Lockdown के 18वें दिन पाबंदियों को दो सप्ताह और बढ़ाने पर बनी सहमति

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केंद्र सरकार कोविड-19 के कारण लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (बंद) को 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह के लिए बढ़ाने के ज्यादातर राज्यों के अनुरोध पर विचार कर रही है। मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि ध्यान अब ‘‘जान भी, जहान भी’’ पर होना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यदि भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन और अन्य कदम नहीं उठाये होते तो 15 अप्रैल तक देश में संक्रमण के मामले बढ़ कर 8.2 लाख तक पहुंच सकते थे। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रतिदिन के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश ने कोविड-19 के हॉटस्पॉट (कोरोना वायरस संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र) की पहचान करने के लिये समय रहते कार्रवाई की और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये अन्य उपाय भी किये। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मामलों की वृद्धि दर का विश्लेषण किया है। सांख्यिकी विश्लेषण के मुताबिक यदि लॉकडाउन या संक्रमण को फैलने से रोकने वाले अन्य उपाय नहीं किये जाते तो भारत में संक्रमण के मामलों में 41 प्रतिशत की वृद्धि हो जाती, 11 अप्रैल तक कुल मामले बढ़ कर 2.08 लाख और 15 अप्रैल तक 8.2 लाख हो जाते।’’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लागू नहीं करने और संक्रमण को फैलने से रोकने के अन्य कदम उठाए जाने की स्थिति में मामलों की संख्या 28.9 प्रतिशत की वृद्धि दर से 15 अप्रैल तक 1.2 लाख पहुंच जाती। अग्रवाल ने कहा कि सामाजिक मेलजोल से दूरी, लॉकडाउन और इलाकों को सील करने जैसी अन्य कोशिशें कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जरूरी हैं।

केन्द्रीय मंत्री सोमवार से अपने कार्यालयों से कामकाज शुरू करेंगे

सभी केन्द्रीय मंत्रियों को सोमवार से अपने-अपने कार्यालयों से काम शुरू करने और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की योजना बनाने के लिये कहा गया है। सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने-अपने विभागों में काम शुरू करें। इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय में आवश्यक कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार सरकार कोविड-19 के हॉटस्पॉट और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के उपायों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।

लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर राज्यों में आम सहमति है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों का प्रभाव तय करने की खातिर अगले तीन-चार हफ्ते बेहद जटिल हैं और राज्यों से लॉकडाउन उल्लंघन पर रोक लगाने और सामाजिक दूरी के नियम पर अमल सुनिश्चित करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिेये संवाद में कहा कि ऐसा लगता है कि देशव्यापी लॉकडाउन को और दो सप्ताह के लिये बढ़ाये जाने के बारे में राज्यों के बीच आम सहमति है। गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर वर्तमान देशव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को शुरू हुआ था और यह 14 अप्रैल को समाप्त होना है।

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महाराष्ट्र में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला

महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने शनिवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का निर्णय लिया। उससे कुछ ही घंटे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलायी गयी बैठक में मुम्बई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया। लाइव वेबकास्ट में ठाकरे ने कहा कि किसी अन्य विकल्प के अभाव में लॉकडाउन का 30 अप्रैल तक विस्तार किया जाएगा जो 14 अप्रैल को खत्म होने वाला था। इस योजना का मोटे तौर पर खाका रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है जबकि कुछ क्षेत्रों में उसे और कड़ा किया जाएगा।

देश भर में एक लाख आइसोलेशन बिस्तर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि एक लाख से अधिक ‘आइसोलेशन बिस्तरों’ और 11,500 ‘आईसीयू बिस्तरों’ के साथ देश भर में कुल 586 अस्पतालों को कोविड-19 के इलाज के लिये विशेष हॉस्पिटल के रूप में चिह्नित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण वाले क्षेत्र (हॉटस्पॉट) की पहचान के लिये पहले से ही एहतियाती कदम उठा रखे हैं। वहीं, एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आईसीएमआर द्वारा आर्डर किये गये पांच लाख ‘एंटीबॉडी टेस्टिंग किट’ अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश भर में कोविड-19 के 1035 नये मामले सामने आये हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। इस तरह, देश भर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 7,447 पहुंच गई और अब तक 239 मौत दर्ज की गई है।

