RCB की जीत के लिए सिर्फ बेंगलुरू नहीं पूरे देश में मंदिर में दर्शन कर रहे फैंस, देखें फोटो

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रितिका कमठान । Jun 3 2025 10:51AM

इस मैच के लिए बेंगलुरु का समर्थन करने वाले फैंस आईपीएल में आरसीबी की पहली जीत के लिए दुआएं, प्रार्थना कर रहे है। कोई फैन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। ऑनलाइन कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें आरसीबी के फैंस अपनी फेवरेट टीम का समर्थन करने और उत्साहवर्धन करने के लिए जोर से नारेबाजी कर रहे है।

इंडियन प्रीमियर लीग का फाइनल मुकाबला मंगलवार को होगा जिसके बाद आईपीएल को एक नया विजेता मिलेगा जिसे पहली बार ट्रॉफी उठाने को मिलेगी। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का मंगलवार को आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) से सामना होना है।

इस मैच के लिए बेंगलुरु का समर्थन करने वाले फैंस आईपीएल में आरसीबी की पहली जीत के लिए दुआएं, प्रार्थना कर रहे है। कोई फैन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। ऑनलाइन कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिसमें आरसीबी के फैंस अपनी फेवरेट टीम का समर्थन करने और उत्साहवर्धन करने के लिए जोर से नारेबाजी कर रहे है। कई लोगों ने पवित्र नदियों में डुबकी लगाई है। वहीं कई अन्य लोग मंदिरों में टीम की जर्सी चढ़ा रहे हैं और स्टार खिलाड़ी विराट कोहली के नाम पर विशेष पूजा कर रहे हैं। कई लोगों के लिए यह फाइनल एक खेल से कहीं अधिक है, यह 18 साल के दिल टूटने के बाद मुक्ति का एक मौका है।

नया साल, नई उम्मीद

आरसीबी को अक्सर लीग की सबसे बदकिस्मत टीमों में से एक माना जाता है, बावजूद इसके कि उसके पास बहुत बड़ा प्रशंसक वर्ग और हाई-प्रोफाइल खिलाड़ी हैं। यह टीम इससे पहले तीन बार 2009, 2011 और 2016 में आईपीएल फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा।

इस साल कई फैंस को आईपीएल 2025 काफी अलग लग रहा है। आरसीबी ने 14 मैचों में 19 अंकों के साथ लीग चरण का समापन दूसरे स्थान पर किया और क्वालीफायर 1 में पीबीकेएस पर आठ विकेट की शानदार जीत के बाद फाइनल में जगह बनाने वाली पहली टीम बन गई। 

दूसरी ओर, पंजाब किंग्स का सफर भी मुश्किलों भरा रहा है। टीम आखिरी बार 2014 में फाइनल में पहुंची थी, तब इसे किंग्स इलेवन पंजाब कहा जाता था, जहां वे कोलकाता नाइट राइडर्स से हार गए थे। दोनों टीमें अपने पहले आईपीएल खिताब की तलाश में हैं, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने वाले फाइनल को उम्मीद और इतिहास के मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है। 

चाहे इसे अंधविश्वास कहें या अटूट निष्ठा, एक बात तो तय है कि अगर आरसीबी मंगलवार को ट्रॉफी उठाती है, तो यह सिर्फ़ मैदान पर जीत नहीं होगी। यह उन लाखों लोगों के लिए भावनात्मक राहत होगी, जो हर मुश्किल घड़ी में टीम के साथ खड़े रहे।

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