लगातार बढ़ रही मौतों की संख्या, सोनिया और भाजपा का बयान दुखदायी

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दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में भड़की हिंसा को शांत कराने का जिम्मा अब एनएसए अजीत डोभाल को सौंपा गया है। हालात इतने ज्यादा बदतर हो गए हैं कि कर्फ्यू वाले इलाके में पुलिस ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस ने एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है।

दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में भड़की हिंसा को शांत कराने का जिम्मा अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सौंपा गया है। हालात इतने ज्यादा बदतर हो गए हैं कि कर्फ्यू वाले इलाके में पुलिस ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस ने एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है।

अगर हम सबसे संवेदनशील इलाकों की बात करें तो उनमें मौजपुर, जाफराबाद, करावल नगर, गोकुलपुरी और बाबरपुर शामिल हैं। लेकिन हिंसा की घटनाएं तमाम उत्तर-पूर्वी इलाकों में देखी जा सकती हैं। सबसे पहले हमारी आपसे यही अपील है कि शांति व्यवस्था को कायम रखें और घरों में सुरक्षित रहें। अगर आपके आस-पास कोई उपद्रवी तत्व मौजूद है तो उसकी जानकारी तुरंत ही सुरक्षाकर्मी को दें।

क्योंकि अब तक 22 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। जिसमें हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं। इतना ही नहीं सबसे चौंका देने वाली बात तो यह है कि खुफिया विभाग के कर्मचारी अंकित शर्मा का चांदबाग इलाके में शव मिला है। यह वही खुफिया विभाग है जो दिल्ली में शांति व्यवस्था कायम करने का प्रयास कर रही है। फिलहाल अंकित शर्मा की मौत कैसे हुई यह पता लगाया जा रहा है।

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वैसे तो कई सारे वीडियो सोशल मीडिया में तैर रहे हैं लेकिन प्रभासाक्षी किसी भी वीडियो की पुष्टि नहीं करता है और इसीलिए हम आपको वो वीडियो भी नहीं दिखा रहे हैं।

क्या है मामला ?

मंगलवार की शाम ट्विटर पर लक्ष्मी नगर भी ट्रेंड करने लगा। इसी लक्ष्मी नगर को लेकर आप नेता संजय सिंह ने एक वीडियो ट्वीट किया। जिसमें वहां के विधायक अभय वर्मा नजर आ रहे हैं। संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और आरोप अभय वर्मा के साथ कपिल मिश्रा पर भी लगाए। दूसरी तरफ गृह मंत्री की ओर से बुलाई गई सुरक्षा मीटिंग का भी जिक्र किया और भाजपा के दोहरे चेहरे की बात कही।

सवाल दिल्ली पुलिस पर तो उठ ही रहे थे और अब दिल्ली पुलिस को संभालने वाले गृह मंत्री अमित शाह पर भी उठने लगे। एक तरफ कांग्रेस शाह से इस्तीफे की मांग करती है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी कहती है कि जब से दंगे शुरू हुए तब से लेकर अब तक गृह मंत्री ने शांति बनाये रखने की एक अपील तक नहीं की। जब इन तमाम मामलो का जिक्र हो रहा था उस वक्त अभय वर्मा ने सफाई भी दे दी।

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कब तक होती रहेगी राजनीति ?

जब अमित शाह पर सवाल खड़े हुए हैं तो भाजपा कैसे जवाब नहीं देती। उसने भी कह दिया कि जब अमित शाह पर सवाल उठेंगे तो पूछा जाएगा बाबा कहा हैं। सुनिए दोनों प्रमुख पार्टियों के बयान...

मंगलवार को गृह मंत्रालय में एक बैठक हुई थी, जिसमें अमित शाह के साथ उपराज्यपाल अनिल बैजल, अरविंद केजरीवाल और बाकी के तमाम नेता और अधिकारी शामिल थे। इस बैठक के बाद केजरीवाल ने आश्वासन दिया था कि सभी ने यह तय किया है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर शांति व्यवस्था कायम करेंगे। लेकिन तमाम नेताओं का ये आश्वासन तो धरा का धरा रह गया किसी भी दल ने मीडिया में छाने से गुरेज नहीं खाया। सभी ने बढ़-चढ़कर बयानबाजी की। शांति की बात करने वाले नेता भूल गए कि बुधवार की सुबह एक बार फिर से चांदबाग में हिंसा हुई।

जाते-जाते सिर्फ इतनी ही अपील करूंगा कि आप सभी सोशल मीडिया से दूर रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही शेयर करें। जरूरी न हो तो घरों से बिल्कुल न निकलें। 

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