Van Mahotsav 2025: 01 से 07 जुलाई तक मनाया जाएगा वन महोत्सव, जानिए इतिहास और महत्व

Van Mahotsav 2025
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हर साल जुलाई के पहले सप्ताह में वन महोत्सव मनाया जाता है। 01 जुलाई से 07 जुलाई तक वन महोत्सव मनाया जाएगा। वन महोत्सव को 'पेड़ों का त्योहार' के रूप में भी जाना जाता है। वन महोत्सव के इतिहास, महत्व और थीम के बारे में।

हर साल जुलाई के पहले सप्ताह में वन महोत्सव मनाया जाता है। 01 जुलाई से 07 जुलाई तक वन महोत्सव मनाया जाएगा। वन महोत्सव को 'पेड़ों का त्योहार' के रूप में भी जाना जाता है। साल 1950 में कृषि मंत्रालय द्वारा पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित के लिए वन महोत्सव मनाए जाने की शुरुआत की गई थी। इसको मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य पेड़ों और जंगलों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है। तो आइए जानते हैं वन महोत्सव के इतिहास, महत्व और थीम के बारे में...

इतिहास

साल 1947 में वन महोत्सव दिवस की शुरुआत हुई थी। पंजाबी वनस्पतिशास्त्री एमएस रंधावा ने 20 से 27 जुलाई तक उद्घाटन समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हमारे विविध वनस्पतियों और जीवों पर वनों की कटाई के भयानक परिणामों को उजागर करना था।

महत्व

इस बार 01 जुलाई से लेकर 07 जुलाई तक वन महोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान उत्तर प्रदेश में 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पेड़ लगाने के महत्व के बारे में जागरूक करना है। वन महोत्सव के दौरान लोग न सिर्फ पौधे लगाते हैं, बल्कि वनों के महत्व, मिट्टी के कटाव को रोकने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, स्वच्छ हवा और पानी प्रदान करने के बारे में भी सीखते हैं।

थीम

इस बार की थीम 'एक पेड़ मां के नाम' रखी गई है। इसमें व्यापक जन भागीदारी के माध्यम 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है।

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