देश की संसद ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर दी श्रद्धांजलि

Martyr Day
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Common

संसद के दोनो सदनों में इस मौके पर राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को शहीद दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभापति ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने शहादत दी ताकि सभी लोग आजादी और सम्मान से जीवन जी सकें।

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था, इसलिए उनकी शहादत को नमन करने लिए 23 मार्च को ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। संसद के दोनो सदनों में इस मौके पर राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को शहीद दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की। उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने शहीद दिवस का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारी स्वतंत्रता के इन नायकों ने आज ही के दिन 1931 में भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। छोटी से उम्र में दिए गए उनके सर्वोच्च बलिदान ने देश की आजादी के आंदोलन को निर्णायक दिशा दी।’’ सभापति ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने शहादत दी ताकि सभी लोग आजादी और सम्मान से जीवन जी सकें। उन्होंने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

वहीं, लोकसभा ने बृहस्पतिवार को ‘शहीद दिवस’ पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी। सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शहीद दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि 1931 में आज के ही दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। बिरला ने कहा कि तीनों महापुरुषों ने सर्वोच्च बलिदान देकर स्वाधीन और सशक्त राष्ट्र की नींव रखी। उन्होंने पूरे सदन और राष्ट्र की ओर से तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।

इसे भी पढ़ें: Earthquake के दौरान ऑपरेशन थियेटर में हिल रहे थे सारे उपकरण, लेकिन सर्जरी कर रहे डॉक्टर कर्तव्य से जरा भी नहीं डिगे

शहीद दिवस के मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के गांव में राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब और पंजाबियों के शानदार योगदान को दर्शाने वाली एक विरासत सड़क बनवाने की घोषणा की। मान ने कहा कि मौजूदा संग्रहालय से खटकड़ कलां स्थित शहीद भगत सिंह के पैतृक आवास तक 850 मीटर लंबी विरासत सड़क का निर्माण किया जाएगा। मान ने कहा कि वह पहले ही पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को इस परियोजना को गति देने का निर्देश दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले महान शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए राज्य सरकार कर्तव्यबद्ध है। उन्होंने कहा, हम सभी को शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए कड़े प्रयास करने होंगे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़