- |
- |
पाकिस्तान में हिंदू मंदिर को बचाने में लापरवाही दिखाने के आरोपी 12 पुलिस अधिकारी बर्खास्त
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 14, 2021 16:38
- Like

पाकिस्तान में हिंदू मंदिर को बचाने में लापरवाही दिखाने के आरोपी 12 पुलिस अधिकारी बर्खास्त कर दिए गए है।इससे पहले ही हिंदू समुदाय के सदस्यों को दशकों पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुमति मिली थी।
पेशावर। पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने यहां एक हिंदू मंदिर को बचाने में ‘लापरवाही’ के दोषी पाये गये 12 पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। एक चरमपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित इस मंदिर में आग लगा दी थी। सरकार ने घटना के सिलसिले में 33 पुलिस अधिकारियों की एक साल की सेवा भी निलंबित कर दी है। खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के तेरी गांव में 30 दिसंबर को भीड़ ने मंदिर पर हमला कर दिया था।
इसे भी पढ़ें: अमेरिका की राजदूत कैली क्राफ्ट का ताइवान दौरा रद्द, चीन ने दी थी चेतावनी
इससे पहले ही हिंदू समुदाय के सदस्यों को दशकों पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुमति मिली थी। भीड़ ने मंदिर के पुराने भवन के साथ ही नये निर्माण कार्यों को भी गिरा दिया। कोहट क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक तैयब हाफिज चीमा ने घटना की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक (जांच प्रकोष्ठ) जहीर शाह को जांच अधिकारी नियुक्त किया था और एक सप्ताह के अंदर इस मामले में रिपोर्ट सौंपी गयी। रिपोर्ट के आधार पर ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी।
कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत पर अपुष्ट ‘थ्योरी’ को बढ़ावा दे रहा है चीन
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 17:31
- Like

चीन ने कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत को लेकर अपुष्ट ‘थ्योरी’ को बढ़ावा देना शुरू किया।चीन के विज्ञान जगत में फर्जी डिग्रियों और अन्य फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने वाले फेंग शिमिन ने कहा, ‘‘अमेरिका पर दोष मढ़ने का मकसद महामारी से निपटने में चीन की सरकार के शुरुआती कुप्रबंधन से ध्यान हटाना है।’’
ताइपे। चीन की सरकारी मीडिया ने कोविड-19 से बचाव के लिए फाइजर के टीके और बुजुर्गों पर इसके असर को लेकर सवाल उठाए हैं। वहीं, सरकार के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि कोरोना वायरस की शुरुआत अमेरिका की एक सैन्य प्रयोगशाला से हुई। चीन के टीके और महामारी से निपटने के लिए शुरुआती रणनीति को लेकर आलोचना झेल रही सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी कुछ विशेषज्ञों की उस ‘थ्योरी’ का समर्थन कर रही है कि फाइजर के टीके बुजुर्गों के लिए नुकसानदेह है। सरकारी मीडिया और अधिकारी पश्चिम के टीके और कोरोना वायरस के शुरुआती स्थल को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर टीकाकरण की शुरुआत और कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम के वुहान पहुंचने के बाद फिर से दोनों मुद्दे उठाए गए हैं। चीन के विज्ञान जगत में फर्जी डिग्रियों और अन्य फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने वाले फेंग शिमिन ने कहा, ‘‘अमेरिका पर दोष मढ़ने का मकसद महामारी से निपटने में चीन की सरकार के शुरुआती कुप्रबंधन से ध्यान हटाना है।’’
इसे भी पढ़ें: अमेरिकी सेना में समलैंगिकों पर लगे प्रतिबंधों को हटा सकते हैं राष्ट्रपति जो बाइडन
अमेरिका में रह रहे फेंग ने कहा, ‘‘चीन में व्यापक स्तर पर अमेरिका विरोधी भावना के कारण इस हथकंडे में सफलता भी मिल रही है।’’ ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स में चीनी मीडिया की विशेषज्ञ युआन जेंग ने कहा कि चीन की सरकार ने इस तरह की थ्योरी को इस तरह बढ़ावा दिया है कि कई पढे लिखे लोग भी उनसे पूछते हैं क्या यह सत्य है। दिसंबर में चीनी रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक गाओ फू ने कहा था कि वह ‘एमआरएनए’ आधारित टीकों के दुष्प्रभाव से इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा था कि पहली बार स्वस्थ लोगों को इस तरह के टीके दिए जा रहे हैं। इसलिए, सुरक्षा चिंताओं से इनकार नहीं किया जा सकता। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पिछले सप्ताह कहा था कि डब्ल्यूएचओ की टीम को अमेरिका की सैन्य प्रयोगशाला की जांच करनी चाहिए। उनके बयान को सरकारी मीडिया ने बार-बार प्रकाशित किया जिसके कारण सोशल मीडिया पर भी यह विषय खूब छाया रहा।
पाक सरकार ने कड़ी सुरक्षा के बीच अज्ञात स्थान पर करीमा बलोच को किया सुपुर्द-ए-खाक, जानिए कौन थीं यह ?
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 25, 2021 16:27
- Like

