अलग रहने की अवधि शुरू होने और खत्म होने की तारीख भी लिखी होगी।
-नीरज कुमार दुबे
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