कृषि कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का साथ देने के लिए पंजाब से आ रहे और किसान

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भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी के निकट प्रदर्शनस्थलों की ओर खनौरी और डबवाली सीमाओं से हजारों किसान मार्च करेंगे। संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि जो नये जत्थे आ रहे हैं, उनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं।

चंडीगढ़। केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक महीने से आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए शनिवार को पंजाब से किसानों के कई जत्थे राशन और अन्य आवश्यक सामान अपने साथ लेकर दिल्ली की सीमाओं की ओर बढ़े। किसान यूनियन के नेताओं के अनुसार संगरूर, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर और बठिंडा जिलों समेत विभिन्न स्थानों से किसान सिंघू और टिकरी बॉर्डरों की ओर बढ़ रहे है। उन्होंने शनिवार को पंजाब के कई हिस्सों में कोहरे और शीत लहर की स्थिति के बावजूद यात्रा शुरू की। ट्रैक्टर ट्रॉली, कारों और अन्य वाहनों से बुजुर्गों और महिलाओं सहित किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं की ओर बढ़ रहे है। इन वाहनों को अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर देखा गया। ऐसा लगता था कि किसानों को लंबे समय तक रहने के लिए तैयार किया गया है क्योंकि उनकी ट्रॉलियों में उनका राशन और अन्य आवश्यक सामान भी था। 

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भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी के निकट प्रदर्शनस्थलों की ओर खनौरी और डबवाली सीमाओं से हजारों किसान मार्च करेंगे। संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि जो नये जत्थे आ रहे हैं, उनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। इस बीच शनिवार को हरियाणा में करनाल, सिरसा, रोहतक और झज्जर जिलों समेत कई स्थानों पर आंदोलनकारी किसानों ने कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूले जाने में व्यवधान उत्पन्न किया। हालांकि गुरूग्राम और पलवल जिलों में विभिन्न टोल प्लाजा पर कामकाज सामान्य रहा। गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और देश के विभिन्न हिस्सों से आये किसान केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर पिछले लगभग एक महीने से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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