वित्तीय योजना में आकस्मिक निधि का क्या महत्व है? निवेश से पहले इसे तैयार रखना क्यों जरूरी समझा जाता है?

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कमलेश पांडे । Jun 25 2025 4:46PM

आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) एक ऐसा फंड है जिसे विशेष रूप से अप्रत्याशित खर्चों या वित्तीय आपात स्थितियों के लिए अलग से रखा जाता है। क्योंकि व्यक्तिगत, पारिवारिक या सामाजिक जिंदगी में व्यक्ति विशेष को अपने नियमित खर्चों के अलावा तरह तरह के आकस्मिक खर्चों को भी झेलना पड़ता है।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इसलिए उसे अपने अलावा अपने से जुड़े लोगों की भी चिंता करनी होती है। इसलिए आपकी नियमित आय, मासिक आय या सालाना आय में कुछ बचत की प्रवृत्ति रखना लाजिमी है। वहीं, जब हम बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी-विवाह, या अन्य जरूरी मदों में जब निवेश करते हैं तो हमारा ध्यान स्वतः ही उन बातों की तरफ चला जाता है कि किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए हमारे पास क्या वित्तीय तैयारी है। इस तरह से यह कहा जा सकता है कि आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड), वित्तीय योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अनपेक्षित खर्चों या वित्तीय आपात स्थितियों से निपटने में किसी भी व्यक्ति या संस्था की मदद करता है। इसलिए किसी भी प्रकार के निवेश की योजना बनाने से पहले, हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके पास एक पर्याप्त मात्रा में आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) हो, ताकि आप बिना किसी तनाव के अपने वित्तीय लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। 

# जानिए, आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) क्या है?

आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) एक ऐसा फंड है जिसे विशेष रूप से अप्रत्याशित खर्चों या वित्तीय आपात स्थितियों के लिए अलग से रखा जाता है। क्योंकि व्यक्तिगत, पारिवारिक या सामाजिक जिंदगी में व्यक्ति विशेष को अपने नियमित खर्चों के अलावा तरह तरह के आकस्मिक खर्चों को भी झेलना पड़ता है। कभी अपने परिजनों के लिए, कभी रिश्तेदारों के लिए तो कभी दोस्तों के लिए। इसलिए आकस्मिक निधि भी वित्तीय योजना की एक जरुरी शर्त है, ताकि आप आर्थिक रूप से हमेशा तनाव मुक्त रह सकें।

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# समझिए, आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) क्यों जरूरी है?

पहला, आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए यह जरूरी होता है। कहने का तातपर्य यह कि जब किसी वजह से आपकी नौकरी छूटने, कारोबार में लाभ कम होने या घाटा होने, किसी परिजन की चिकित्सा आपात स्थिति का सामना होने, या फिर घर या कार की मरम्मत जैसी अप्रत्याशित स्थितियों/घटनाओं से आपको बचाता है तथा इस वक्त आपको जितने पैसे की जरूरत होती है, उतना प्रदान करता है। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि खर्च नहीं, बचत अपनी होती है।

दूसरा, आकस्मिक निधि या इमरजेंसी फंड का गठन किसी व्यक्ति या संस्था के वित्तीय तनाव को कम करता है। चूंकि एक पर्याप्त इमरजेंसी फंड आपके पास उपलब्ध होती है, जो आपको वित्तीय तनाव और चिंता से राहत दिलाता है। 

तीसरा, आकस्मिक निधि या इमरजेंसी फंड आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। मसलन, जब आप जानते हैं कि आपके पास एक सुरक्षा जाल है, तो आप अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों पर अधिक आत्मविश्वास से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। 

चतुर्थ, आकस्मिक निधि/इमरजेंसी फंड आपके निवेश के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करता है। यह आपको बिना किसी डर के अपने दीर्घकालिक निवेशों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है, यह जानते हुए कि आपके पास एक सुरक्षा कवच है। 

