बेटी की शादी के लिए विभिन्न आकर्षक स्कीम्स में कीजिए निवेश, मिलेगी मोटी धनराशि!

सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) भारत सरकार की ओर से बेटियों के लिए ही चलाई जाने वाली एक बचत योजना है, जिसमें करीब 8% वार्षिक ब्याज मिल रहा है। हालांकि इसकी ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है।
यूँ तो घर में बिटिया के जन्म लेने के बाद से ही माता-पिता को उसकी पढ़ाई लिखाई और शादी की चिंता सताने लगती है। जिसके दृष्टिगत समझदार माता-पिता इस हेतु कुछ-कुछ पैसों की बचत करना शुरू कर देते हैं। जानकार बताते हैं कि अपने बचत के पैसों को कई लोग एफडी या किसी छोटी मोटी बचत योजना में निवेश करते हैं। क्योंकि निवेश के इस क्षेत्र में बाजार जोखिमों का कोई खतरा नहीं रहता है। हालांकि, यहां से रिटर्न भी सीमित मात्रा में मिलता है।
ऐसे में यदि आप अपने बचत के पैसों पर अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं। वहीं, गौर करने वाली बात है कि म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन आता है। हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक लॉन्ग टर्म में निवेशकों को यहां से अच्छा रिटर्न मिलता है। इसलिए आइए जानते हैं कि कैसे आप अपनी बेटी की शादी के लिए पांच हजार रुपये मासिक निवेश करके 34 लाख रुपये का एक बड़ा फंड इकट्ठा कर सकते हैं।
मसलन, इसके लिए आपको सबसे पहले किसी शेयर बाजार विशेषज्ञ की सलाह लेकर एक अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम में अपनी एसआईपी बनवानी है। जिसके बाद आपको उसमें हर महीने पांच हजार रुपये का निवेश करना है। बता दें कि यह निवेश आपको पूरे 18 सालों तक करना होगा। निवेश की अवधि के दौरान आपको इस बात की उम्मीद करनी होगी कि आपके निवेश पर हर साल 11 प्रतिशत का अनुमानित रिटर्न मिलता रहे।
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ऐसे में यदि रिटर्न आपकी उम्मीदों के मुताबिक मिलता है तो 18 सालों के बाद मैच्योरिटी के समय आपके पास 34 लाख रुपये होंगे। फलस्वरूप इन पैसों की सहायता से आप अपनी बिटिया की शादी करा सकते हैं। वहीं कुछ ऐसी भी स्कीम्स हैं जहां पर आप अपनी बेटी की पढ़ाई-लिखाई व शादी के लिए मासिक 5 हजार लगाकर चुटकियों में 50 लाख से ज्यादा पा सकते हैं। ऐसे में आइए समझते हैं विभिन्न योजनाओं के बारे में पूरे कैलकुलेशन के साथ, ताकि निर्णय लेने में आपको किसी तरह का संशय न रहे।
दरअसल, सवाल ये है कि बेटी के भविष्य के लिए यानी उसके हायर एजुकेशन और 23 की उम्र में शादी तक कितना पैसा जोड़ पाएंगे? और इसे कैसे मैनेज करेंगे? इसके लिए आपको यह जानना जरूरी है कि फिलवक्त निवेश की कौन-कौन सी लोकप्रिय और लॉन्ग टर्म फायदे वाली योजनाएं मौजूद हैं? वहीं, यह भी विचार करना होगा कि क्या शिक्षा के लिए अलग और शादी-ब्याह के लिए अलग अलग निवेश करना होगा? और फिर दोनों के निवेश की टाइमिंग क्या होगी? वहीं, यदि इस बीच कोई आकस्मिक जरूरत पड़ गई तो क्या इस फंड से कुछ आंशिक रकम निकाल पाएंगे? क्या इस फंड से बीच में जरूरत के हिसाब से पैसे निकालना ठीक होगा? इन सवालों का जवाब फुल कैलकुलेशन के साथ हम यहां बताने जा रहे हैं, ताकि आपको फायदा और दिल को तसल्ली मिल सके।
लिहाजा, अपनी बिटिया के उज्जवल भविष्य के लिए ऐसे करें निवेश-
सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई): यह भारत सरकार की ओर से बेटियों के लिए ही चलाई जाने वाली एक बचत योजना है, जिसमें करीब 8% वार्षिक ब्याज मिल रहा है। हालांकि इसकी ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है। इस योजना में निवेश की अवधि बेटी की उम्र 21 साल या शादी, जो भी पहले हो, वह है। इसके तहत टैक्स लाभ मिलता है यानी निवेश, ब्याज और मेच्योरिटी अमाउंट तीनों टैक्स-फ्री हैं। इस योजना में न्यूनतम सालाना निवेश 250 रुपए और अधिकतम 150000 कर सकते हैं।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ): यह लंबी अवधि का निवेश है, जिसमें करीब 7-8% वार्षिक ब्याज मिल रहा है। इसकी लॉक-इन पीरियड:15 साल है, जिसे आगे 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसमें भी टैक्स लाभ मिलता है। ये EEE श्रेणी में आता है जिसमें निवेश, ब्याज और मेच्योरिटी सब टैक्स-फ्री है। आप पीपीएफ में न्यूनतम सालाना निवेश 500 रुपए और अधिकतम 150000 रुपए कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड (एसआईपी): सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी भी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए अच्छा रिटर्न दे सकता है। इसके अंतर्गत औसत वार्षिक रिटर्न 10-12% मिलता है, लेकिन लंबी अवधि के लिए। जहां तक टैक्स लाभ की बात है तो इसमें यदि ईएलएसएस (ELSS) चुनते हैं, तो यह 80सी के तहत टैक्स में छूट देता है। अन्यथा, लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स देना होगा।
इसमें अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है, जबकि न्यूनतम निवेश 500 रुपए किया जा सकता है।
चाइल्ड प्लान या यूएलआईपी: यह बेटी की एजुकेशन और शादी जैसे खास उद्देश्यों के लिए ही डिजाइन की गई है। इसके अंतर्गत निवेशक को बीमा सुरक्षा और बाजार आधारित रिटर्न मिलता है। वहीं आयकर की धारा 80C के तहत टैक्स लाभ मिलता है। इसमें अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है, जबकि न्यूनतम निवेश 500 रुपए है।
अब कैलकुलेशन और रिजल्ट को इस प्रकार से समझिए।
मान लीजिए कि आप यदि हर महीने ₹5000 इन योजनाओं में निवेश करते हैं तो-
- सुकन्या समृद्धि योजना (ब्याज दर 8% वार्षिक): निवेश अवधि: 21 साल (बिटिया की उम्र 2 से 23 साल तक)। फाइनल अमाउंट: ₹27,71,031 (लगभग)।
- म्यूचुअल फंड (SIP) (औसत रिटर्न 12%): निवेश अवधि: 21 साल. फाइनल अमाउंट: ₹38,27,196 (लगभग).
- पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (ब्याज दर 7.5%): निवेश अवधि: 18 साल.फाइनल अमाउंट: ₹19,90,000 (लगभग).
इस प्रकार से देखा जाए जो सबसे ज्यादा रिटर्न म्यूचुअल फंड्स की एसआईपी से मिल रहा है। ऐसे में आप यदि पर्सनल फाइनेंस के मामले में अनुसाशित हैं तो एसआईपी से एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। हालांकि एसआईपी में निवेश जोखिम भरा है। लिहाजा, इस पर गारंटीड रिटर्न का दावा नहीं किया जा सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि जब आपकी बेटी की शादी हो और उसी वक्त बाजार गिरे और अमाउंट डिक्रीज हो जाए। हालांकि ऐसे होने की संभावना कम ही रहती है।
ऐसे में अब सवाल ये है कि यूएलआईपी क्यों नहीं? क्योंकि यूएलआईपी (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) इंश्योरेंश और निवेश दोनों का कॉम्बो है, जिसमें एक हिस्सा जीवन बीमा के रूप में सुरक्षित रहता है और दूसरा हिस्सा शेयर बाजार (इक्विटी, डेट, हाईब्रिड फंड) में निवेश किया जाता है। हालांकि, एसआईपी, पीपीएफ और एसएसवाई की तुलना में इसके चार्ज ज्यादा होते हैं। वहीं कम रिटर्न की संभावना रहती है। साथ ही इक्विटी आधारित यूएलआईपी में बाजार जोखिम भी बना रहता है।
ऐसे में आपको सुरक्षित निवेश (एसएसवाई) और रिस्क (Sएसआईपी) दोनों में पैसे बांट देने चाहिए। यदि आप 5000 मंथली निवेश में 3000 एसआईपी और 2000 रुपए एसआईपी में लगा दें। तो जहां सुकन्या धन योजना का पैसा सुरक्षित रह पाएगा, वहीं एसआईपी में निवेश के बाद मिले फंड का इस्तेमाल आप बेटी के एजुकेशन के लिए कर सकते हैं। इसलिए आप एसएसवाई और एसआईपी में निवेश का पैसा बांटकर ऐसे कैलकुलेट कर सकते हैं ।
यदि आप एसएसवाई में मंथली 3000 और एसआईपी में 2000 रुपए का निवेश करते हैं तो 23 साल की उम्र में बिटिया के लिए 16 लाख 62 हजार से ज्यादा फंड इकट्ठा हो सकता है। वहीं यदि आप एसआईपी में मंथली 2000 रुपये निवेश करते हैं तो बिटिया की उम्र 23 साल होने पर उसे 44,19,172 रुपए मिलेंगे। इसमें एसआईपी के पैसे से शिक्षा और एसएसवाई के पैसे का इस्तेमाल शादी के खर्च के लिए किया जा सकता है।
निवेश के इस बंटवारे को माता-पिता अपने उम्र के हिसाब से भी देख सकते हैं। क्योंकि माता-पिता की उम्र जितनी कम होगी, उतना अधिक रिस्क उठाते हुए एसआईपी में निवेश का अमाउंट ज्यादा रख सकते हैं, जबकि सुकन्या में कम। वहीं उनकी उम्र यदि ज्यादा हो तो सुरक्षित निवेश सुकन्या में 70 फीसदी और एसआईपी में 30 फीसदी अमाउंट निवेश कर सकते हैं। ऐसे में आप यदि चाहें तो मंथली निवेश का 50-50 एसआईपी और एसएसवाई में लगा सकते हैं। इससे बिटिया की उम्र 23 साल तक होने तक इन्हें एसएसवाई से 14 लाख और एसआईपी से 37 लाख यानी 50 लाख से ज्यादा रकम मिलेगी।
चूंकि म्यूचुअल फंड में निवेश किया गया पैसा बाजार जोखिमों के अधीन आता है। लिहाजा इसमें निवेश करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें। यदि आप बिना जानकारी के म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको एक बड़े घाटे का सामना भी करना पड़ सकता है। क्योंकि म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश पर मिलने वाला रिटर्न बाजार के व्यवहार द्वारा तय होता है। इसलिए पूरी तरह से सोच विचार करके कोई निवेश करें। यही मेरा सुझाव है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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