कोरोना वायरस के सवालों पर आक्रामक तरीके से जवाब दे रहे हैं चीनी राजदूत
कोरोना वायरस पर उठ रहे सवालों को लेकर चीनी राजदूत का आक्रामक तरीके से जवाब दे रहे हैं ।दूतावास की वेबसाइट पर पिछले महीने एक कमेंट्री में स्वीडन के पत्रकार पर उस लेख के लिए निशाना साधा गया था जो चीन में एक पार्टी की राजनीतिक व्यवस्था के वायरस से निपटने के उसके तरीके पर पड़ने वाले असर पर आधारित था।
बीजिंग। एशिया से लेकर अफ्रीका, लंदन से लेकर बर्लिन तक चीनी राजदूत उस समय आक्रामक कूटनीतिक रुख अपना लेते हैं जब उनके देश पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई न करने का आरोप लगाया जाता है। वे ‘‘वुल्फ वॉरियर’ राजनयिकों की नयी पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें यह नाम एक ब्लॉकबास्टर देशभक्त फिल्म के नाम पर दिया गया है जिसमें एक चीनी कमांडो अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया में बुरे अमेरिकियों की हत्या करता है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीनी राजनयिक सख्त रुख ही अपनाते रहे हैं। अपने मुखर विचारों के लिए पहचाने जाने वाले सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘वे बीते दिनों की बात है जब दूसरे लोग चीन को नियंत्रित कर सकते थे। चीन के लोग अब नरम कूटनीतिक रुख से संतुष्ट नहीं हैं।’’
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स्वीडन में राजदूत गुई कोंगक्योउ ने पत्रकारों पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना एक ऐसे हल्के मुक्केबाज से की जो भारी भरकम मुक्केबाज से कांटे की टक्कर चाहता है। दूतावास की वेबसाइट पर पिछले महीने एक कमेंट्री में स्वीडन के पत्रकार पर उस लेख के लिए निशाना साधा गया था जो चीन में एक पार्टी की राजनीतिक व्यवस्था के वायरस से निपटने के उसके तरीके पर पड़ने वाले असर पर आधारित था। विशेषज्ञों का मानना है कि बीजिंग आलोचकों को न केवल उसके कार्यों बल्कि उसके नेतृत्व और शासन करने के अधिकार पर हमले के तौर पर देखता है। रेनमिन विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफेसर शी यिनहोंग ने कहा, ‘‘अगर कोई इस मुद्दे पर चीन पर हमला करने की कोशिश करता है तो चीन सख्ती से पलटवार करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीनी नेता मानते हैं कि अगर चीन पलटवार नहीं करता है तो यह चीन को और अधिक नुकसान पहुंचाएगा।
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