अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना का काम संतोषजनक गति से चल रहा है: JICA

bullet train project
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ANI

सरकार ने विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में ‘मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी’ बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए 2021 में पीएम गति शक्ति योजना शुरू की। अहमदाबाद-मुंबई द्रुत गति की गलियारा परियोजना की प्रगति के बारे में जेआईसीए के मुख्य प्रतिनिधि ने कहा कि एजेंसी सभी खंडों में काम शुरू होने से उत्साहित है।

नयी दिल्ली। जेआईसीए (जीका) इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सुनोरी ने अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि पीएम गति शक्ति योजना से देश में सार्वजनिक कार्यों में तेजी आई है। मित्सुनोरी ने एक साक्षात्कार में भारत के सीमा सड़क सपंर्क को बढ़ाने और भूटान, नेपाल तथा बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय बिजली पारेषण परियोजना में हिस्सा लेने में जापान की रुचि भी व्यक्त की। 

उन्होंने कहा, ‘‘ एक बार परियोजना की अवधारणा पर काम शुरू होने का मतलब है कि सरकार के भीतर आधिकारिक काम जारी है। इसको लेकर स्पष्टता है और हर कोई प्रगति का आकलन तथा निगरानी कर रहा है… इससे इस देश में सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने में बहुत मदद मिली।’’ जेआईसीए इंडिया के प्रमुख ने कहा कि स्थिति में अब थोड़ा सुधार हुआ है, क्योंकि पहले स्थानीय प्राधिकरण से मंजूरी मिलने में वर्षों लग जाते थे जिससे परियोजना में देरी होती थी और लागत बढ़ जाती थी। जापान की वित्तपोषण एजेंसी जेआईसीए भारत की कई अरब डॉलर की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे चेन्नई, अहमदाबाद तथा दिल्ली में मेट्रो परियोजनाओं और ग्रामीण विकास तथा शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कई अन्य परियोजनाओं की वित्तपोषण भागीदार रही है। 

सरकार ने विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में ‘मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी’ बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए 2021 में पीएम गति शक्ति योजना शुरू की। अहमदाबाद-मुंबई द्रुत गति की गलियारा परियोजना की प्रगति के बारे में जेआईसीए के मुख्य प्रतिनिधि ने कहा कि एजेंसी सभी खंडों में काम शुरू होने से उत्साहित है। परियोजना को लेकर सभी अनिश्चितताएं दूर हो गई हैं। उन्होंने नेपाल और भूटान को बांग्लादेश से जोड़ने वाली बिजली पारेषण परियोजनाओं के वित्तपोषण में भी गहरी रुचि व्यक्त की है। 

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मित्सुनोरी ने कहा, ‘‘ हम बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास में क्षेत्र के देशों के साथ जुड़ने के लिए काफी उत्सुक हैं। हम यह देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं कि बिजली संपर्क नेटवर्क के लिए क्या कर सकते हैं। नेपाल और भूटान के साथ काफी गहन चर्चा चल रही है। वे नेपाल की बिजली को बांग्लादेश और भूटान से बांग्लादेश तक लाने पर सहमत हुए हैं। भारत को इन परियोजनाओं में एक अपरिहार्य भागीदार होना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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