करीमा बलोच को सुपर्द-ए-खाक करने के लिए इमरान सरकार को पाकिस्तान की मोबाइल सेवा को भी बंद करना पड़ा। जैसे ही करीमा बलोच का शव पाकिस्तान एयरपोर्ट पहुंचा, वैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने शव को अपने कब्जे में ले लिया था और अज्ञात स्थान पर जाकर चुपके से सुपुर्द-ए-खाक किया।
पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता करीमा बलोच के शव से अब हिन्दुस्तान का पड़ोसी मुल्क काफी ज्यादा डरा हुआ है। पाकिस्तान अब तो मृत बलूच कार्यकर्ताओं और नेताओं से भी घबराने लगा है। कनाडा संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई करीमा बलोच को इमरान सरकार ने भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच चुपके से सुपुर्द-ए-खाक किया।
करीमा बलोच को सुपर्द-ए-खाक करने के लिए इमरान सरकार को पाकिस्तान की मोबाइल सेवा को भी बंद करना पड़ा। जैसे ही करीमा बलोच का शव पाकिस्तान एयरपोर्ट पहुंचा, वैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने शव को अपने कब्जे में ले लिया था और अज्ञात स्थान पर जाकर चुपके से सुपुर्द-ए-खाक किया।
इसे भी पढ़ें: बलूचिस्तान में स्थानीय यूनियन नेता की गोली मारकर हत्या
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बुलंद की थी आवाज
करीमा बलोच ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी सरकार और सेना द्वारा बलूचिस्तान में किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। ऐसे में बलोच की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद पाकिस्तानी सरकार, सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर संदेश जताया जा रहा था। हालांकि, अभी कुछ कह पाना मुमकिन नहीं है। करीमा बलोच की हत्या के बाद अब पाकिस्तान सरकार को डर था कि कहीं करीमा का शव देखकर बलूच लोग विद्रोह ने कर बैठे।
100 प्रेरणादायक महिलाओं में थी शामिल
करीमा बलोच को साल 2016 में 100 प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया था। करीमा बलूच बलूचिस्तान की जानी मानी हस्तियों में से एक थीं। जो लगातार बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को प्रमुखता से उठाती थीं। करीब साल भर पहले दिए गए एक साक्षात्कार में करीमा बलोच ने पाकिस्तान पर बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को छीनकर बलूच के लोगों को प्रताड़ित करने के भी आरोप लगाए थे।
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन नए मैसेजिंग ऐप का कर रहे इस्तेमाल, सुरक्षा कारणों से नहीं बताया गया नाम
प्रधानमंत्री मोदी को बताया था अपना भाई
सामाजिक कार्यकर्ता और बलोच स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष करीमा बलोच ने साल 2016 में रक्षाबंधन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाई बताया था और राखी भेजी थी। इसके साथ ही उन्होंने एक भावुक वीडियो भी साझा किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं एक बहन के तौर पर आपसे कुछ कहना चाहती हूं। बलूचिस्तान में कई भाई लापता हैं और कई भाई तो पाकिस्तानी सेना के हाथों मारे गए हैं। आज भी बहनें अपने लापता भाईयों की राह देख रही हैं। हम आपसे ये कहना चाहते हैं कि बलूचिस्तान की बहनें आपको अपना भाई मानती हैं। आप बलोच नरसंहार, युद्ध अपराध और मानवाधिकार हनन के खिलाफ अंतराष्ट्रीय मंचों अपनी बलोच बहनों की आवाज बनें।
एक घर में मिले गर्भवती महिला समेत पांच लोगों के शव, निशाना बनाकर किया गया हमला
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 15:30
- Like

इंडियानापोलिस में गोली लगने से गर्भवती महिला समेत पांच लोगों की मौत हो गई है।आईएमपीडी प्रमुख रेंडल टेलर ने कहा कि पुलिस का मानना है कि यह निशाना बनाकर किया गया हमला है।
इंडियानापोलिस। इंडियानापोलिस के एक घर में रविवार तड़के एक गर्भवती महिला समेत पांच लोगों के शव मिले। शहर के पुलिस प्रमुख ने बताया है कि स्पष्ट तौर पर यह हत्या का मामला है। इंडियानापोलिस मेट्रोपोलिटन पुलिस डिपार्टमेंट (आईएमपीडी) के सार्जेंट शेन फॉली ने बताया कि पुलिस शहर के करीब पूर्वोत्तर हिस्से में किसी को गोली लगने के मामले की जांच कर रही थी, इस दौरान उन्हें इस घटना की भी जानकारी मिली। रविवार शाम तक किसी भी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया गया।
इसे भी पढ़ें: अमेरिकी सेना में समलैंगिकों पर लगे प्रतिबंधों को हटा सकते हैं राष्ट्रपति जो बाइडन
फॉली ने बताया कि अधिकारी एक नाबालिग को गोली लगने के मामले की जांच कर रहे थे जिसकी उन्हें तड़के चार बजकर 40 मिनट पर जानकारी मिली थी। जांच के सिलसिले में अधिकारी निकट के एक घर में पहुंचे, जहां उन्हें पांच लोग मृत मिले। पांचों को गोली लगी थी। उनमें से एक गर्भवती महिला थी, जिसे अस्पताल ले जा जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। आईएमपीडी प्रमुख रेंडल टेलर ने कहा कि पुलिस का मानना है कि यह निशाना बनाकर किया गया हमला है।

