80 करोड़ लोगों को मिलेगा 3 महीने का राशन, जानें कोरोना से जंग में सरकार का पूरा एक्शन प्लान

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अभिनय आकाश । Mar 26 2020 9:01AM

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने अब हर गरीब व्यक्ति को महीने में 7 किलो राशन देने का फैसला लिया है। यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा स्कीम है।

देशभर में तेजी से कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। अभी तक संक्रमितों की संख्या 600 को पार कर चुकी है. जिसमें 553 अभी संक्रमित हैं और42 ठीक हो चुके हैं। जबकि इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या  12 है। देशभर में फैले कोरोना संकट पर केंद्र सरकार ने कुछ बड़े ऐलान किए हैं। सरकार ने देश के 80 करोड़ लोगों को 2 रूपए प्रति किलो के हिसाब से गेहूं और तीन रूपए प्रति किलो के हिसाब से चावल देने का ऐलान किया है। कोरोना वायरस के चलते यह फैसला अगले तीन महीने तक लागू रहेगा। 

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 यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को स्थापित करने को भी मंजरी दी है. साथ ही इन बैंकों के पुनर्पूंजीकरण को भी मंजूरी दी गई है।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने अब हर गरीब व्यक्ति को महीने में 7 किलो राशन देने का फैसला लिया है। यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा स्कीम है।

27 रूपए वाला गेहूं  2 रूपए किलो में मिलेगा: गेहूं की कीमत रिटेल मार्केट में 27 रुपये प्रति किलो है, जबकि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत महज 2 रूपए किलोग्राम की दर से मुहैया कराया जाएगा।  

चावल 3 रूपए प्रति किलो: ₹37/किलोग्राम की कीमत वाला चावल ₹3 रुपए की दर से दिया जाएगा।

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सभी राज्यों को पीडीएस के माध्यम से वितरण के लिए केंद्र से खाद्यान्न लेने के लिए कहा गया है। बता दें कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) भारतीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली है। भारत में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन तथा भारत सरकार द्वारा स्थापित और राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप भारत के गरीबों के लिए सब्सिडी वाले खाद्य और गैर खाद्य वस्तुओं वितरित करता है। इससे पहले तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम कानून (एनएफएसए) के तहत, सरकार 80 करोड़ से अधिक लोगों को अत्यधिक रियायती मूल्य पर प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न की आपूर्ति कर रही है। लेकिन अब हर गरीब व्यक्ति को महीने में 7 किलो राशन देने का फैसला लिया है। 

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