ब्रेस्टफीडिंग करवाने से महिलाओं की सेक्स लाइफ पर पड़ता है असर, जानिए कारण और उपाय

Breastfeeding
एकता । Mar 31 2022 3:07PM

नई माँ को पूरे दिन बच्चे की देखभाल करनी होती हैं, रातभर उठकर बच्चे को दूध पिलाना होता है इन सब चीजों के बीच ज्यादातर महिलाएं अपनी सेक्स लाइफ को पूरी तरफ से अनदेखा कर देती हैं। सेक्स लाइफ से दूर होने की हर महिला की अपनी वजह होती हैं पर क्या आपको पता है कि बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना भी महिलाओं की सेक्स लाइफ पर बुरा असर डालता है।

माँ बनने के बाद महिलाओं के जीवन में बहुत सारे बदलाव आते हैं। इन्हीं बदलावों का असर महिलाओं की सेक्स लाइफ पर पड़ना बेहद ही सामान्य बात है। बच्चा होने के बाद विशेषज्ञ महिलाओं को कम से कम चार से छह हफ्ते बाद संबंध बनाने की सलाह देते हैं, ताकि महिलाओं के शरीर को सर्जरी या डिलीवरी से उभरने का समय मिल जाए। इसके बाद नई माँ को पूरे दिन बच्चे की देखभाल करनी होती हैं, रातभर उठकर बच्चे को दूध पिलाना होता है इन सब चीजों के बीच ज्यादातर महिलाएं अपनी सेक्स लाइफ को पूरी तरफ से अनदेखा कर देती हैं। सेक्स लाइफ से दूर होने की हर महिला की अपनी वजह होती हैं पर क्या आपको पता है कि बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना भी महिलाओं की सेक्स लाइफ पर बुरा असर डालता है। साल 2005 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं उन्हें डिलीवरी के बाद संबंध बनाने में देरी हो सकती है। आज के अपने इस लेख में हम आपको बताएँगे कि कैसे ब्रेस्टफीडिंग आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करती है और आप कैसे इस समस्या को ठीक कर सकते हैं।

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सेक्स लाइफ और ब्रेस्टफीडिंग में क्या कनेक्शन हैं?

डिलीवरी के बाद हर महिला के शरीर में हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता जिसकी वजह से कई तरह के बदलाव होते हैं इनमें से कई सीधे ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े होते हैं और सेक्स लाइफ पर असर डालते हैं। यह बदलाव महिलाओं की इन चीजों से जुड़े हो सकते हैं।

- सेक्स ड्राइव की कमी

- सेक्स के दौरान कठिनाइयाँ और दर्द होना

- बॉडी इमेज

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सेक्स ड्राइव में कमी

ब्रेस्टफीडिंग का सीधा असर महिलाओं की सेक्स ड्राइव पर पड़ता है। एक स्टडी में पाया गया है कि जो महिलाएं अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाती है, वह अपने पार्टनर के साथ सेक्स में कम ही शामिल होती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा होने के बाद महिलाओं के शरीर में ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन (ब्रेस्ट मिल्क बनाने वाले हॉर्मोन्स) का स्तर बढ़ जाता है और एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है यही वजन है कि महिलाओं की सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि जब बच्चा 4 से 6 महीने का हो जाता है और अधिक से अधिक ठोस भोजन खाना शुरू कर देता है तो महिलाओं हार्मोन धीरे-धीरे नॉर्मल हो जाते हैं। इसी तरह महिलाओं की सेक्स ड्राइव भी पहले जैसी हो जाती हैं।

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सेक्स के दौरान कठिनाइयाँ और दर्द होना

ब्रेस्टफीडिंग करवाने की वजह से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन कम हो जाता है। एस्ट्रोजन वजाइना को लचीला, मोटा और नम बनाये रखने में मदद करता है। इसकी कमी होने से वजाइना में सूखापन होने लगता है जिसके कारण सेक्स करते समय महिलाओं को दर्द और अन्य परेशानियां हो सकती हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस परिस्थिति में महिलाएं सेक्स के दौरान वाटर-बेस्ड लूब्रिएंट का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा बहुत सारा पानी पीना भी एक अच्छा उपाय है।

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बॉडी इमेज

प्रेगनेंसी के दौरान और बच्चा होने के बाद महिलाओं को कई शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। ब्रेस्ट का साइज बढ़ जाता है, जगह-जगह स्ट्रेच मार्क दिखने लगते हैं, वजन बढ़ जाता है, पेट निकल आता है। यह सारे शरीरिक बदलाव कहीं न कहीं महिलाओं में डर पैदा कर देते हैं। इसी डर की वजह से महिलाएं अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाने से कतराने लगती हैं क्योंकि उन्हें लगने लगता है कि वह कम आकर्षित हो गयी हैं। इस स्थिति में महिलाओं को खुद को समय देने की जरूरत है। खुद पर ध्यान दें और माँ बनने के इस दौर को खुलकर एन्जॉय करें।

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