Chief Minister को सहकारी बैंक की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का अधिकार नहीं : अदालत

Bombay High Court
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न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मीकि एस ए मेनेजेस की खंडपीठ ने तीन मार्च को सुनाए आदेश में कहा कि शिंदे का फैसला ‘‘पूरी तरह से अनुचित और उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर था।’’

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चंद्रपुर डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के फैसले को रद्द कर दिया है। अदालत ने कहा है कि मुख्यमंत्री के पास संबंधित मंत्री द्वारा किए गए फैसले की समीक्षा या संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मीकि एस ए मेनेजेस की खंडपीठ ने तीन मार्च को सुनाए आदेश में कहा कि शिंदे का फैसला ‘‘पूरी तरह से अनुचित और उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर था।’’

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अदालत ने यह फैसला सहकारी बैंक और संतोष सिंह रावत नाम के एक व्यवसायी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनाया। संतोष सिंह रावत को शिंदे के फैसले का विरोध करते हुए बैंक का अध्यक्ष चुना गया था। याचिका के अनुसार, मुख्यमंत्री ने स्थानीय नेताओं के कहने पर आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ‘‘कार्य नियमावली व निर्देशों’’ के तहत प्रभारी मंत्री द्वारा किए गए निर्णय की समीक्षा या संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री शिंदे ने नवंबर 2022 में सहकारी बैंक की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

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