भाजपा सांसद का बयान, प्रवासी मजदूरों की बदहाली के लिए इंदिरा गांधी जिम्मेदार

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बलिया से भाजपा सांसद ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश की संसद तथा राज्यों के विधान मंडलों से संशोधित नागरिकता विधेयक पारित करा दिया है।

बलिया (उप्र)। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने प्रवासी मजदूरों की बदतर स्थिति का ठीकरा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर फोड़ते हुए कहा कि अगर इंदिरा ने दत्तोपंत ठेंगड़ी का फार्मूला मान लिया होता तो मजदूरों की ऐसी हालत नहीं होती। सिंह ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से बातचीत में प्रवासी मजदूरों की बदतर स्थिति के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा ‘‘ वर्ष 1971 में बैंकों तथा उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करते समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा ने हमारे नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी के फार्मूले को मान लिया होता और उद्योगों तथा बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने के बजाय उद्योगों का मजदूरीकरण, मजदूरों का राष्ट्रीयकरण तथा राष्ट्र का औद्योगिकीकरण कर दिया होता तो आज देश के सामने प्रवासी कामगारों के पलायन के हालात पैदा ही नहीं होते।’’ ठेंगड़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और स्वदेशी जागरण मंच के संस्थापक थे। 

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बलिया से भाजपा सांसद ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश की संसद तथा राज्यों के विधान मंडलों से संशोधित नागरिकता विधेयक पारित करा दिया है। देश में पहली बार मोदी सरकार ने यह स्थापित किया है कि कोई सरकार अपने घोषणा पत्र के अनुसार काम कर रही है। उन्होंने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने को भी मोदी सरकार की अहम उपलब्धि करार दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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