अमेरिकी आसमान में चीन, पेंटागन की उड़ी नींद, जिनपिंग के रूस दौरे से पहले US के परमाणु हथियार क्यों टटोल रहा ड्रैगन?

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अभिनय आकाश । Feb 3 2023 1:14PM

अधिकारी ने कहा कि जबकि यह पहली बार नहीं था जब चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका को जासूसी गुब्बारे भेजे थे। नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि गुब्बारे ने सैन्य या शारीरिक खतरा पैदा नहीं किया और इसका मकसद खुफिया जानकारी एकट्ठा करना था।

ताइवान टेंशन के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन का दौरा करने वाले हैं। ब्लिंकन की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से आमने-सामने मुलाकात होगी। यूक्रेन युद्ध से लेकर ताइवान टेंशन तक बात होगी। अमेरिकी विदेश मंत्री के चीन दौरे से एशिया में बहुत तेज हलचल है। नॉर्थ कोरिया की एटमी धमकी भी ब्लिकंन के एजेंडे में है। लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री के चीन दौरे से पहले ड्रैगन की एक नई करतूत सामने आई है। पेंटागन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पता लगाया है कि एक चीनी निगरानी गुब्बारा उत्तर पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका पर मंडरा रहा है। चीन की ये हरकत विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की बीजिंग यात्रा से कुछ दिन पहले आई है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति बाइडेन ने पेंटागन के अधिकारियों की एक सिफारिश के बाद गुब्बारे को शूट नहीं करने का फैसला लिया, ऐसा करने से लोगों को जमीन पर गिरने का खतरा होगा।

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अमेरिकी आसमान में चीनी गुब्बारा 

अधिकारी ने कहा कि जबकि यह पहली बार नहीं था जब चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका को जासूसी गुब्बारे भेजे थे। नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि गुब्बारे ने सैन्य या शारीरिक खतरा पैदा नहीं किया और इसका मकसद खुफिया जानकारी एकट्ठा करना था। बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के मोंटाना राज्य के आसमान में गुब्बारा उड़ता नजर आया। कहा जा रहा है कि ये गुब्बारा चीन से उड़कर अमेरिका पहुंचा और इसका मकसद जासूसी करना था। पेंटागन ने बताया कि गुब्बारा अमेरिका के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में उड़ता देखा गया जहां उसका एक एयरबेस है जिसमें परमाणु मिसाइलें रखी गई हैं। मोंटाना में माल्मस्ट्रॉम एयरफोर्स बेस है जो कि अमेरिका के तीन परमाणु मिसाइल लॉन्च केंद्रों में से एक है। जाहिर है सुरक्षा के लिहाज से अमेरिका के लिए ये इलाका बेहद संवेदनशील है।

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अर्थव्यवस्था बचाने के लिए साथ आए अमेरिका-चीन? 

आपको याद होगा की जब अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा हुआ था तो उस वक्त चीन बुरी तरह से बौखला गया था। आपको बता दें कि जब पेलोसी का ताइवान दौरा हुआ था उस वक्त चाइनीज कांग्रेस का समिट होना था। जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल की बात चल रही थी। उस वक्त तनाव वाला माहौल जानबूझकर भी बनाया गया था। लेकिन वर्तमान में ये वस्तुस्थिति साफ है कि अमेरिका और चीन में आर्थिक निर्भरता बेहद गहरी है। यूक्रेन में चल रहे युद्ध की वजह से दोनों की अर्थव्यवस्था पर असर भी पड़ रहा है। ऐसे में दोनों ही देश और खासकर अपनी धीमी आर्थिक गति को लेकर नहीं चाहता वो औकर बढ़े। 

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जिनपिंग भी रूस का दौरा करने वाले हैं 

यूक्रेन से जंग के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस का दौरा करने वाले हैं। शी जिनपिंग का ये साल का पहला दौरा होगा। अभी तक रूस-यूक्रेन वॉर में खुद को तटस्थ बताने वाले जिनपिंग मॉस्को का दौरा करने वाले हैं। रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार जिनपिंग का रूस दौरा जल्द ही संभव है।  रूसी प्रतिनिधि ने कहा कि रूस और चीन तमाम मोर्चों पर एक साथ हैं। चीन रूस के समर्थन में खड़ा है और वैश्विक मंचों पर उसे बचा रहा है। हालांकि चीन की ओर से दौरे को लेकर औपचारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।  

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