देश के आईआईटी, छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने वाले मंदिरों के समान: धर्मेन्द्र प्रधान

Dharmendra Pradha
ANI

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अपने समाज की बेहतरी के लिये नवाचार कर रहा है क्योंकि हमारे देश की संस्कृति समाज को वापस देने की है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास की तकनीकी ताकत के कारण भारत वर्ष 2023 के अंत तक स्वदेशी 5जी प्रौद्योगिकी ला सकेगा।

नयी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि देश के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ऐसे मंदिर हैं जो छात्रों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करते हैं तथा मानवता के भविष्य को आकार प्रदान करते हैं। शिक्षा मंत्री प्रधान ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास में एक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधान ने कहा, ’’ देश के आईआईटी केवल शैक्षणिक संस्थान ही नहीं हैं बल्कि वे ऐसे मंदिर हैं जो वैज्ञनिक सोच सृजित करते हैं तथा मानवता के भविष्य को आकार प्रदान करते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे समाज को इन आईआईटी से काफी उम्मीदें हैं। आईआईटी में पढ़ने वाले हमारे छात्र वृद्धि एवं विकास के ध्वजवाहक हैं।’’ 

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अपने समाज की बेहतरी के लिये नवाचार कर रहा है क्योंकि हमारे देश की संस्कृति समाज को वापस देने की है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास की तकनीकी ताकत के कारण भारत वर्ष 2023 के अंत तक स्वदेशी 5जी प्रौद्योगिकी ला सकेगा। इस अवसर पर प्रधान ने आईआईटी मद्रास की वर्ष 2021-27 की सामरिक योजना जारी की जिसमें संस्थान के महात्वाकांक्षी विकास चरणों का प्रस्ताव किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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