जानिए ऑफिस में काम करते हुए ऐसे बनें सकारात्मक

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वर्तमान में आपको अपने कार्य के लिए पूरा समय देना चाहिए। इससे अनुशासन का माहौल बनता है, तो आपके टीम मेंबर्स भी इससे खासे प्रेरित होते हैं। ऐसे में एक लीडर के तौर पर न केवल आपकी पहचान बनती है, बल्कि पर्याप्त समय देने पर तमाम समस्याओं को सुलझाने के लिए आप मौजूद भी होते हैं।

वर्तमान में माहौल बेहद गंभीर है। 6 महीने से अधिक समय हो चुके हैं जब कोविड-19 से लोग बीमार होना शुरू हुए और लोगों के बाद धीरे-धीरे करके इकोनामी और तमाम कम्पनीज भी बीमार होती जा रही हैं।

निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था के बीमार होने का फर्क नौकरियों पर पड़ता ही है और करोड़ों लोगों की जॉब इससे सीधे तौर पर प्रभावित हुई है।

जिनकी जॉब बची हुई है, उनके लिए जरूरी है कि बेहद सकारात्मक ढंग से काम करें। चूंकि ऑफिस में तनाव का माहौल फिलहाल बढ़ता ही जा रहा है और यह तब तक बढ़ेगा, जब तक कोरोना की कोई प्रभावी वैक्सीन सामने नहीं आ पाती।

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तो आइये जानते हैं कि ऑफिस में पाजिटिविटी बनाए रखने के कुछ इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स, क्योंकि इसी से बढ़ेगी एनर्जी और टीम के साथ तालमेल! साथ ही कंपनी प्रबंधन भी इसी से खुश और संतुष्ट हो सकेगा...

पर्याप्त समय दें 

ध्यान रखें, आप चाहे कितने भी सीनियर पद पर कार्य कर रहे हों और चूंकि पहले कम समय देकर बेशक आपका कार्य चल जाता था, किंतु वर्तमान में ऐसा नहीं सोचें!

वर्तमान में आपको अपने कार्य के लिए पूरा समय देना चाहिए। इससे अनुशासन का माहौल बनता है, तो आपके टीम मेंबर्स भी इससे खासे प्रेरित होते हैं। ऐसे में एक लीडर के तौर पर न केवल आपकी पहचान बनती है, बल्कि पर्याप्त समय देने पर तमाम समस्याओं को सुलझाने के लिए आप मौजूद भी होते हैं।

निश्चित रूप से पर्याप्त समय निकालने पर सकारात्मक बने रहने की उम्मीद बढ़ जाती है। इसका एक फायदा यह भी है कि अगर आप पर्याप्त समय देते हैं, तो प्रत्येक दिन का काम आप उसी दिन निपटा पाएंगे और खुद पर तनाव हावी होने देने नकारात्मकता से बच सकेंगे।

सुनना व मौक़ा देना सीखें

भारत के महानतम कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी हाल ही में रिटायर हुए। क्या आम, क्या खास, हर व्यक्ति उनका फैन बन गया।

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यहां तक कि भारत के प्रधानमंत्री ने भी उनके लिए व्यक्तिगत पत्र लिखा और उनका उत्साहवर्धन किया। महेंद्र सिंह धोनी का नाम लेना यहां इसलिए प्रासंगिक रहेगा, क्योंकि उन्होंने इंडियन टीम में तमाम साथियों को मौके दिए।

वह चाहे हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा हों, चाहे सुरेश रैना हों, चाहे कोई दूसरा खिलाड़ी!

यहां तक कि ऊपर के क्रम में महेंद्र सिंह धोनी ने तमाम खिलाड़ियों को भेज कर खुद नीचे के क्रम में बैटिंग करना और जिम्मेदारी उठाना स्वीकार किया। समझा जा सकता है कि अपनी टीम मेंबर्स को मौके देना कितना इंपॉर्टेंट है।

इसी के साथ उनकी बातें सुनना भी बेहद महत्वपूर्ण है। कई लोगों की आदत होती है कि एक बात शुरू नहीं हुई कि आगे का आंकलन वह खुद से कर लेते हैं, बजाय की आगे की बातें सुनने और समझने के। ऐसे में कई बार आप गलत भी हो सकते हैं। यकीन मानिए, जब आप लोगों को सुनते हैं तो ऑफिस में सकारात्मक होने से आपको कोई नहीं रोक सकता।

लर्निंग जरूरी है 

सच कहा जाए तो सकारात्मकता आती है परफॉरमेंस से!

