NCLT ने एरा इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ ऋण शोधन प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी खारिज की
एनसीएलटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एम एम कुमार की अध्यक्षता में दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक ने इसी प्रकार का दावा मूल कंपनी एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग के खिलाफ भी किया है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने एरा इंफ्रास्ट्रक्चर (इंडिया) लि. के खिलाफ ऋण शोधन कार्रवाई शुरू करने के आवेदन को खारिज कर दिया है। अदालत ने एक ही जैसे दो दावों के आधार पर आवेदन खारिज किया।एनसीएलटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एम एम कुमार की अध्यक्षता में दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक ने इसी प्रकार का दावा मूल कंपनी एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग के खिलाफ भी किया है।इस कंपनी के खिलाफ फिलहाल समाधान प्रक्रिया जारी है।
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न्यायाधिकरण ने कहा कि दोनों मामलों में एक जैसे दावे होने के कारण आईसीआईसीआई बैंक की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।न्यायाधिकरण ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक ने एरा इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ ऋण शोधन प्रक्रिया शुरू करने के लिये उन्हें तथ्यों और दस्तावेजों को आधार बनाया है जिन्हें एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग के समाधान पेशेवर ने पूर्व में खारिज कर दिया था। बाद में एनसीएलटी ने छह दिसंबर 2018 को एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग के समाधान पेशेवर को उक्त दावों को कंपनी की वित्तीय बोली के रूप में स्वीकार करने को कहा।
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एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग 12 चूककर्ता कंपनियों पहली सूची में थी जिसे रिजर्व बैंक ने जारी किया था। इसमें बैंकों को ऋण शोधन और दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत कर्ज वसूली का निर्देश दिया था।आईसीआईसीआई बैंक ने एरा इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया को 240 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। इस कर्ज के लिये उसकी मूल कंपनी एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग ने गारंटी ली थी।बाद में कंपनी कर्ज नहीं लौटा पाई।
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इस बीच, एनसीएलटी द्वारा मूल कंपनी एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग के खिलाफ ऋण शोधन कार्यवाही शुरू की गयी। उसके समाधान पेशेवर ने दावे मंगाये।समाधान पेशेवर ने 13 सितंबर को दावे को खारिज कर दिये। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया। न्यायाधिकरण ने 6 दिसंबर को आईसीआईसीआई बैंक की अर्जी स्वीकार कर ली और समाधान पेशेवर को दावा स्वीकार करने का निर्देश दिया।
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