ट्रम्प का भारत पर 'टैरिफ बम': भारतीय ऑटो उद्योग पर क्या होगा असर?

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अंकित सिंह । Jul 31 2025 3:19PM

भारत से निर्यात किए जाने वाले ऑटो पार्ट्स का सबसे बड़ा बाज़ार अमेरिका है। वित्तीय वर्ष 2025 में, भारत ने अमेरिका को 7.35 अरब डॉलर मूल्य के पुर्ज़े भेजे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 अगस्त से भारत से निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माना लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही भारत ट्रम्प की लिबरेशन डे व्यापार रणनीति के तहत उच्च टैरिफ का सामना करने वाले देशों की सूची में शामिल होने वाला नवीनतम देश बन गया है, जिसका उद्देश्य उन्नत पारस्परिक समझौतों के माध्यम से अमेरिकी व्यापार साझेदारी का पुनर्गठन करना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि याद रखें, भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने पिछले कुछ वर्षों में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं, और उनके पास किसी भी देश की तुलना में सबसे कठोर और अप्रिय गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं हैं।

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ट्रम्प के टैरिफ का ऑटो उद्योग पर प्रभाव

भारत से निर्यात किए जाने वाले ऑटो पार्ट्स का सबसे बड़ा बाज़ार अमेरिका है। वित्तीय वर्ष 2025 में, भारत ने अमेरिका को 7.35 अरब डॉलर मूल्य के पुर्ज़े भेजे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इस बीच, अमेरिका से भारत में आयातित ऑटो पुर्ज़ों का मूल्य 1.65 अरब डॉलर रहा। इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ सुंदरम फास्टनर्स, संवर्धन मदरसन, सोना कॉमस्टार आदि जैसे ऑटो पुर्ज़े निर्माताओं के मार्जिन को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, यह कनाडा, जापान आदि जैसे प्रतिस्पर्धी बाज़ारों के आपूर्तिकर्ताओं के मुकाबले उनकी स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।

इसके अलावा, अमेरिकी बाजार में निर्यात की संभावनाओं की तलाश कर रहे ओईएम को यूरोप जैसे अन्य बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया जा सकता है। इस सूची में रॉयल एनफील्ड, होंडा जैसी प्रमुख दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियां और अमेरिकी बाजार में मोटरसाइकिल की मांग का लाभ उठाने की कोशिश कर रही अन्य कंपनियां शामिल हैं।

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दोनों देशों के बीच मुख्य तौर किन उत्पादों का व्यापार होता है? 

अमेरिका को भारत के मुख्य निर्यात में 2024 में दवा निर्माण तथा जैविक (8.1 अरब अमेरिकी डॉलर), दूरसंचार उपकरण (6.5 अरब अमेरिकी डॉलर), कीमती व अर्ध-कीमती पत्थर (5.3 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर), सोना तथा अन्य कीमती धातु के आभूषण (3.2 अरब डॉलर), सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र (2.8 अरब डॉलर) और लोहा व इस्पात के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर) शामिल है। आयात में कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला, कोक (3.4 अरब डॉलर), तराशे व पॉलिश किए गए हीरे (2.6 अरब डॉलर), इलेक्ट्रिक मशीनरी (1.4 अरब डॉलर), विमान, अंतरिक्ष यान तथा कलपुर्जे (1.3 अरब अमेरिकी डॉलर) और सोना (1.3 अरब डॉलर) शामिल हैं।

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