कोरोना वायरस दवा के बड़े पैमाने पर उत्पादन में भारत को अहम भूमिका निभानी होगी: फ्रांस

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फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनाइन ने कहा है कि एक बार कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार मिल जाए उसके बाद भारत को पड़े पैमाने पर दवा और टीके के उत्पादन में अहम भूमिका निभानी होगी। दुनिया भर में दर्जनों शोधकर्ता कोरोना वायरस की दवा तैयार करने के काम में दिन रात जुटे हुए हैं।

नयी दिल्ली। फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनाइन ने कहा है कि एक बार कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार मिल जाए उसके बाद भारत को पड़े पैमाने पर दवा और टीके के उत्पादन में अहम भूमिका निभानी होगी। दुनिया भर में दर्जनों शोधकर्ता कोरोना वायरस की दवा तैयार करने के काम में दिन रात जुटे हुए हैं। विश्व में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 3.30 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं जबकि 50 लाख से अधिक संक्रमित है।

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फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनाइन ने ‘पीटीआई-भाषा’को दिए साक्षात्कार में कहा,‘‘ अगर हम चाहते हैं कि कोविड-19 की दवा और टीका आने के बाद दुनिया भर में उसका समान वितरण हो तो इसके लिए देशों के बीच समन्वय की बहुत आवश्यकता है। दवाओं और टीकों के उत्पादक देश के तौर पर भारत को अहम भूमिका निभानी होगी।’’ दरअसल भारत दुनियाभर में टीकों और जेनेरिक दवाओं का अग्रणी निर्माता देश है।

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देश के अनेक शोध संस्थान कोरोना वायरस संक्रमण की दवा तलाशने में लगे हुए हैं। फ्रांस के राजदूत का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब बड़ी संख्या में देश और यूरोपीय संघ ऐसे प्रयास कर रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार की कोई भी दवा अथवा टीके का व्यापक पैमाने पर उत्पादन हो ताकि सभी तक इसकी न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित हो सके। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की दो दिवसीय बैठक में भी यह मुद्दा जोर शोर से उठा था और कई देशों ने सभी देशों के लिए दवा उपलब्ध कराने की मांग की थी। उनका कहना था कि ऐसे नहीं हो कि सारी दवाएं अमीर देशों के पास पहुंच जाएं।

राजदूत ने कहा,‘‘फ्रांस और भारत ने महामारी से निपटने के लिए सभी जरूरी उत्पादों के वैश्विक, समयबद्ध और न्यायसंगत पहुंच केयूरोपीय प्रस्ताव(डब्ल्यूएचओ में) का समर्थन किया है साथ ही कोविड-19 के प्रति गहन प्रतिरोधी क्षमता की भूमिका को वैश्विक जन स्वास्थ्यके तौर पर रेखांकित किया है।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट ने यह भी दिखाया है कि फ्रांस और भारत जिस बहुतावाद की वकालत करते हैं, वह वर्तमान सदी के लिए सही विकल्प है।

उन्होंने कहा,‘‘स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसेप्रमुख मुद्दे जो पूरी दुनिया के भविष्य का खाका तैयार करते हैं, उनसे अकेले नहीं निपटा जा सकता।’’ फ्रांस के राजदूत ने कहा कि इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती मरीजों के उपचार के लिए जरूरी दवाएं भेजने के लिए फ्रांस भारत का ‘बहुत आभारी’ है। यह पूछे जाने पर कि कोरोना वायरस कहां पैदा हुआ इस संबंध में वैश्विक जांच की जरूरत है, लेनाइन ने कहा ,‘‘कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद यकीनन इसकी जरूरत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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