गोवा की इस सीट पर पिछले तीन दशकों से है कांग्रेस एक छत्र राज, इस बार मैदान में हैं प्रभावशाली परिवारों के तीन राणे
प्रताप सिंह राणे ने पहली बार 1972 में इस सीट से चुनाव लड़ा था, जिसे तब सत्तारी के नाम से जाना जाता था। 1989 में इसका नाम बदलकर पोरियम कर दिया गया। प्रताप सिंह राणे लगातार 11 बार विधायक रहे हैं और अलग-अलग अवधि में वह छह बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे।
पोरियम विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है, जिसका गोवा के छह बार मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे ने कांग्रेस विधायक के रूप में लगभग पांच दशकों तक प्रतिनिधित्व किया। राणे (83) इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा ने उनकी बहू देविया राणे को पोरियम से मैदान में उतारा है। इस सीट पर तीन राणे के बीच मुकाबला है। कांग्रेस ने रणजीत सिंह राणे को उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार विश्वजीत कृष्णा राणे इस सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले दो चुनावों में वो दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन उस वक्त वो बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में थे। कांग्रेस उम्मीदवार रणजीत सिंह राणे के पिता जयसिंह राणे इस विधानसभा के पहले विधायक थे। तीनों ही राणे इलाके के प्रभावसाली परिवारों से आते हैं।
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पोरियम विधानसभा सीट का इतिहास
प्रताप सिंह राणे ने पहली बार 1972 में इस सीट से चुनाव लड़ा था, जिसे तब सत्तारी के नाम से जाना जाता था। 1989 में इसका नाम बदलकर पोरियम कर दिया गया। प्रताप सिंह राणे लगातार 11 बार विधायक रहे हैं और अलग-अलग अवधि में वह छह बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे। उनके बेटे विश्वजीत 2017 से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं और 2007 से वालपोई से विधायक हैं।
इस सीट पर मतदाताओं की संख्या
उत्तरी गोवा के अंतर्गत आने वाली पोरियम विधानसभा सीट जहां से बीजेपी के श्रीपद नाइक लोकसभा सांसद हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 30 हजार 694 मतदाता थे। मौजूदा वर्त में यहां 32 हजार 552 मतदाता हैं। जिसमें पुरुषों की संख्या 16 हजार 177 और महिलाओं की 16 हजार 365 है।
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