बिहार चुनाव से पहले बाबरी विध्वंस मामले में कोर्ट के फैसले से भाजपा को मिली नयी ऊर्जा

भाजपा के एक नेता ने कहा कि आज के फैसले से यह साबित हो गया है कि रामजन्मभूमि आंदोलन अपने पीछे एक ऐसी गौरवपूर्ण विरासत छोड़ गया है, जिसमें उसे रक्षात्मक होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सीबीआई चाहे तो इस मामले में वह उच्च अदालत में अपील कर सकती है लेकिन इसकी संभावना कम ही दिख रही है।
अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले। आरोपियों में साध्वी ऋतम्भरा,चंपत राय और महंत नृत्य गोपाल दास भी थे। ये सभी आंदोलन का हिस्सा थे। गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। यह फैसला सुनिश्चित करेगा कि भाजपा जहां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की सफलता को अपनाएगी वहीं वह मस्जिद ध्वस्त करने के मामले में खुद को कानूनी रूप से अलग कर सकेगी। इसके साथ ही अब विपक्षी दलों के हाथों से वह हथियार भी छिन गया है जिसमें वह मस्जिद ढहाए जाने को लेकर भाजपा को जिम्मेवार ठहराती रही है। यह रामजन्मभूमि आंदोलन और आडवाणी की 1990 की रथ यात्रा ही थी जिसने विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने के लिए जनता को एकजुट करने का काम किया। इसी सब से यह मामला राजनीति के केंद्र में आया और फिर इसने भाजपा को केंद्र की राजनीति में कांग्रेस के विकल्प के तौर पर स्थापित करने में मदद की। आंदोलन के हिस्से के रूप में बड़ी संख्या में कार सेवकों को विवादित स्थल पर बुलाया गया था, जिसके बाद यह ढांचा गिराया गया था।जय श्री राम ।६ डिसेम्बर की घटना का प्रत्यक्षदर्शी हूँ मैं।आडवाणीजी को मिला न्याय। pic.twitter.com/fjAPxdC09a
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 30, 2020
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आडवाणी ने ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया और अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘‘रामजन्मभूमि आंदोलन’’ को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है। आडवाणी इस मामले के 32 आरोपियों में एक और रामजन्मभूमि आंदोलन के अगुवा थे। राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा शुरू की थी। आडवाणी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘विशेष अदालत का आज का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह हम सबके लिए खुशी का प्रसंग है। जब हमने अदालत का निर्णय सुना तो हमने जय श्री राम का नारा लगाकर इसका स्वागत किया।’’ बाद में एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, ‘‘यह रामजन्मभूमि आंदोलन को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं धन्य महसूस करता हूं कि यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2019 के ऐतिहासिक फैसले के पदचिह्नों पर है जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मेरे सपने का मार्ग प्रशस्त किया, जिसका शिलान्यास पांच अगस्त 2020 को किया गया।’’ भाजपा के एक नेता ने कहा कि आज के फैसले से यह साबित हो गया है कि रामजन्मभूमि आंदोलन अपने पीछे एक ऐसी गौरवपूर्ण विरासत छोड़ गया है, जिसमें उसे रक्षात्मक होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सीबीआई चाहे तो इस मामले में वह उच्च अदालत में अपील कर सकती है लेकिन इसकी संभावना कम ही दिख रही है। भाजपा नेताओं ने अदालत के फैसले को सत्य और न्याय की जीत बताते हुए स्वागत किया है।
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