खुफिया प्रमुख के तौर पर ट्रंप ने विवादित सांसद जॉन रैटक्लिफ को चुना

डोनाल्ड ट्रम्प ने रिपब्लिकन सांसद जॉन रैटक्लिफ को शुक्रवार को अपना खुफिया प्रमुख नामित करने की घोषणा की। रैटक्लिफ ट्रम्प का मुखरता से बचाव करते रहे हैं। वे कई बार फॉक्स न्यूज पर आकर खुफिया समुदाय के इस निष्कर्ष को खारिज कर चुके हैं कि रूस ने 2016 में ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के अभियान में हस्तक्षेप किया था।
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रिपब्लिकन सांसद जॉन रैटक्लिफ को शुक्रवार को अपना खुफिया प्रमुख नामित करने की घोषणा की जिससे इस अहम पद को लेकर नया विवाद पैदा हो गया है। स्थायी खुफिया प्रमुख का पद महीनों से खाली पड़ा है। ट्रम्प के 53 वर्षीय वफादार रैटक्लिफ को गत वर्ष जुलाई में डैन कोट्स के इस्तीफे के बाद राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नामित किया गया था लेकिन डेमोक्रेट्स की कड़ी आलोचना और प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसदों की ठंडी प्रतिक्रिया के बाद उनका नाम वापस ले लिया गया।
I am pleased to announce the nomination of @RepRatcliffe (Congressman John Ratcliffe) to be Director of National Intelligence (DNI). Would have completed process earlier, but John wanted to wait until after IG Report was finished. John is an outstanding man of great talent!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 28, 2020
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ट्रम्प ने फिर आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ जोसेफ मैकगुरे को कार्यकारी निदेशक नामित किया लेकिन मैकगुरे को 20 फरवरी को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा जब एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कांग्रेस को बताया कि रूस ट्रम्प को चुनाव जीताने के लिए फिर से समर्थन कर रहा है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अन्य वफादार रिचर्ड ग्रेनेल को दो सप्ताह पहले नियुक्त किया लेकिन जर्मनी के पूर्व राजदूत के पास कोई प्रासंगिक अनुभव नहीं है।
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कुछ खुफिया विशेषज्ञ ट्रम्प के ताजा नामांकन को एक चाल के तौर पर देखते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि ग्रेनेल इस पद पर टिके रहे। टेक्सास विश्वविद्यालय के सुरक्षा कानून प्रोफेसर स्टीव व्लादेक ने कहा, ‘‘रैटक्लिफ के नामांकन को खारिज किए जाने या वापस लिए जाने के बाद रिचर्ड ग्रेनेल 11 मार्च के बाद तक तथा 210 और दिनों के लिए कार्यकारी डीएनआई के पद पर रह सकेंगे।’’ रैटक्लिफ ट्रम्प का मुखरता से बचाव करते रहे हैं। वे कई बार फॉक्स न्यूज पर आकर खुफिया समुदाय के इस निष्कर्ष को खारिज कर चुके हैं कि रूस ने 2016 में ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के अभियान में हस्तक्षेप किया था।
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