चीन के परमाणु परीक्षण से पैदा हुए रेडिएशन की वजह से मारे गए 1.94 लाख लोग

China nuclear test
अभिनय आकाश । Aug 23 2021 6:05PM

एक अनुमान से पता चलता है कि 194,000 लोग तीव्र विकिरण जोखिम से मर चुके हैं, जबकि लगभग 1.2 मिलियन लोगों में ल्यूकेमिया, घातक कैंसर और भ्रूण क्षति का अनुमान है।

चीन की चालबाजी से दुनिया वाकिफ है। इसी बीच चीन का एक और खौफनाक चेहरा दुनिया के सामने आ गया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चीन से साल 1964 से 1996 के बीच लगभग 45 सफल परमाणु परीक्षण किए हैं। इन परमाणु परीक्षण के चलते पैदा हुए तीव्र रेडिएशन से 1 लाख 94 हजार लोग मारे गए। द नेशनल इंटरेस्ट में लिखते हुए पीटर सुसीउ ने कहा कि एक अनुमान से पता चलता है कि 194,000 लोग तीव्र विकिरण जोखिम से मर चुके हैं, जबकि लगभग 1.2 मिलियन लोगों में ल्यूकेमिया, घातक कैंसर और भ्रूण क्षति का अनुमान है। पीटर सुसीउ ने अपने लेख में कहा कि चीन ने दुनिया की पांचवीं परमाणु शक्ति बनने के बाद जून 1967 में अपने पहले परमाणु परीक्षण के केवल बत्तीस महीने बाद पहला थर्मोन्यूक्लियर परीक्षण किया। इस परमाणु परीक्षण से 3.3 मेगाटन की ऊर्जा पैदा हुई और ये ऊर्जा हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 200 गुना अधिक है। 

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रेडिएशन ने शिनजियांग को बुरी तरह से प्रभावित किया

सुसीउ कहते हैं कि चीन के परमाणु परीक्षण के प्रभाव से विशेष रूप से लगभग दो दर्जन वायुमंडलीय परीक्षण (कुल तेईस वातावरण में आयोजित किए गए), आधिकारिक आंकड़ों की कमी के कारण बड़े पैमाने पर अध्ययन नहीं किया गया है। शिनजियांग क्षेत्र जो दो करोड़ लोगों का घर है वहां रेडिएशन ने आबादी को बुरी तरह से प्रभावित किया है। द नेशनल इंटरेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक रेडिएशन के स्तर को अध्य़यन करने वाले एक जापानी शोधकर्ता का कहना है कि शिनजियांग में रेडिएशन की मात्रा 1986 में चेरनोबिल परमाणु रिएक्टर की छत पर मापी गई मात्रा से अधिक है। 

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1996 के बाद सभी परमाणु परीक्षण भूमिगत रूप से किए गए

चीन का अंतिम वायुमंडलीय परीक्षण, जो दुनिया में अंतिम वायुमंडलीय परीक्षण भी था, लोप नूर के एरिया डी में 16 अक्टूबर, 1980 को हुआ था। यह परीक्षण पहले टेस्ट से सोलह साल बाद हुआ था। उस समय से, 1996 में संपन्न व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) के कारण सभी परमाणु परीक्षण भूमिगत रूप से किए गए हैं।

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