महिलाओं की हाइजीन को लेकर शुरु हुई ये कंपनी, इनोवेटिव आइडिया की बदौलत महिलाओं का बदलेगा जीवन

पीबड्डी की शुरुआत 40 वर्षीय दीप बजाज ने की है जिन्होंने महिलाओं के लिए खासतौर से ये प्रोडक्ट निकाला है। खास बात है कि ये प्रोडक्ट घर या ऑफिस से अधिक समय तक बाहर रहने वाली महिलाओं और एथलीटों के बीच काफी फेमस हो गया है।
खुद को और अन्य लोगों को बीमारियों से बचाने का सबसे कारगर तरीका पर्सनल हाइजीन होता है। पर्सनल हाइजीन में सिर्फ हाथ धोना ही शामिल नहीं होता बल्कि पूरे शरीर की साफ सफाई का विधिवत तरीका इसमें शामिल होता है। पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखना महिलाओं के लिए बेहद जरुरी होता है।
आजकल के समय में महिलाओं की पर्सनल हाइजीन को लेकर कई तरह के प्रोडक्ट्स मार्केट में उपलब्ध है। इसी कड़ी में सिरोना हाईजीन की तरफ से पी बड्डी नामक प्रोडक्ट निकाला गया है जिसे इस्तेमाल कर पर्सनल हाइजीन को मेंटेन किया जा सकता है। इस प्रोडक्ट के जरिए महिलाओं को पुरुषों की तरह ही खड़े होकर पेशाब करने की सहूलियत मिलती है। आज के समय में ये बेहद आवश्यक आविष्कार है जिसके उपयोग से महिलाओं की पर्सनल हाइजीन को बेहतर बनाया जा सकता है।
बता दें कि पीबड्डी की शुरुआत 40 वर्षीय दीप बजाज ने की है जिन्होंने महिलाओं के लिए खासतौर से ये प्रोडक्ट निकाला है। खास बात है कि ये प्रोडक्ट घर या ऑफिस से अधिक समय तक बाहर रहने वाली महिलाओं और एथलीटों के बीच काफी फेमस हो गया है।
ऐसे हुई पीबड्डी की शुरुआत
"स्टैंड-टू-पी" शब्द की शुरुआत उनके दोस्त ने की थी, जब वो छुट्टियां मना रह थे। बजाज ने कहा कि वो और उनकी पत्नी काम के लिए काफी बाहर जाते रहते है मगर उनकी पत्नी के लिए साफ टॉयलेट ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि जब उनकी पत्नी गर्भवती थी तब भी उनके लिए साफ वॉशरूम ढूंढना काफी परेशानी वाला काम था। इस परेशानी के लिए एक स्थायी सॉल्यूशन की जरुरत थी।
वर्ष 2013 के दौरान जब वो अपने दोस्तों के साथ वेकेशन पर थे तब उनकी एक दोस्त ने बताया था कि एक महिला किसी वस्तु की मदद से खड़े होकर शौच कर रही थी। इन शब्दों से दीप को आइडिया आया कि ये हर महिला की जरुरत है जिसे पूरा करना काफी जरुरी है। इसके बाद बजाज ने ऐसा फनल बनाया जिससे महिलाओं को खड़े होकर शौच करने में मदद मिली, जिसे 'पीबड्डी' के नाम से जाना गया। इसका पेटेंट उन्होंने वर्ष 2015 में करवाया था। उन्होंने पाया कि जब उन्होंने अपने सामान का विज्ञापन करना शुरू किया तो यह उनकी अपेक्षा से अधिक लोकप्रिय था और महिलाओं से फीडबैक प्राप्त किया कि पीबड्डी ने उन्हें कैसे लाभ पहुंचाया।
इन परेशानियों का करना पड़ा सामना
भारतीय समाज में बड़ी परेशानी है कि महिलाओं की हाइजीन से संबंधित मुद्दों पर अब भी बात नहीं की जाती है। उन्होंने पाया कि ये मुद्दा काफी बड़ा है, जिसका हल ढूंढने के लिए उन्हें लंबे समय तक इस मुद्दे से जुड़े रहना पड़ेगा। सवाल ये भी था कि महिलाओं को पीबड्डी का इस्तेमाल करने के लिए टॉयलट की जरुरत होगी। पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए इसे बिना टॉयलेट के इस्तेमाल करना संभव नहीं था। वहीं जो महिलाएं गर्भवती हैं या जिन्हें अर्थराइटिस है उन्हें भी पीबड्डी के उपयोग से काफी राहत मलिती है। यह उत्पाद की मूल अवधारणा के रूप में कार्य करता है।
पीबड्डी के साथ ही वर्ष 2014 के बाद उन्होंने अपने को फाउंडर्स के साथ मिलकर कई अन्य महिलाओं की हाइजीन संबंधित उत्पादों को बाजार में उतारा है। आमतौर पर फिमेल हाइजीन के संबंध में काफी कम ही लोग बात करते है। वहीं कई बार लोग सार्वजनिक तौर पर इन विषयों पर चर्चा करने से भी कतराते है। यहां तक की पुरुष भी अपने पत्नी, या महिला मित्रों या रिश्तेदारों के साथ फिमेल हाइजीन पर बात करने से परहेज करते है। आज के समय में महिलाओं की सेहत, महिलाओं की पर्सनल हाइजीन से संबंधित समस्याओं पर बात करना जरुरी है। महिलाओं की हाइजीन मेंटेन करने के लिए अब बाजार में कई तरह के उत्पाद उपलब्ध है जिसमें स्टैंड टू पी, मेंस्ट्रुअल कप, पीरियड पेन ट्रीटमेंट पैच आदि शामिल है, जो महिलाओं की पर्सनल हाइजीन को सेहतमंद बनाने में मदद करते है।
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