सच यह भी है कि आज के टेक्नोलॉजी युग में परफॉर्मेंस दे पाना तभी संभव है, जब आप लगातार खुद को अपडेट रखें, लगातार आप नई चीजें सीखते रहें। अलग-अलग कार्यों की तमाम ट्रेडिशनल टेक्निक के अलावा आपको नयी टेक्नोलॉजी से अवेयर होना लगातार जरूरी है।

जैसे सेल्स की ही बात करें तो किस प्रकार से सेल्स लीड्स मैनेज की जाती हैं, किस प्रकार से उसको पाइप लाइन से कन्वर्जन की ओर बढ़ाया जाता है और किस प्रकार कंपनी के रेवेन्यू को बढ़ाना होता है, यह आज के समय में तमाम सॉफ्टवेयर के ऊपर डिपेंड हो चुका है।

इसी प्रकार से अगर आप सपोर्ट में हैं, तो उसकी भी पाइप लाइन है। तमाम कंपनियां सपोर्ट रिक्वेस्ट्स को अलग-अलग लेवल पर एस्केलेट करते हैं। अगर आपने ध्यान दिया हो और ऑनलाइन आपने किसी कंपनी से सपोर्ट हेतु चैट किया हो तो शुरू में ही आपसे कई सारी जानकारियां मांगी जाती हैं। जैसे क्या आपकी कॉल या आपका चैट सेल्स से रिलेटेड है, या सपोर्ट से रिलेटेड है, या बिलिंग डिपार्टमेंट से रिलेटेड है और  उसी डिपार्टमेंट में सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिकली चीजों को प्रबंधित कर देता है।

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ऐसे में अगर आप सम्बंधित टेक्नोलॉजी से अपडेट नहीं रहेंगे, खासकर उस तकनीक से जो नए सिरे से आपके काम को स्पेसिफिकली दुरुस्त करते हैं, तो आपको मुश्किल होगी ही। आपने गौर किया होगा कि एक्जीक्यूटिव एमबीए इत्यादि कोर्सेज प्रोफेशनल्स के लिए ही चलाये जाते हैं। इसलिए हर नई चीज पर नज़र रखें, यहां तक कि बात करने की टेक्निक, प्रेजेंटेशन की टेक्निक व टूल्स में खुद को अपडेट रखना आवश्यक है। अगर आप ऐसा कर पाते हैं अपने कार्य करने की जगह पर निश्चित रूप से सकारात्मक बने रह सकते हैं।

ऑफिस पॉलिटिक्स से रहें सजग

आज के समय में केवल कार्य करना ही पर्याप्त नहीं होता है, बल्कि खुद को बचाना भी आज के कारपोरेट युग में बेहद आवश्यक हो गया है। ऑफिस पॉलिटिक्स से हर व्यक्ति का सामना होता ही है और इससे बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि आप इसके बारे में सजग रहें।

ध्यान रखें कि आपको इसमें इंवोल्व होने से बचना है, लेकिन आपको जानकारी अवश्य रहनी चाहिए। प्रबंधन से लेकर सीनियर-जूनियर और तमाम लोगों की जानकारी आपको नकारात्मकता से बचाने में मुख्य भूमिका निभा सकती है, अन्यथा कई बार ऐसी परिस्थिति आती है कि आपको न चाहते हुए भी नकारात्मक रूख अख्तियार करना ही पड़ता है।

हालांकि ऑफिस पॉलिटिक्स एक ऐसी चीज है जो कहीं ना कहीं नकारात्मकता से जुड़ी हुई है, लेकिन आप इसे अपनी लाइफ का एक भाग ही मानें तो बेहतर होगा। वास्तव में यह वह चीज है कि आप इसे पसंद करें या नापसंद, लेकिन आप इसे अनदेखा नहीं कर सकते। इसीलिए इसके बारे में सजग रहना आवश्यक है।

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हाँ! अनावश्यक रूप से आपको इसमें सहभागी बनने की कतई आवश्यकता नहीं है, अन्यथा नकारात्मकता आपको अवश्य ही घेर लेगी।

पर्सनल लाइफ को ना करें अनदेखा

बेशक ऑफिस का कार्य आपकी पर्सनल लाइफ से अलग होता हो, किंतु कल्पना कीजिए कि अगर आप व्यक्तिगत जीवन में तनाव युक्त हैं, तो आपकी प्रोफेशनल लाइफ तनावमुक्त किस प्रकार से हो सकती है? अगर आप शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से अथवा आर्थिक रूप से व्यक्तिगत परेशानियों से घिरे हुए हैं, तो यकीन मानिए आप का ऑफिस टाइम भी नकारात्मकता से मुक्त नहीं हो सकेगा!

ऐसे में कोशिश करें कि प्रत्येक दिन नियमित रूप से व्यायाम करें और आपकी जो व्यक्तिगत समस्याएं हैं, जो चीज आपको तकलीफ दे रही है, उन समस्याओं को अनदेखा करने की बजाय यथाशक्ति सॉल्व करने की कोशिश करें। अपने मित्रों, अपने संबंधियों अथवा जिन्हें भी आप अपना शुभचिंतक मानते हैं, उनसे उन समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं और अगर आप कोशिश करेंगे तो एक-एक करके समस्याएं अवश्य ही हल होंगी। तत्पश्चात निश्चित रूप से आप ऑफिस इंवॉल्वमेंट पर, सकारात्मक ढंग से परफॉर्म कर पाएंगे।

वस्तुतः जीवन एक ऐसी जंग है, जिसमें पुराने अनुभवों और लिखी हुई बातें एक स्तर तक ही कार्य करती हैं, इसलिए परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने की आपकी क्षमता आपको नकारात्मकता से बेहतर ढंग से बचा सकती है। तो चाहे जितनी भी कठिन परिस्थितियां हों, हार मानने की वजह आपके पास नहीं होनी चाहिए।

संघर्ष जारी रखें, तभी आप खुद को हर परिस्थिति में सकारात्मक रख सकते हैं।

- मिथिलेश कुमार सिंह

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