रेलवे ने पांच हजार डिब्बों को पृथक वार्ड में तब्दील किया

रेलवे ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए 5000 डिब्बों को पृथक वार्ड में तब्दील किया है और स्वास्थ्य मंत्रालय से विचार-विमर्श करने के बाद इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। मंत्रालय ने बताया कि महामारी से निजात पाने के लिए रेलवे ने 20 हजार डिब्बों को पृथक वार्ड में बदलने का लक्ष्य तय किया है जिनमें से 80 हजार बिस्तरों के साथ पांच हजार डिब्बे तैयार हैं। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इन डिब्बों को तब्दील करने का विचार यह था कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां कोविड-19 रोगियों की देखभाल की जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय हमें निर्देश देगा और हम इन रेलगाड़ियों को वहां तैनात कर देंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि वे अच्छी हालत में हों।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के डिब्बों में इस्तेमाल के लिए रेलवे चादर भी उपलब्ध करा सकता है लेकिन वे केवल एक बार इस्तेमाल योग्य होंगी।

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30 करोड़ गरीबों को मिले 28,256 करोड़ रुपये

देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन (बंद) के बीच गरीबों को राहत देने की योजना के तहत अब तक 30 करोड़ से अधिक लोगों को 28,256 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गयी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर बताया, ‘‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये 30 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को 28,256 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गयी है।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने इस योजना की घोषणा की थी। यह सरकार द्वारा घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का हिस्सा है।

प्रभावी साबित हो रही है 15 जिलों में कोरोना हॉटस्पॉट

उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि राज्य के 15 जिलों में कोरोना हॉटस्पॉट (अति प्रभावित क्षेत्र) को सील करने की नीति प्रभावी साबित हो रही है और अन्य राज्य भी इसे अपना रहे हैं। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने संवाददाताओं को बताया कि चार दिन पहले उत्तर प्रदेश ने कोरोना वायरस हॉटस्पॉट को लेकर रणनीति बनाई थी जिसकी देशभर में तारीफ हो रही है। कुछ राज्यों ने इस नीति को अपनाना शुरू कर दिया है। अवस्थी ने बताया कि 15 जिलों में चिन्हित 125 हॉटस्पॉट से संक्रमण के 329 मामले सामने आए हैं। कुल 2942 संदिग्ध लोगों की पहचान की गई है जिनमें से 2863 लोगों को पृथक किया गया है। हॉटस्पॉट में कड़ाई बरतने का प्रभावी असर हुआ है। इससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। अवस्थी ने बताया कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए 61 प्राथमिकी दर्ज की गई है। ज्यादातर मामले बरेली और गाजियाबाद के हैं। तबलीगी जमात से जुड़े 2428 भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है जिनमें से 2231 को पृथक किया गया है।

प्रीमियम भुगतान के लिए 30 दिन का अतिरिक्त समय

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने मार्च और अप्रैल के प्रीमियम भुगतान के लिए पॉलिसीधारकों को 30 दिन का अतिरिक्त समय देने की घोषणा की है। कंपनी ने कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लागू बंदी के मद्देनजर पॉलिसीधारकों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया है। एलआईसी ने कहा कि फरवरी के प्रीमियम के लिए दिया गया अतिरिक्त समय 22 मार्च को खत्म होने के बाद इसे 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। बयान में कहा गया है कि एलआईसी के बीमाधारक बिना सेवा शुल्क के एलआईसी डिजिटल पेमेंट विकल्प के जरिये प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। बीमा कंपनी ने कहा है कि प्रीमियम भुगतान के लिए पॉलिसीधारकों को वेबसाइट पर पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है। वे सीधे कुछ जानकारी देकर भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा प्रीमियम का भुगतान मोबाइल एप ‘एलआईसी पे डायरेक्ट’ को डाउनलोड कर भी किया जा सकता है।

