शिवराज का ऐलान, 19 अप्रैल से दोबारा शरू होगी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना

shivraj singh chauhan

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू किए जाने से संबंधित तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा, ‘‘जीवनकाल में एक बार किसी बड़े तीर्थस्थान की यात्रा करने के बुजुर्गों के सपने को साकार करने का काम मध्य प्रदेश सरकार ने किया है।

भोपाल। मध्य प्रदेश की भाजपा नीत सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना 19 अप्रैल से दोबारा शुरू करने जा रही है। इस दिन प्रदेश के तीर्थयात्री भोपाल स्थित रानी कमलापति स्टेशन से एक विशेष ट्रेन के जरिये वाराणसी रवाना होंगे। वर्ष 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से मिली हार और फिर उसके बाद कोरोना वयरस महामारी के चलते यह योजना बंद थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू किए जाने से संबंधित तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा, ‘‘जीवनकाल में एक बार किसी बड़े तीर्थस्थान की यात्रा करने के बुजुर्गों के सपने को साकार करने का काम मध्य प्रदेश सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को पूरी तैयारियों के साथ 19 अप्रैल से एक बार फिर प्रारंभ किया जा रहा है।’’ शिवराज ने संबंधित विभागों और एजेंसियों को तीर्थ-यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वह खुद 19 अप्रैल को दोपहर दो बजे भोपाल स्थित रानी कमलापति स्टेशन से रवाना होने वाली विशेष ट्रेन में सवार तीर्थयात्रियों से भेंट करने पहुंचेंगे। इन यात्रियों को वाराणसी में विश्वनाथ धाम के साथ-साथ संत रविदास और संत कबीर दास के जन्मस्थल के भी दर्शन करवाए जाएंगे। पहले जत्थे के तीर्थयात्रियों की वापसी 22 अप्रैल को होगी।

शिवराज ने तैयारियों का जायजा लिया और यात्रा अवधि में तीर्थस्थल पर तीर्थयात्रियों के लिए रहने-खाने सहित अन्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत कर देश में अलग स्थान बना चुका है और राज्य सरकार को बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद दोबारा शुरू हो रही योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। निर्धारित कार्यक्रम के तहत तीर्थयात्रियों का पहला जत्था भोपाल से 19 अप्रैल की दोपहर रवाना होगा और 20 अप्रैल की सुबह वाराणसी पहुंचेगा। 20 और21 अप्रैल को तीर्थयात्री बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर गंगा आरती में शामिल होंगे। 22 अप्रैल को अपने गृह राज्य लौटेंगे। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत पहले जत्थे में भोपाल संभाग के चार जिलों और सागर संभाग के तीन जिलों के 974 तीर्थयात्री वाराणसी जाएंगे। एक अधिकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की पात्रता के लिए मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी है। इसके अलावा, तीर्थयात्री की उम्र 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। हालांकि, महिलाओं के संदर्भ में दो वर्ष की छूट दी जाती है। 

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अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्री आयकरदाता नहीं होना चाहिए। उसका शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। वह किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त न हो, यह भी आवश्यक है। यात्रा में सक्षम 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग व्यक्ति के लिए आयु सीमा का बंधन नहीं है। अधिकारी के अनुसार, योजना के तहत जो व्यक्ति तीर्थयात्रा करके लौटेगा, वह पांच साल के बाद ही दोबारा यात्रा के लिए पात्र होगा। उन्होंने बताया कि योजना के संचालन के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) को एजेंसी बनाया गया है। अधिकारी के मुताबिक, तीर्थयात्रियों की पंजीयन प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और ऑनलाइन करने के लिए मैप आईटी एक पोर्टल भी बना रहा है। ट्रेन के टूर पैकेज में ऑन बोर्ड एवं ऑफ बोर्ड भोजन, सड़क परिवहन, बजट, आवास, टूर गाइड सेवा भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि ट्रेन में राज्य सरकार द्वारा एक चिकित्सक और सहायक स्वास्थ्यकर्मी के साथ दवाइयों की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अलावा, सुरक्षा के लिए रेलवे के सुरक्षाबलों के साथ ही राज्य सरकार के सुरक्षाकर्मी भी भेजे जाते हैं। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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