उत्तर प्रदेश में सपा दफ्तर के बाहर चला बुलडोजर, अवैध दुकानों को किया गया ध्वस्त

Bulldozer action
प्रतिरूप फोटो
ANI
अंकित सिंह । Aug 31 2022 3:22PM

नगर निगम का दावा है कि नोटिस के बावजूद भी दुकानदारों ने अतिक्रमण नहीं हटाया था। इसके बाद से यह कार्रवाई की गई है। वहीं दुकानदारों का आरोप है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। जिस महिला ने सिर मुड़वाया है, उसने कहा कि मेरे दुकानदार सीधे हैं। वह बोल नहीं पाए।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर नगर निगम की कार्रवाई देखने को मिली है। दरअसल, नगर निगम ने यहां बने अवैध दुकानों पर बुलडोजर चलाया है। हालांकि, दुकानदारों से अपनी दुकानों को हटाने के लिए 6 महीने पहले ही नोटिस दे दिए गए थे। जब बुलडोजर की कार्रवाई हो रही थी, उस दौरान विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला। निगम की कार्रवाई के विरोध में एक महिला दुकानदार ने अपना सिर मुड़वा लिया। नगर निगम का दावा है कि नोटिस के बावजूद भी दुकानदारों ने अतिक्रमण नहीं हटाया था। इसके बाद से यह कार्रवाई की गई है। वहीं दुकानदारों का आरोप है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। जिस महिला ने सिर मुड़वाया है, उसने कहा कि मेरे दुकानदार सीधे हैं। वह बोल नहीं पाए।

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इसके साथ ही दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि सोनम किन्नर की वजह से सभी दुकानें टूटी है। उसका मकान अवैध है, लेकिन वह नहीं टूटा है। महिला का यह भी आरोप है कि यहां और भी अवैध मकान और दुकानें हैं। लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हमारे साथ न्याय नहीं होता है, तब तक वह अपने सिर पर बाल नहीं आने देगी। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विक्रमादित्य मार्ग पर सपा दफ्तर के सामने बनीं अस्थायी दुकानें अवैध रूप से स्थापित की गई थीं जिन्हें हटाने के लिए छह महीने पहले से नोटिस भेजे जा रहे थे। 

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अधिकारी ने कहा कि नोटिस के बाद भी दुकानों को नहीं हटाए जाने पर बुधवार को नियमित कार्रवाई के दौरान उन्हें बुलडोजर चलाकर ढहा दिया गया। उन्होंने बताया कि दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने के लिए समय दिया गया था और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले उसका ऐलान भी कराया गया था। अधिकारी के अनुसार वो दुकानें रेलवे के अधिकारियों के बंगलों के ठीक सामने बनाई गई थीं जिनकी वजह से अक्सर वहां यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न होती थी। गौरतलब है कि ढहायी गई दुकानों पर समाजवादी पार्टी के झंडे, बैनर, पोस्टर और प्रचार सामग्री इत्यादि बेची जाती थी और ये दुकानें वर्ष 2001 से यहां चल रही थीं। 

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