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पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर ऐतराज

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ दिये जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयी तथा पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है। इस पत्र में कहा गया है, ''सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है। राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गयी है, उनकी संख्या बढ़ी है।’’ इस पत्र के अनुसार गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं।

ट्रंप की जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कब खोला जाए, यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला होगा। ट्रंप प्रशासन इस समय कोरोना वायरस संकट से निपटने में लगा है। इस ‘अदृश्य दुश्मन’ ने अमेरिकी लोगों और अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया है। कोविड-19 महामारी की वजह से इस समय दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ठहर गई है। अमेरिकी की 33 करोड़ की आबादी में से 95 प्रतिशत राष्ट्रीय आपात स्थिति की वजह से ‘अपने घरों में बंद’ है। ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से अमेरिका में 1.6 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया है। यह बेरोजगारी का नया रिकॉर्ड है। अमेरिका में इस महामारी से मरने वालों की संख्या शनिवार सुबह तक 18,700 हो गयी थी। देश में पांच लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।

विश्व भर में 1,03,141 लोगों की मौत

कोरोना वायरस महामारी के चलते दुनियाभर में मरने वाले लोगों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है। यह शनिवार को बढ़ कर 1,03,141 हो गई। आधिकारिक सूत्रों से शनिवार को प्राप्त आंकड़ों के आधार पर समाचार एजेंसी एएफपी द्वारा संकलित की गई तालिका के अनुसार कोविड-19 से विश्व में अब तक 1,03,141 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में पिछले साल दिसंबर में इस वायरस के पनपने के बाद से अब तक दुनिया के 193 देशों और क्षेत्रों में एक लाख से अधिक लोगों की मौत के साथ ही संक्रमण के 17,00,760 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से विश्व में सर्वाधिक मौत इटली में हुई है, जहां 18,849 लोगों की जान गई है और संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 1,47,577 हो गई है। संक्रमित व्यक्ति की मौत के मामले में अमेरिका दूसरे स्थान पर है, जहां 18,777 लोगों की जान गई है। वहीं, संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में हैं जहां अब तक 5,01,615 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। स्पेन में संक्रमण के 1,61,852 मामले सामने आए हैं जिनमें से 16,353 लोगों की मौत हो गई है। फ्रांस में संक्रमण के 1,24,869 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 13,197 लोगों की जान गई है। वहीं, ब्रिटेन में अब तक 73,758 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 8,958 तक पहुंच गई है। चीन में अब तक संक्रमण के 81,953 मामले सामने आए हैं और 3,339 लोगों की मौत हुई है। देश में शुक्रवार शाम तक 46 नए मामले सामने आए और तीन लोगों की मौत हो गई। यूरोप में अब तक 8,71,047 मामले सामने आए हैं और 71,335 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका और कनाडा में कुल 5,23,661 मामले सामने आए हैं और मृतकों की संख्या 19,356 तक पहुंच गई है। वहीं, एशिया में अब तक 1,33,597 मामले सामने आए हैं और 4,718 लोगों की मौत हुई है। पश्चिम एशिया में 95,005 मामले सामने आए हैं और मृतकों की संख्या 4,632 है। लातिन अमेरिका और कैरीबियाई देशों में 56,888 मामले सामने आए हैं और 2,344 लोगों की मौत हुई है। अफ्रीका में 12,884 मामले दर्ज किए गए हैं और 692 लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं, ओसियान में कोरोना वायरस संक्रमण के 7,687 मामले सामने आए हैं और 64 लोगों की मौत हुई है।

-नीरज कुमार दुबे

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