पंचम, आपके इमरजेंसी फंड में कितना पैसा होना चाहिए? यह आपकी नियमित आय, आपकी सम्पत्ति/कारोबार से स्थिर आय पर निर्भर करता है, क्योंकि आपकी जरूरतें या स्टैंडर्ड भी इसी बात से अभिप्रेरित होती हैं। इसलिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि आपके इमरजेंसी फंड में कम से कम 3 से 6 महीने के रहने-खाने के खर्च के बराबर राशि होनी चाहिए। 

# जानिए, आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) को कहां रखें?

किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था को अपनी आकस्मिक निधि यानी इमरजेंसी फंड को ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां पर यह आसानी से उपलब्ध हो, लेकिन साथ ही यह सुरक्षित और जोखिम मुक्त भी हो। 

पहला, उच्च-उपज बचत खाता एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह आपको प्रतिस्पर्धी ब्याज दर प्रदान करता है। साथ ही आपके पैसे तक आपकी आसान पहुंच भी सुनिश्चित करता है। 

दूसरा, लिक्विड फंड भी एक अच्छा विकल्प हैं, क्योंकि ये आपको जल्दी से पैसे निकालने की अनुमति देते हैं। 

# समझिए, आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) का भगवान भरोसे चलने वाली योजनाओं में निवेश करने से बचें, अन्यथा रकम और ब्याज में सुनिश्चित बढ़ोतरी नहीं होगी।

पहला, आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) का भगवान भरोसे चलने वाली योजनाओं जैसे- शेयर बाजार में निवेश करने से बचें, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा हो कार्य सकता है, और आपको अपने इमरजेंसी फंड में ऐसे जोखिमों को उठाने से बचना चाहिए। 

दूसरा, आकस्मिक निधि (इमरजेंसी फंड) का गैर-तरल संपत्ति में निवेश करने से बचें। कहने का तातपर्य यह कि जमा प्रमाण पत्र या अन्य गैर-तरल संपत्ति में निवेश करने से आपको बचना चाहिए, क्योंकि आपको ऐन मौके पर आवश्यकता पड़ने पर इस पैसे को निकालने में मुश्किल हो सकती है। 

वहीं, आकस्मिक निधि बनाने के लिए आपको यहां पर कुछ अतिरिक्त सुझाव देना जरूरी समझता हूँ ताकि आपको कोई परेशानी महसूस नहीं हो।

पहला, अपना पारदर्शी बजट बनाएं और अपने पारिवारिक सदस्यों से कड़ाई पूर्वक उसका अनुपालन करवाएं। कहने का तातपर्य यह कि आप सतत रूप से अपनी आय और व्यय पर नज़र रखें ताकि आप अपने इमरजेंसी फंड के लिए अधिक से अधिक बचत कर सकें। 

दूसरा, आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि अपनी बचत को स्वयं स्वचालित करें। कहने का तातपर्य यह कि अपने वेतन खाते से अपने इमरजेंसी फंड में स्वचालित रूप से पैसे स्थानांतरित करने की व्यवस्था करें। 

तीसरा, किसी भी प्रकार के प्रलोभन से बचें। कहने का अभिप्राय यह कि आप अपने इमरजेंसी फंड से पैसे निकालने से बचें, जब तक कि यह वास्तव में एक वास्तविक आपात स्थिति न हो। यदि आप ऐसा करेंगे तो हमेशा तनावमुक्त व खुशहाल रहेंगे।

निष्कर्षत: यह कहना ज्यादा उपयुक्त होगा कि आकस्मिक निधि यानी इमरजेंसी फंड किसी भी व्यक्ति या संस्था की वित्तीय योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और किसी भी प्रकार का निवेश शुरू करने से पहले इसे तैयार करना अत्यंत आवश्यक होता है। कहना न होगा कि यह इमरजेंसी फंड आपको हर हाल में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, तनाव कम करता है, और आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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